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युवाओं को मशरूम की खेती की निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे रिटायर्ड जवान - मुरादाबाद में मशरूम की खेती

कहते है अगर मन मे कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र कभी आड़े नहीं आती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मुरादाबाद के रहने वाले सीआरपीएफ के रिटायर्ड जवान चंद्रप्रकाश ने. चंद्रप्रकाश बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नि:शुल्क मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.

पानी की बोतल में उगाया जा रहा मशरूम
पानी की बोतल में उगाया जा रहा मशरूम
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Published : Dec 6, 2020, 4:39 PM IST

मुरादाबाद: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को आत्‍मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का संदेश लगातार देते आ रहे हैं. आत्म निर्भर बनने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. सीआरपीएफ में रहकर 22 साल तक देश की सेवा करने वाले चंद्र प्रकाश आर्य अब एक प्रतिभाशाली किसान के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं. साथ ही बेरोजगार युवाओं को मशरूम की खेती के तकनीकी गुर भी सिखा रहे हैं, जिसे सीखकर युवा आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

पानी की बोतल में उगाया जा रहा मशरूम
एक प्रतिभाशाली किसान बनने के बाद क्या कहते है पूर्व सीआरपीएफ जवानमुरादाबाद के रहने वाले चंद्र प्रकाश का कहना है कि सेना से रिटायर्ड होने के बाद उनका समाज के लिए कुछ करने का उनका मन था. इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न किसी ऐसी चीज की खेती की जाए, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंच सके. इस सोच को लेकर उन्होंने मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लेकर मशरूम को उगाना शुरू कर दिया. आज वह मशरूम की अपनी यूनिट से बहुत अच्छा उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसकी खेती मात्र 60 दिन में तैयार तो ही जाती है. साथ ही मुनाफा भी ज्यादा हो जाता है. सारा माल यूनिट से ही हाथों हाथ बिक जाता है.

चंद्र प्रकाश हर तीसरे दिन उनके यूनिट पर आने वालों बेरोजगार युवाओं को मशरूम की खेती के तकनीकी गुर सिखा रहे हैं. उन्होंने बताया कि छोटे से कमरे में मशरूम की खेती के लिए भूसा, पॉलीथिन, टेम्परेचर आदि को मेंटेन करना पड़ता है, जिस समान को हम फेंक देते है, उसको मशरूम की खेती के लिए भी किया जा सकता है. बेरोजगार मिलन भी चंद्र प्रकाश से मशरूम का प्रशिक्षण लेकर अपनी यूनिट लगाने की तैयारी कर रहे हैं. प्रशिक्षार्थी मिलन क्षेत्री का कहना है कि "यह बहुत अच्छा काम है. यह काम कम जगह में कम समय में और कम पैसों से शुरू होकर ज्यादा मुनाफा देने वाला है. सेहत के प्रति जागरूक रहने वाले लोग मशरूम को काफी पसंद भी करते हैं. पहली बार हमने देखा किस, जिस पानी की बोतल को हम लोग फेंक देते हैं, यहा पर उसमें मशरूम की खेती की जा रही है.

मुरादाबाद: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को आत्‍मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का संदेश लगातार देते आ रहे हैं. आत्म निर्भर बनने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. सीआरपीएफ में रहकर 22 साल तक देश की सेवा करने वाले चंद्र प्रकाश आर्य अब एक प्रतिभाशाली किसान के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं. साथ ही बेरोजगार युवाओं को मशरूम की खेती के तकनीकी गुर भी सिखा रहे हैं, जिसे सीखकर युवा आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

पानी की बोतल में उगाया जा रहा मशरूम
एक प्रतिभाशाली किसान बनने के बाद क्या कहते है पूर्व सीआरपीएफ जवानमुरादाबाद के रहने वाले चंद्र प्रकाश का कहना है कि सेना से रिटायर्ड होने के बाद उनका समाज के लिए कुछ करने का उनका मन था. इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न किसी ऐसी चीज की खेती की जाए, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंच सके. इस सोच को लेकर उन्होंने मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लेकर मशरूम को उगाना शुरू कर दिया. आज वह मशरूम की अपनी यूनिट से बहुत अच्छा उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसकी खेती मात्र 60 दिन में तैयार तो ही जाती है. साथ ही मुनाफा भी ज्यादा हो जाता है. सारा माल यूनिट से ही हाथों हाथ बिक जाता है.

चंद्र प्रकाश हर तीसरे दिन उनके यूनिट पर आने वालों बेरोजगार युवाओं को मशरूम की खेती के तकनीकी गुर सिखा रहे हैं. उन्होंने बताया कि छोटे से कमरे में मशरूम की खेती के लिए भूसा, पॉलीथिन, टेम्परेचर आदि को मेंटेन करना पड़ता है, जिस समान को हम फेंक देते है, उसको मशरूम की खेती के लिए भी किया जा सकता है. बेरोजगार मिलन भी चंद्र प्रकाश से मशरूम का प्रशिक्षण लेकर अपनी यूनिट लगाने की तैयारी कर रहे हैं. प्रशिक्षार्थी मिलन क्षेत्री का कहना है कि "यह बहुत अच्छा काम है. यह काम कम जगह में कम समय में और कम पैसों से शुरू होकर ज्यादा मुनाफा देने वाला है. सेहत के प्रति जागरूक रहने वाले लोग मशरूम को काफी पसंद भी करते हैं. पहली बार हमने देखा किस, जिस पानी की बोतल को हम लोग फेंक देते हैं, यहा पर उसमें मशरूम की खेती की जा रही है.

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