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कर्मचारियों ने की श्रम नीतियों के विरोध में हड़ताल - बुलंदशहर में कर्मचारियों ने की हड़ताल

बुलंदशहर जिले में सेंट्रल ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर कर्मचारियों ने हड़ताल की. इस दौरान कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

कर्मचारियों ने की श्रम नीतियों के विरोध में हड़ताल.
कर्मचारियों ने की श्रम नीतियों के विरोध में हड़ताल.
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Published : Nov 26, 2020, 8:41 PM IST

बुलंदशहर: सेंट्रल ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में गुरुवार को यूनियन सदस्यों ने हड़ताल की. सेंट्रल ट्रेड यूनियन की यह हड़ताल कई प्रदेशों में रही. जिले में भी केंद्र सरकार की निजीकरण नीतियों को विरोध में प्रदर्शन हुआ.


केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में गुरुवार को ट्रेड यूनियनों और बैंकों कर्मचारियों ने एक दिन की हड़ताल की. ऐसे में बैंकिग और वित्तीय सेवाओं सहित सार्वजनिक उपक्रम की सेवाएं भी बाधित रहीं. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.


श्रम कानूनों को बताया मजदूर विरोधी

संगठनों का कहना है कि केंद्र की सरकार जनविरोधी, श्रमिक विरोधी और देश विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल की गई. यूनियन के सदस्यों ने श्रम कानून में बदलाव किए जाने की मांग की. सेंट्रल ट्रेड यूनियन के मुताबिक दूरसंचार ,स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंक, बीमा और परिवहन क्षेत्र के कर्मचारी हड़ताल कर रहें. एसबीआई को छोड़कर सभी बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं.

इस मौके पर कर्मचारी नेता सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हम लोग निजीकरण के विरोध में हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा श्रम कानूनों में जो बदलाव किया गया है. उसे सरकार को वापस लेना चाहिए.

बुलंदशहर: सेंट्रल ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में गुरुवार को यूनियन सदस्यों ने हड़ताल की. सेंट्रल ट्रेड यूनियन की यह हड़ताल कई प्रदेशों में रही. जिले में भी केंद्र सरकार की निजीकरण नीतियों को विरोध में प्रदर्शन हुआ.


केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में गुरुवार को ट्रेड यूनियनों और बैंकों कर्मचारियों ने एक दिन की हड़ताल की. ऐसे में बैंकिग और वित्तीय सेवाओं सहित सार्वजनिक उपक्रम की सेवाएं भी बाधित रहीं. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.


श्रम कानूनों को बताया मजदूर विरोधी

संगठनों का कहना है कि केंद्र की सरकार जनविरोधी, श्रमिक विरोधी और देश विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल की गई. यूनियन के सदस्यों ने श्रम कानून में बदलाव किए जाने की मांग की. सेंट्रल ट्रेड यूनियन के मुताबिक दूरसंचार ,स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंक, बीमा और परिवहन क्षेत्र के कर्मचारी हड़ताल कर रहें. एसबीआई को छोड़कर सभी बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं.

इस मौके पर कर्मचारी नेता सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हम लोग निजीकरण के विरोध में हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा श्रम कानूनों में जो बदलाव किया गया है. उसे सरकार को वापस लेना चाहिए.

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