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बुलंदशहर: श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ से रुद्राक्ष भेजे जा रहे अयोध्या - भूमि पूजन

पांच अगस्त को अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का भूमि पूजन होना है. इसके लिए बुलंदशहर के श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ से देश के मुख्य तीर्थों व कुंडों की मिट्टी, जल और रुद्राक्ष अयोध्या भेजे जा रहे हैं.

rudraksh will be sent to ayodhya from bulandshahr
श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ से रुद्राक्ष भेजे जा रहे अयोध्या.
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Published : Jul 30, 2020, 11:18 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: अभिजीत मुहूर्त में भगवान श्रीराम की विशेष पूजा श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ पर हुई. अभिजीत मुहूर्त में जन्मे श्रीराम के अयोध्या में मन्दिर का शिलान्यास भी अभिजीत मुहूर्त में होना है, जिसके लिए द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ से अयोध्या के लिए नाग नगीना चांदी के सिक्कों समेत देश के सभी मुख्य तीर्थ स्थलों की मिट्टी, कुंड-सरोवर का जल और वास्तु यंत्र भेजे जा रहे हैं.

rudraksh will be sent to ayodhya from bulandshahr
इन सामानों को भेजा जा रहा अयोध्या.
इस समय देश भर में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास को लेकर उत्साह बना हुआ है. देश के कोने-कोने से सनातनी एवं धर्म संसद से जुड़े हुए लोग अपने-अपने शहरों से या अपने-अपने मंदिरों से अपनी सामर्थ्य के अनुसार, श्रीराम मंदिर के शिलान्यास हेतु कुछ न कुछ भेज रहे हैं. इसी कड़ी में बुलंदशहर से भी श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के शिलान्यास हेतु विशेष धार्मिक कुंडों, सरोवरों से अभिमंत्रित करके द्वादश महालिंगेश्वर मंदिर में एकत्र किये धार्मिक स्थलों के जल एवं पावन मिट्टी, अभिमंत्रित रुद्राक्ष, चांदी के सिक्के, वास्तु दोष यंत्र, सर्प जोड़ा और नवरत्न भेजे जा रहे हैं.
अयोध्या भेजा जा रहा रुद्राक्ष .

द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ के धर्मगुरु आचार्य मनजीत धर्मध्वज ने बताया कि सैकड़ों वर्ष बाद प्रभु श्रीराम के मंदिर का पुनर्निर्माण का अवसर आया है. इस अवसर पर जहां एक ओर संपूर्ण भारतवर्ष के धर्मावलंबियों में बेहद आत्मिक आनंद है, वहीं संपूर्ण आर्यावर्त की जनता भी प्रभु श्रीराम के मंदिर बनने से उत्साहित है. इस मौके पर आचार्य ने बताया कि जो रुद्राक्ष प्रभु श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर के शिलान्यास के लिए भेजे जा रहे हैं, उनको गर्भगृह में पिछले 11 वर्षों से विशेष रूप से अभिमंंत्रित किया जा रहा था.

आचार्य मनजीत धर्मध्वज का कहना है कि यह रुद्राक्ष स्वयं महादेव की प्रेरणा से अभिमंत्रित कर रहे थे. अब अचानक इस अवसर पर ईश्वर ने उन्हें प्रेरणा दी कि रुद्राक्ष को अभिमंत्रित विशेष सामग्री के साथ श्रीराम जन्मभूमि को भेजना चाहिए, जिसके बाद रुद्राक्ष को विशेष अभिमंत्रित सामग्री के साथ श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या रवाना किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या में 29 साल पहले पीएम मोदी ने लिया था राम मंदिर निर्माण का संकल्प

बता दें कि श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ देश के सबसे ऊंचे शिवलिंग रूपी मंदिरों में से एक है. इसकी ऊंचाई 70 फीट है.

बुलंदशहर: अभिजीत मुहूर्त में भगवान श्रीराम की विशेष पूजा श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ पर हुई. अभिजीत मुहूर्त में जन्मे श्रीराम के अयोध्या में मन्दिर का शिलान्यास भी अभिजीत मुहूर्त में होना है, जिसके लिए द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ से अयोध्या के लिए नाग नगीना चांदी के सिक्कों समेत देश के सभी मुख्य तीर्थ स्थलों की मिट्टी, कुंड-सरोवर का जल और वास्तु यंत्र भेजे जा रहे हैं.

rudraksh will be sent to ayodhya from bulandshahr
इन सामानों को भेजा जा रहा अयोध्या.
इस समय देश भर में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास को लेकर उत्साह बना हुआ है. देश के कोने-कोने से सनातनी एवं धर्म संसद से जुड़े हुए लोग अपने-अपने शहरों से या अपने-अपने मंदिरों से अपनी सामर्थ्य के अनुसार, श्रीराम मंदिर के शिलान्यास हेतु कुछ न कुछ भेज रहे हैं. इसी कड़ी में बुलंदशहर से भी श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के शिलान्यास हेतु विशेष धार्मिक कुंडों, सरोवरों से अभिमंत्रित करके द्वादश महालिंगेश्वर मंदिर में एकत्र किये धार्मिक स्थलों के जल एवं पावन मिट्टी, अभिमंत्रित रुद्राक्ष, चांदी के सिक्के, वास्तु दोष यंत्र, सर्प जोड़ा और नवरत्न भेजे जा रहे हैं.
अयोध्या भेजा जा रहा रुद्राक्ष .

द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ के धर्मगुरु आचार्य मनजीत धर्मध्वज ने बताया कि सैकड़ों वर्ष बाद प्रभु श्रीराम के मंदिर का पुनर्निर्माण का अवसर आया है. इस अवसर पर जहां एक ओर संपूर्ण भारतवर्ष के धर्मावलंबियों में बेहद आत्मिक आनंद है, वहीं संपूर्ण आर्यावर्त की जनता भी प्रभु श्रीराम के मंदिर बनने से उत्साहित है. इस मौके पर आचार्य ने बताया कि जो रुद्राक्ष प्रभु श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर के शिलान्यास के लिए भेजे जा रहे हैं, उनको गर्भगृह में पिछले 11 वर्षों से विशेष रूप से अभिमंंत्रित किया जा रहा था.

आचार्य मनजीत धर्मध्वज का कहना है कि यह रुद्राक्ष स्वयं महादेव की प्रेरणा से अभिमंत्रित कर रहे थे. अब अचानक इस अवसर पर ईश्वर ने उन्हें प्रेरणा दी कि रुद्राक्ष को अभिमंत्रित विशेष सामग्री के साथ श्रीराम जन्मभूमि को भेजना चाहिए, जिसके बाद रुद्राक्ष को विशेष अभिमंत्रित सामग्री के साथ श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या रवाना किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या में 29 साल पहले पीएम मोदी ने लिया था राम मंदिर निर्माण का संकल्प

बता दें कि श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ देश के सबसे ऊंचे शिवलिंग रूपी मंदिरों में से एक है. इसकी ऊंचाई 70 फीट है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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