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बुलन्दशहर: चुनाव ड्यूटी न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR पर फिर से विचार की तैयारी

लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मियों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. कर्मचारियों के लिए तत्कालीन सीडीओ के द्वारा कराई गई एफआईआर अभी भी इनके लिए परेशानी बनी हुई है.

चुनावी ड्यूटी न करने वालों पर पुन: मंथन जारी
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Published : Jul 20, 2019, 1:47 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलन्दशहर: लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मियों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि उनमें से 12 कार्मिकों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया था, जिसके बाद उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी, लेकिन बचे हुए 52 कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था.

चुनावी ड्यूटी न करने वालों पर पुन: मंथन जारी

पिछले दिनों सीडीओ ईशा दुहन का बुलन्दशहर से मेरठ स्थानांतरण हो गया. हालांकि सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था.

क्या है पूरा मामला-

  • लोकसभा चुनाव के दौरान तरह-तरह के बहाने बनाकर लोगों ने चुनाव ड्यूटी करने से बचने की कोशिश की थी,
  • उस वक्त चुनावी माहौल था और प्रशासनिक स्तर पर बार-बार ऐसे लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए चेताया भी गया था.
  • लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मिकों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.
  • जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी,
  • उनमें से 12 कार्मियों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी.
  • बचे हुए 52 कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था.
  • पिछले दिनों ईशा दुहन का बुलन्दशहर से मेरठ स्थानांतरण हो गया
  • सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था.
  • लेकिन कर्मचारियों के लिए तत्कालीन सीडीओ के द्वारा कराई गई एफआईआर अभी भी इनके गले की फांस बनी हुई है
  • वर्तमान मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार रूंगटा का कहना है कि वो इन मामलों में लचीलापन अपना रहे हैं और आने इस विषय में पुन: विचार करने की तैयारी की जा रही है.

लोकसभा चुनाव के समय कुछ कर्मचारियों ने जानबूझ कर ड्यूटी करने से मना कर दिया था. कुछ पर एफ आई आर लगा दिया गया था कुछ अभी भी भटक रहे हैं हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की गयी है. इस पर विचार किया जायेगा कोई ठोस और वास्तविक कारण अगर होगा तो उसपर विचार किया जायेगा अगर किसी अन्य कारणों के कारण ड्यूटी में अगर लापरवाही किये हैं तो कोई विचार नहीं किया जायेगा.
-सुधीर कुमार रूंगटा,सीडीओ, बुलन्दशहर

बुलन्दशहर: लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मियों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि उनमें से 12 कार्मिकों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया था, जिसके बाद उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी, लेकिन बचे हुए 52 कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था.

चुनावी ड्यूटी न करने वालों पर पुन: मंथन जारी

पिछले दिनों सीडीओ ईशा दुहन का बुलन्दशहर से मेरठ स्थानांतरण हो गया. हालांकि सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था.

क्या है पूरा मामला-

  • लोकसभा चुनाव के दौरान तरह-तरह के बहाने बनाकर लोगों ने चुनाव ड्यूटी करने से बचने की कोशिश की थी,
  • उस वक्त चुनावी माहौल था और प्रशासनिक स्तर पर बार-बार ऐसे लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए चेताया भी गया था.
  • लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मिकों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.
  • जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी,
  • उनमें से 12 कार्मियों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी.
  • बचे हुए 52 कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था.
  • पिछले दिनों ईशा दुहन का बुलन्दशहर से मेरठ स्थानांतरण हो गया
  • सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था.
  • लेकिन कर्मचारियों के लिए तत्कालीन सीडीओ के द्वारा कराई गई एफआईआर अभी भी इनके गले की फांस बनी हुई है
  • वर्तमान मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार रूंगटा का कहना है कि वो इन मामलों में लचीलापन अपना रहे हैं और आने इस विषय में पुन: विचार करने की तैयारी की जा रही है.

लोकसभा चुनाव के समय कुछ कर्मचारियों ने जानबूझ कर ड्यूटी करने से मना कर दिया था. कुछ पर एफ आई आर लगा दिया गया था कुछ अभी भी भटक रहे हैं हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की गयी है. इस पर विचार किया जायेगा कोई ठोस और वास्तविक कारण अगर होगा तो उसपर विचार किया जायेगा अगर किसी अन्य कारणों के कारण ड्यूटी में अगर लापरवाही किये हैं तो कोई विचार नहीं किया जायेगा.
-सुधीर कुमार रूंगटा,सीडीओ, बुलन्दशहर

Intro:बुलंदशहर में 52 कामचोर कार्मिकों के लिए अच्छी खबर है,सामान्य लोकसभा निर्वाचन 2019 के दो चरण के चुनाव में ऐसे कार्मिकों के खिलाफ लापरवाही मिलने पर जिले की मुख्यविकास अधिकारी ने मुकदमा लिखाया था,जो कि चुनाव डयूटी और प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे थे, अब नवनियुक्त मुख्यविकास अधिकारी ने लचीलापन अपनाते हुए ऐसे कर्मचारियों को राहत पहुंचाने की बात कही है,विभाग की मंशा के मुताबिक आगामी दिवसों में इन लापरवाह कर्मचारियों के मुकदमे भी वापिस हो सकते हैं।

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Body:लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मिकों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कामचोर कर्मचारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई थी, हालांकि उनमें से 12 कार्मिकों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया था,जिसके बाद उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी, लेकिन 52 ऐसे कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था, इसके साथ ही अप्रैल महीने में कार्मिकों को वेतन भी जारी नहीं किया गया था,पिछले दिनों ईशा दुहन का बुलन्दशहर से इसी पड़ पर मेरठ स्थानांतरण हो गया हालांकि सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था ।
लेकिन चुनाव में डयूटी न करने वाले कर्मचारियों के लिए तत्कालीन सीडीओ के द्वारा कराई गई एफआईआर अभी भी इनके गले की फांस बनी हुई है, अब सभी लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी बराबर अपने साथ नरमी बरतने के लिए फरियादी बने घूम रहे हैं, तो वहीं मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर हाल ही में लखनऊ से स्थानांतरित होकर जिले में नवीन तैनाती पाए सुधीर कुमार रूंगटा का कहना है कि वह इस मामले को देख और समझ रहे हैं, और इस बारे में सारी चीजें समझने के बाद वह प्रयास करेंगे कि इसमें कुछ लचीलापन अपनाते हुए इन्हें राहत पहुंचाई जाए ।
हम आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान तरह-तरह के बहाने बनाकर लोगों ने चुनाव ड्यूटी करने से बचने की कोशिश की थी,जबकि उस वक्त चुनावी माहौल था और प्रशासनिक स्तर पर बार बार ऐसे लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को चेताया भी गया था कि वो बुलन्दशहर जनपद के दो लोकसभा क्षेत्रों में अपनी अपनी लगने वाली चुनाव डयूटी में अवश्य हिस्सा लें और डयूटी अवश्य करें ,लेकिन तब कार्मिकों को शायद ये अहसास नहीं था कि ऐसी लापरवाही इन कर्मचारियों के लिए महंगी पड़ सकती है।अब मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार रूंगटा का कहना है कि वो इन मामलों में लचीलापन अपना रहे हैं और आने वाले दिवसों में हो सकता है कि एफआईआर वापिस भी ली जा सके।
बाइट....सुधीर कुमार रूंगटा,सीडीओ बुलन्दशहर ।
पीटीसी...श्रीपाल तेवतिया


Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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