बुलंदशहर: जिले के एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक ने अपने मैनेजर के साथ मिलकर वाहन संचालकों से करोड़ों रुपये की जालसाजी की है. आरोपों के अनुसार 29 मालिकों के वाहन व 4 माह का किराया लेकर ट्रांसपोर्ट का मैनेजर भाग गया है. दरअसल, कंपनी के जरिए सरकारी विभागों में गाड़ी किराये पर अनुबंधित की गई. फरवरी माह से मालिकों को न तो किराया दिया जा रहा है और न ही गाड़ी कौन से विभाग में है इसकी जानकारी दी जा रही है. अलग-अलग जनपदों से आए वाहन मालिकों ने एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर कंपनी के मालिक और उसके मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
मध्यप्रदेश, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ, एटा और मेरठ निवासी वाहन संचालक शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई. ग्रेटर नोएडा के परी चोक स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी ने इन लोगों की गाड़ी अपनी सुपुर्दगी में ली है. 40 से 60 हजार रुपये प्रति माह किराया देने की बात कही गई थी. तीन-चार माह किराया उनके बैंक खातों में आता रहा है. आरोप है कि फरवरी माह से ट्रांसपोर्ट कंपनी का मैनेजर गायब है और चार माह से अनुबंधित वाहनों का किराया भी नहीं दिया जा रहा है.
वाहन मालिकों ने ट्रांसपोर्टर के मालिक का पता निकाला तो वह कोतवाली देहात क्षेत्र बुलंदशहर का निकला. वाहन मालिकों ने ट्रांसपोर्ट कंपनी मालिक से मामले की जब शिकायत की तो मालिक खुद अपने आपको भुक्तभोगी बताने लगा. जनपद मुरैना तहसील जौरा निवासी जितेंद्र श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश के गुणा निवासी राम श्रीवास्तव, संजीव रघुवंशी, राजन रजत, संजय श्रीवास्तव आदि वाहन मालिकों ने एसएसपी से कार्रवाई की मांग की है. वहीं एसएसपी ने कोतवाली देहात अरूणा राय को तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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