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बुलन्दशहर: स्टाफ नहीं कैसे होगी आयुष हॉस्पिटल्स में औषधियों की खेती

उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में सरकारी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल्स में हर्बल गार्डन का निर्माण कराये जाने के निर्देश शासन की तरफ से जारी हो चुका है, लेक़िन चौकाने वाली बात ये है कि जिले में पहले ही आयुष के सरकारी हॉस्पिटल्स में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है. तो ऐसे में कैसे औषधीय पौधों की खेती होगी.

आयुष हॉस्पिटल्स में होगी औषधियों की खेती
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Published : Aug 14, 2019, 10:46 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलन्दशहरः जिले में आयुष विभाग द्वारा औषधीय पौधे लगाकर हर्बल गार्डन विकसित करने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं. इसके तहत आयुर्वेदिक हॉस्पिटल को चिह्नित करने का काम जिले के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी को दिया गया है. फिलहाल ऐसे सरकारी हॉस्पिटल्स चिह्नित किए जाने हैं, जहां हॉस्पिटल्स के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो.

आयुष हॉस्पिटल्स में होगी औषधियों की खेती.

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भारी स्टाफ की कमी

आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से स्टाफ रिटायरमेंट के बाद लगातार कम होता जा रहा है, जबकि नई तैनाती किसी की नहीं हुई है. यही वजह है कि जिले में 50 से भी ज्यादा आयुर्वेद के हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के नाम पर सिर्फ 11 डॉक्टर उपलब्ध हैं. ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ चिकित्सकों की कमी है. कई जगह तो आलम यह है कि फार्मेसिस्ट और कर्मचारी तक उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सरकार की मंशा है कि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में आयुर्वेद से जुड़े पौधों को लगाकर उसका फायदा उसे लोगों को पहुंचाने की.

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ये बोलीं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी गीता शर्मा

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी गीता शर्मा कहती हैं कि चिकित्सकों की कमी बनी हुई है, लेकिन हमारे स्तर से जिले के ऐसे 10 हॉस्पिटल्स की लिस्ट बनाई गई है, जहां पर्याप्त जमीन मौजूद है. आने वाले समय में जब यह योजना पूरी तरह से लागू होने की स्थिति में आएगी, तब तक जिले में पर्याप्त स्टाफ आ जाएगा.

बुलन्दशहरः जिले में आयुष विभाग द्वारा औषधीय पौधे लगाकर हर्बल गार्डन विकसित करने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं. इसके तहत आयुर्वेदिक हॉस्पिटल को चिह्नित करने का काम जिले के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी को दिया गया है. फिलहाल ऐसे सरकारी हॉस्पिटल्स चिह्नित किए जाने हैं, जहां हॉस्पिटल्स के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो.

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आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से स्टाफ रिटायरमेंट के बाद लगातार कम होता जा रहा है, जबकि नई तैनाती किसी की नहीं हुई है. यही वजह है कि जिले में 50 से भी ज्यादा आयुर्वेद के हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के नाम पर सिर्फ 11 डॉक्टर उपलब्ध हैं. ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ चिकित्सकों की कमी है. कई जगह तो आलम यह है कि फार्मेसिस्ट और कर्मचारी तक उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सरकार की मंशा है कि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में आयुर्वेद से जुड़े पौधों को लगाकर उसका फायदा उसे लोगों को पहुंचाने की.

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ये बोलीं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी गीता शर्मा

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी गीता शर्मा कहती हैं कि चिकित्सकों की कमी बनी हुई है, लेकिन हमारे स्तर से जिले के ऐसे 10 हॉस्पिटल्स की लिस्ट बनाई गई है, जहां पर्याप्त जमीन मौजूद है. आने वाले समय में जब यह योजना पूरी तरह से लागू होने की स्थिति में आएगी, तब तक जिले में पर्याप्त स्टाफ आ जाएगा.

Intro:शासन की मंशा के अनुसार अब सरकारी आयुर्वैदिक हॉस्पिटल्स में हर्बल गार्डन का निर्माण कराया जाएगा , जिसके लिए शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हो चुके हैं और आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में औषधिय पौधों को लगाया जाएगा, लेक़िन चोंकाने वाली बात ये है कि जिले में पहले ही आयुष के सरकारी हॉस्पिटल्स में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है, ऐसे में हर्बल गार्डन कहीं दूर की कौड़ी नजर आती है देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल पूरी खबर।


Body:बुलंदशहर जिले में आयुष विभाग के द्वारा औषधिय पौधे लगाकर हर्बल गार्डन विकसित करने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं, जिसके तहत आयुर्वेदिक हॉस्पिटल को चिन्हित करने का काम जिले की जिम्मेदार क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी को दिया गया है, खासतौर पर ऐसे सरकारी हॉस्पिटल्स चिन्हित किए जाने हैं, जहां पर्याप्त जमीन भी हॉस्पिटल्स के पास उपलब्ध हो फिलहाल जिले में 10 आयुष हॉस्पिटल्स जिले में ऐसे चुने गए हैं जहां औषधीय पौधों की खेती के बारे में बातें हो रही है ,

सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ समय के बाद आयुर्वेद की दवाओं में पढ़ने वाले तमाम जड़ी बूटियों को उगाने की बातें हो रही हैं, बड़ा सवाल ये है कि जिले में स्टाफ की कमी काफी लंबे समय से बनी हुई है ,

आलम यह है कि लगातार आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से स्टाफ रिटायरमेंट के बाद लगातार कम होता जा रहा है, जबकि नई तैनाती किसी की नहीं हुई है, यही वजह है कि जिले में 50 से भी ज्यादा आयुर्वेद के हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के नाम पर सिर्फ और सिर्फ 11 उपलब्ध हैं,और ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ चिकित्सकों की कमी है ,कई जगह तो आलम यह है कि फार्मेसिस्ट और कर्मचारी तक भी नहीं हैं,जिसकी वजह से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,
जबकि सरकार की मंशा है आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में आयुर्वेद से जुड़े पौधों को लगाकर उसे लोगों को फायदा पहुंचाने की,

लेकिन तकनीकी रूप से यह सपना पूरा हो पाएगा यह अभी दूर की कोड़ी ही नजर आ रही है, इस बारे में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवम यूनानी अधिकारी गीता शर्मा का कहना है कि हालांकि चिकित्सकों की कमी बनी हुई है ,लेकिन उनके स्तर से जिले के ऐसे 10 हॉस्पिटल्स की लिस्ट बनाई गई है , जहां पर्याप्त जमीन भी मौजूद है, साथ ही वह आश्वस्त भी नजर आती हैं कि हो सकता है कि आने वाले कुछ समय में जब तक यह योजना पूरी तरह से लागू होने की स्थिति में आए तब तक जिले में पर्याप्त स्टाफ आ जाए ,लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आता तो भले ही सरकार की मंशा हो लेकिन अगर स्टाफ की कमी रही तो आयुष मंत्रालय द्वारा हर्बल गार्डन की जो बातें हो रही हैं यह सिर्फ और सिर्फ कागजी शिगूफा ही साबित हो सकती हैं।


बाइट... गीता शर्मा, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी बुलंदशहर

पीटीसी ...श्रीपाल तेवतिया


Conclusion:9213400888,
श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर ।
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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