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बुलंदशहर: 4 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 267 करोड़ बकाया

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में शुगर मिलों का समय से प्रशासन ने भुगतान कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद चार चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 267 करोड़ रुपया बकाया है.

शुगर मिलों का समय से भुगतान करने का  बावजूद भी चार चीनी मिलों पर 267 करोड़ बकाया
शुगर मिलों का समय से भुगतान करने का बावजूद भी चार चीनी मिलों पर 267 करोड़ बकाया
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Published : Apr 14, 2021, 8:02 PM IST

बुलंदशहर: जनपद में गन्ना पेराई सत्र अंतिम चरण में है, लेकिन चीनी मिल किसानाें का समय पर भुगतान करने का वादा कर रही हैं. चार चीनी मिलें 627 करोड़ से अधिक की राशि का अभी तक 196 लाख क्विंटल से अधिक गन्ना खरीद चुकी हैं, जबकि भुगतान मात्र 360 करोड़ का किया है. गन्ना किसानों का 267 करोड़ रुपये अभी भी मिलों पर बकाया चल रहा है.

अपनी समस्या बताते गन्ना किसान और जानकारी देते जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी

गन्ना उत्पादन में जनपद

जनपद में इस बार 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में गन्ने की पैदावार की गई. गन्ना उत्पादक किसानों की संख्या करीब 1.18 लाख है. इन किसानों का जनपद की चार चीनी मिलों के अलावा गैर जनपद की चार चीनी मिले भी गन्ना खरीद करती हैं. इस बार सभी चीनी मिलों में समय पर गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत हो चुकी थी. लेकिन चीनी मिलों ने शासन के गन्ना भुगतान संबंधित आदेशों का पालन नहीं किया. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. समय पर मिल से गन्ने का पैसा नहीं मिलने के कारण किसानों के सामने कई तरह की परेशानियां आ रही हैं. किसान अपने भुगतान के लिए मिल से लेकर डीसीओ कार्यालय तक के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें जल्द ही पैसा मिलने का आश्वासन देकर टाल दिया जाता है.

बुलंदशहर की इन चीनी मिलों में सबसे ज्यादा भुगतान

गन्ना किसानों का भुगतान करने में सबसे आगे साबितगढ़ चीनी मिल चल रही है. वहीं अनामिका दूसरे नंबर, वेब तीसरे और अनूपशहर चीनी मिल चौथे नंबर पर है.

गन्ना किसानों का सबसे ज्यादा भुगतान तीन जिलों में

उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल में 65% भुगतान कर जनपद बुलंदशहर का प्रथम स्थान रहा. दूसरे स्थान पर मेरठ जिसने 42% गन्ने का भुगतान किया और तीसरे स्थान पर बागपत 15 % गन्ने का भुगतान कर चुका है. अफसरों का कहना है कि चीनी मिलों से गन्ना भुगतान करवाने के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही किसानों की एक-एक पाई का भुगतान करवाया जाएगा.

चीनी मिलखरीदा गन्नाकुल राशिकिया भुगतान
साबितगढ़84.52 लाख क्विंटल270.01 करोड़ 207.54 करोड़
अनामिका50.36 लाख क्विंटल161.94 करोड़88.36 करोड़
वेब 31.39 लाख क्विंटल100.99 करोड़33.45 करोड़
अनूपशहर29.61 लाख क्विंटल94.54 करोड़30.91 करोड़

किसानों का पूरा गन्ना खरीदेंगी मिल

चीनी मिल किसानों का पूरा गन्ना खरीदेंगी, इसके लिए खेत में खड़े गन्ने का सर्वे चल रहा है. सर्वे पूरा होने पर किसानों को जरूरत के अनुसार पर्ची जारी की जाएंगी. डीसीओ के अनुसार किसान चिंता न करें, उनका पूरा गन्ना मिलों द्वारा खरीदा जाएगा.

जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने बताया कि इस समय गन्ना पेराई सत्र अंतिम चरण में चल रहा है. पूर्व में जनपद में जो सर्वे हुआ था, उसके आधार पर नियमानुसार ही किसानों को पर्ची जारी की गई थी. इस समय किसानों को जारी होने वाली पर्ची बहुत कम रह गई है और खेतों में अभी काफी गन्ना खड़ा है. किसानों ने इससे अवगत करवाते हुए मांग की थी कि उन्हें पर्ची जारी करवाई जाए. किसानों की मांग पर खेत में खडे़ गन्ने का सर्वे करवाया जा रहा है. सर्वे पूरा होने पर किसानों को जरूरत के अनुसार पर्ची जारी की जाएगी, जिससे कि उनका गन्ना मिल में पहुंच सके. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि वह किसी भी तरह की चिंता न करें. उनका पूरा गन्ना खरीदा जाएगा. जनपद की चीनी मिलों में गन्ना पेराई सत्र जारी है और तब तक चलेंगी, जब तक किसानों का पूरा गन्ना नहीं खरीद लिया जाता है

बुलंदशहर: जनपद में गन्ना पेराई सत्र अंतिम चरण में है, लेकिन चीनी मिल किसानाें का समय पर भुगतान करने का वादा कर रही हैं. चार चीनी मिलें 627 करोड़ से अधिक की राशि का अभी तक 196 लाख क्विंटल से अधिक गन्ना खरीद चुकी हैं, जबकि भुगतान मात्र 360 करोड़ का किया है. गन्ना किसानों का 267 करोड़ रुपये अभी भी मिलों पर बकाया चल रहा है.

अपनी समस्या बताते गन्ना किसान और जानकारी देते जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी

गन्ना उत्पादन में जनपद

जनपद में इस बार 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में गन्ने की पैदावार की गई. गन्ना उत्पादक किसानों की संख्या करीब 1.18 लाख है. इन किसानों का जनपद की चार चीनी मिलों के अलावा गैर जनपद की चार चीनी मिले भी गन्ना खरीद करती हैं. इस बार सभी चीनी मिलों में समय पर गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत हो चुकी थी. लेकिन चीनी मिलों ने शासन के गन्ना भुगतान संबंधित आदेशों का पालन नहीं किया. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. समय पर मिल से गन्ने का पैसा नहीं मिलने के कारण किसानों के सामने कई तरह की परेशानियां आ रही हैं. किसान अपने भुगतान के लिए मिल से लेकर डीसीओ कार्यालय तक के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें जल्द ही पैसा मिलने का आश्वासन देकर टाल दिया जाता है.

बुलंदशहर की इन चीनी मिलों में सबसे ज्यादा भुगतान

गन्ना किसानों का भुगतान करने में सबसे आगे साबितगढ़ चीनी मिल चल रही है. वहीं अनामिका दूसरे नंबर, वेब तीसरे और अनूपशहर चीनी मिल चौथे नंबर पर है.

गन्ना किसानों का सबसे ज्यादा भुगतान तीन जिलों में

उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल में 65% भुगतान कर जनपद बुलंदशहर का प्रथम स्थान रहा. दूसरे स्थान पर मेरठ जिसने 42% गन्ने का भुगतान किया और तीसरे स्थान पर बागपत 15 % गन्ने का भुगतान कर चुका है. अफसरों का कहना है कि चीनी मिलों से गन्ना भुगतान करवाने के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही किसानों की एक-एक पाई का भुगतान करवाया जाएगा.

चीनी मिलखरीदा गन्नाकुल राशिकिया भुगतान
साबितगढ़84.52 लाख क्विंटल270.01 करोड़ 207.54 करोड़
अनामिका50.36 लाख क्विंटल161.94 करोड़88.36 करोड़
वेब 31.39 लाख क्विंटल100.99 करोड़33.45 करोड़
अनूपशहर29.61 लाख क्विंटल94.54 करोड़30.91 करोड़

किसानों का पूरा गन्ना खरीदेंगी मिल

चीनी मिल किसानों का पूरा गन्ना खरीदेंगी, इसके लिए खेत में खड़े गन्ने का सर्वे चल रहा है. सर्वे पूरा होने पर किसानों को जरूरत के अनुसार पर्ची जारी की जाएंगी. डीसीओ के अनुसार किसान चिंता न करें, उनका पूरा गन्ना मिलों द्वारा खरीदा जाएगा.

जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने बताया कि इस समय गन्ना पेराई सत्र अंतिम चरण में चल रहा है. पूर्व में जनपद में जो सर्वे हुआ था, उसके आधार पर नियमानुसार ही किसानों को पर्ची जारी की गई थी. इस समय किसानों को जारी होने वाली पर्ची बहुत कम रह गई है और खेतों में अभी काफी गन्ना खड़ा है. किसानों ने इससे अवगत करवाते हुए मांग की थी कि उन्हें पर्ची जारी करवाई जाए. किसानों की मांग पर खेत में खडे़ गन्ने का सर्वे करवाया जा रहा है. सर्वे पूरा होने पर किसानों को जरूरत के अनुसार पर्ची जारी की जाएगी, जिससे कि उनका गन्ना मिल में पहुंच सके. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि वह किसी भी तरह की चिंता न करें. उनका पूरा गन्ना खरीदा जाएगा. जनपद की चीनी मिलों में गन्ना पेराई सत्र जारी है और तब तक चलेंगी, जब तक किसानों का पूरा गन्ना नहीं खरीद लिया जाता है

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