बुलंदशहर: यूपी के बुलंदशहर हिंसा के अभियुक्त शिखर अग्रवाल को प्रधानमंत्री जनजागरूकता अभियान नाम के एक संगठन ने जिला महामंत्री के तौर पर मनोनीत किया था. मामले की जाानकारी सामने आने पर लोगों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. इसके बाद शाम होते-होते शिखर को इस पद से हटा दिया गया. संस्था के जिला अध्यक्ष ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी कर अपनी सफाई पेश की है.
जिला अध्यक्ष प्रियतम कुमार प्रेम ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए लिखा है कि पत्रकार बंधुओं के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई थी कि शिखर अग्रवाल स्याना के चिंगरावठी कांड में आरोपित है. मामले की तुरंत जानकारी ली गई और शीर्ष नेताओं से बात कर शिखर को तत्काल जिला महामंत्री के पद से मुक्त कर दिया गया.
बुलंदशहर हिंसा मामले में गए थे जेल
बता दें कि शिखर अग्रवाल बुलंदशहर हिंसा मामले में पिछले साल गिरफ्तार हुए थे और इस समय जमानत पर बाहर हैं. बताया जा रहा है कि 14 जुलाई को शिखर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन मीडिया में खबर आने के बाद शिखर को इस पद से हटा दिया गया है. इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी बीजेपी पर जमकर हमला किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रिंयका गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा था.
प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
प्रियंका गांधी ने बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंसपेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी का एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया. इसके साथ उन्होंने लिखा "यूपी पुलिस में अपनी सेवाएं देते हुए शहीद हुए श्री सुबोध सिंह जी की पत्नी का बयान सुनिए. खबरों के अनुसार उनकी हत्या के आरोपी को आज भाजपा ने अपना पदाधिकारी बना दिया. उनकी पत्नी का सवाल एकदम जायज है. इस तरह से अपराधियों का मनोबल और बढ़ेगा.
इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी ने कही एनकाउंटर की बात
वहीं इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने तो हिंसा के अभियुक्त शिखर अग्रवाल की ताजपोशी पर अपनी वेदना रखी थी. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा 'ऐसे आरोपियों का महिमामंडन किया जाता है तो फिर विकास दुबे पैदा होते हैं, प्रदेश में हिंसा फैलाने वालों के एनकाउंटर होने चाहिए'.