ETV Bharat / state

कोरोना टेस्ट किट खरीद में धांधली पर सरकार सख्त, हर जिले से मांगा ब्यौरा

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कोरोना टेस्ट किट कई गुना महंगे दामों पर खरीदी गई हैं, जिस पर यूपी में सरकार अब गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में है. शासन की तरफ से कोरोना किट के बारे में प्रत्येक जिले से ब्यौरा मांगा गया है.

कोरोना टेस्ट किट.
कोरोना टेस्ट किट.
author img

By

Published : Sep 13, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलन्दशहर: यूपी के कई जिलों में कोरोना टेस्ट किट खरीद घोटाले का मामला आजकल सुर्खियों में है. बुलन्दशहर जिले में औसतन महज तीन हजार रुपये प्रति टेस्ट किट के हिसाब से खर्च किए गए हैं. जिले में 951 ग्राम पंचायत हैं, प्रत्येक ग्राम पंचायत के सर्वेक्षण के लिए ये किट खरीदने के दिशानिर्देश दिए गए थे. प्रदेश के कई जिलों में ये कोरोना किट कई गुना महंगे दामों पर खरीदी गई हैं, जिस पर यूपी में सरकार ने अब गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एसआईटी जांच बैठा दी है. अब शासन की तरफ से कोरोना किट खरीद के बारे में प्रत्येक जिले से ब्यौरा मांगा गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

महंगे कोरोना किट खरीदने का आरोप
दरअसल, सरकार की तरफ से घर-घर कोरोना जांच के सर्वे के लिए टेस्ट किट खरीदने के आदेश दिए गए थे. प्रदेश के कई जिलों में ऊंची कीमतों पर ये सर्वे किट खरीदी गईं, जिसके बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर खरीदने के मामले में प्रदेश के एक जिले में तो सत्ताधारी दल के ही विधायक ने महंगे दामों पर कोरोना टेस्ट किट खरीदने के आरोप लगा दिए हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने तो प्रदेश में निर्धारित मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर सर्वे किट खरीद घोटाले को लेकर सरकार पर हमला भी बोला है.

बिल वाउचर के माध्यम से जुटाई जा रही जानकारी
बुलन्दशहर के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि शासन के दिशानिर्देश के अनुसार ग्राम पंचायतों में विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया गया था, जिसमें गांवों में आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स के माध्यम से 2 से 12 जुलाई तक पल्स ऑक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर के द्वारा घर-घर जाकर कोरोना से बचाव के लिए सर्वेक्षण किया गया था. इस बारे में सीडीओ अभिषेक पांडेय ने बताया कि शासन के द्वारा इस संबंध में बुलन्दशहर से भी सूचना मांगी गई है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी ब्लॉक में औसतन तीन हजार रुपये की धनराशि प्रत्येक किट पर खर्च करने की जानकारी प्राप्त हुई है. सीडीओ अभिषेक पांडेय ने बताया कि ग्राम पंचायतों के द्वारा ये सर्वेक्षण किट खरीदी गई थीं. उन्होंने कहा कि अलग-अलग गांवों में इसके लिए जो भी धनराशि व्यय की गई है उसकी जानकारी मांगी गई है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग ग्राम पंचायतों के द्वारा जो भी धनराशि खर्च की गई है, उसकी जानकारी भी बिल वाउचर के माध्यम से जुटाई जा रही है.

बुलन्दशहर: यूपी के कई जिलों में कोरोना टेस्ट किट खरीद घोटाले का मामला आजकल सुर्खियों में है. बुलन्दशहर जिले में औसतन महज तीन हजार रुपये प्रति टेस्ट किट के हिसाब से खर्च किए गए हैं. जिले में 951 ग्राम पंचायत हैं, प्रत्येक ग्राम पंचायत के सर्वेक्षण के लिए ये किट खरीदने के दिशानिर्देश दिए गए थे. प्रदेश के कई जिलों में ये कोरोना किट कई गुना महंगे दामों पर खरीदी गई हैं, जिस पर यूपी में सरकार ने अब गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एसआईटी जांच बैठा दी है. अब शासन की तरफ से कोरोना किट खरीद के बारे में प्रत्येक जिले से ब्यौरा मांगा गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

महंगे कोरोना किट खरीदने का आरोप
दरअसल, सरकार की तरफ से घर-घर कोरोना जांच के सर्वे के लिए टेस्ट किट खरीदने के आदेश दिए गए थे. प्रदेश के कई जिलों में ऊंची कीमतों पर ये सर्वे किट खरीदी गईं, जिसके बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर खरीदने के मामले में प्रदेश के एक जिले में तो सत्ताधारी दल के ही विधायक ने महंगे दामों पर कोरोना टेस्ट किट खरीदने के आरोप लगा दिए हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने तो प्रदेश में निर्धारित मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर सर्वे किट खरीद घोटाले को लेकर सरकार पर हमला भी बोला है.

बिल वाउचर के माध्यम से जुटाई जा रही जानकारी
बुलन्दशहर के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि शासन के दिशानिर्देश के अनुसार ग्राम पंचायतों में विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया गया था, जिसमें गांवों में आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स के माध्यम से 2 से 12 जुलाई तक पल्स ऑक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर के द्वारा घर-घर जाकर कोरोना से बचाव के लिए सर्वेक्षण किया गया था. इस बारे में सीडीओ अभिषेक पांडेय ने बताया कि शासन के द्वारा इस संबंध में बुलन्दशहर से भी सूचना मांगी गई है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी ब्लॉक में औसतन तीन हजार रुपये की धनराशि प्रत्येक किट पर खर्च करने की जानकारी प्राप्त हुई है. सीडीओ अभिषेक पांडेय ने बताया कि ग्राम पंचायतों के द्वारा ये सर्वेक्षण किट खरीदी गई थीं. उन्होंने कहा कि अलग-अलग गांवों में इसके लिए जो भी धनराशि व्यय की गई है उसकी जानकारी मांगी गई है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग ग्राम पंचायतों के द्वारा जो भी धनराशि खर्च की गई है, उसकी जानकारी भी बिल वाउचर के माध्यम से जुटाई जा रही है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.