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राम मंदिर निर्माण के लिए निकली जन जागरण रैली - Bulandshahr Devipura

बुलंदशहर के देवीपुरा में जन जागरण रैली करके लोगों तक श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण के विषय में बताया गया. इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.

जन जागरण रैली का आयोजन.
जन जागरण रैली का आयोजन.
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Published : Jan 13, 2021, 11:00 AM IST

बुलंदशहर: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से मंगलवार को बुलंदशहर के देवीपुरा में जन जागरण रैली आयोजित कर लोगों को मंदिर निर्माण के विषय में बताया गया. साथ ही अयोध्या में बनने वाली मंदिर के लिए योगदान करने की अपील की गई. इस दौरान कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाते रहे.

देवीपुरा में निकाली रैली.

लोगों को बताई गई राम मंदिर निर्माण के लिए हुए संघर्ष की कहानी

इस रैली के दौरान लोगों को राम मंदिर निर्माम के लिए 492 सालों तक चले संघर्ष और अतीत में दिए गए 4 लाख राम भक्तों के बलिदान के बारे में लोगों को बताया गया. लोगों को बताया गया कि, लगभग 36 वर्षों के दो सूत्र अभियानों के फल स्वरूप संपूर्ण समाज ने लिंग, जाति, वर्ग, भाषा, संप्रदाय व क्षेत्र आदि वेदों के ऊपर उठकर एकता एकांत भाव से श्रीराम के लिए त्याग और बलिदान दिया. जिसके बाद 1989 में श्रीराम जन्मभूमि का शिलान्यास संतों की उपस्थिति में अनुसूचित समाज के श्रीकामेश्वर चौपाल ने किया.

अधिग्रहित भूमि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ को सौंपी

बता दें कि भारत सरकार ने 5 फरवरी 2020 को श्रीराम मंदिर तिर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट का गठन किया. अधिग्रहित 70 एकड़ भूमि श्रीराम जन्मभूमि तिर्थ को सौंप दी. 25 मार्च 2020 को रामलला तिरपाल के मंदिर से अपने स्थान पर विराजमान हुए. 5 अगस्त 2020 को संकल्प सिद्ध का वह अलौकिक मुहूर्त उपस्थित हुआ. जब आचार्य, संतों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक मोहन भागवत के सानिध्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि-पूजन कर मंदिर निर्माण का शुभारंभ किया.

पवित्र नदियों का जल आया

भूमि पूजन के दौरान देश की पवित्र नदियों का जल विभिन्न जाति-जनजाति, सिद्ध केंद्रों तथा बलिदानी करसेवकों के घर से लाई गई थी. अयोध्या की मिट्टी ने संपूर्ण भारत वर्ष को आध्यात्मिक रूप से भूमि-पूजन में उपस्थित कर दिया.

बुलंदशहर: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से मंगलवार को बुलंदशहर के देवीपुरा में जन जागरण रैली आयोजित कर लोगों को मंदिर निर्माण के विषय में बताया गया. साथ ही अयोध्या में बनने वाली मंदिर के लिए योगदान करने की अपील की गई. इस दौरान कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाते रहे.

देवीपुरा में निकाली रैली.

लोगों को बताई गई राम मंदिर निर्माण के लिए हुए संघर्ष की कहानी

इस रैली के दौरान लोगों को राम मंदिर निर्माम के लिए 492 सालों तक चले संघर्ष और अतीत में दिए गए 4 लाख राम भक्तों के बलिदान के बारे में लोगों को बताया गया. लोगों को बताया गया कि, लगभग 36 वर्षों के दो सूत्र अभियानों के फल स्वरूप संपूर्ण समाज ने लिंग, जाति, वर्ग, भाषा, संप्रदाय व क्षेत्र आदि वेदों के ऊपर उठकर एकता एकांत भाव से श्रीराम के लिए त्याग और बलिदान दिया. जिसके बाद 1989 में श्रीराम जन्मभूमि का शिलान्यास संतों की उपस्थिति में अनुसूचित समाज के श्रीकामेश्वर चौपाल ने किया.

अधिग्रहित भूमि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ को सौंपी

बता दें कि भारत सरकार ने 5 फरवरी 2020 को श्रीराम मंदिर तिर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट का गठन किया. अधिग्रहित 70 एकड़ भूमि श्रीराम जन्मभूमि तिर्थ को सौंप दी. 25 मार्च 2020 को रामलला तिरपाल के मंदिर से अपने स्थान पर विराजमान हुए. 5 अगस्त 2020 को संकल्प सिद्ध का वह अलौकिक मुहूर्त उपस्थित हुआ. जब आचार्य, संतों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक मोहन भागवत के सानिध्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि-पूजन कर मंदिर निर्माण का शुभारंभ किया.

पवित्र नदियों का जल आया

भूमि पूजन के दौरान देश की पवित्र नदियों का जल विभिन्न जाति-जनजाति, सिद्ध केंद्रों तथा बलिदानी करसेवकों के घर से लाई गई थी. अयोध्या की मिट्टी ने संपूर्ण भारत वर्ष को आध्यात्मिक रूप से भूमि-पूजन में उपस्थित कर दिया.

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