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बुलंदशहर हिंसा: जेल में बंद सभी आरोपियों पर से राजद्रोह हटाने की उठी मांग

बुलंदशहर के स्याना में हुई हिंसक झड़प के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया था. वहीं अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ने इसे दाग बताते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

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Published : Jul 7, 2019, 10:24 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की आरोपियों पर से देशद्रोह हटाने की मांग.

बुलंदशहर: स्याना हिंसा मामले में अब तक 44 आरोपी जिला कारागार में निरुद्ध हैं. जून में सभी पर शासन की अनुमति के बाद राजद्रोह लगा दिया गया था. वहीं अखिल भारतीय जाट महासभा ने इस मामले में सीएम और राज्यपाल से मिलकर अब इस धारा को हटाने की मांग करेगी. जाट समाज के लोगों ने इस धारा को हटाने के लिए सीएम को प्रतिदिन पत्र प्रेषित करने का भी संकल्प लिया है.

ईटीवी भारत से बात करते अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी.

क्या है मामला
⦁ अखिल भारतीय जाट महासभा अब स्याना हिंसा के आरोपियों के समर्थन में उतर गई है.
⦁ जाट महासभा ने एलान किया है कि राजद्रोह के मुकदमे को वापस लेने के लिए संगठन मुख्यमंत्री से मिलेगा.
⦁ अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि राजद्रोह की धारा से लगे दाग से सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है.
⦁ उन्होंने सरकार से अपील की कि सरकर पूरे विवेक से इस मामले पर गौर करे.
⦁ प्रदेश अध्यक्ष ने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग भी की.

पहले का मामला
⦁ स्याना हिंसा मामले में सभी 44 आरोपियों पर पिछले महीने सीजेएम अमरजीत सिंह ने राजद्रोह का मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी थी.
⦁ बता दें कि स्याना हिंसा में 27 लोग नामजद, जबकि 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात मुकदमा पंजीकृत हैं.
⦁ एसआईटी की ओर से आरोपियों पर उस समय 124A यानी राजद्रोह जैसी संगीन धाराएं भी लगाई थीं.
⦁ आरोपियों के अधिवक्ताओं ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया और कोर्ट में दलील दी.
⦁ अधिवक्ताओं की दलील थी कि शासन की अनुमति के बिना राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता.
⦁ वहीं शासन की अनुमति के बाद जेल में निरुद्ध सभी आरोपियों पर 29 जून को राजद्रोह लगा दिया था.

बुलंदशहर: स्याना हिंसा मामले में अब तक 44 आरोपी जिला कारागार में निरुद्ध हैं. जून में सभी पर शासन की अनुमति के बाद राजद्रोह लगा दिया गया था. वहीं अखिल भारतीय जाट महासभा ने इस मामले में सीएम और राज्यपाल से मिलकर अब इस धारा को हटाने की मांग करेगी. जाट समाज के लोगों ने इस धारा को हटाने के लिए सीएम को प्रतिदिन पत्र प्रेषित करने का भी संकल्प लिया है.

ईटीवी भारत से बात करते अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी.

क्या है मामला
⦁ अखिल भारतीय जाट महासभा अब स्याना हिंसा के आरोपियों के समर्थन में उतर गई है.
⦁ जाट महासभा ने एलान किया है कि राजद्रोह के मुकदमे को वापस लेने के लिए संगठन मुख्यमंत्री से मिलेगा.
⦁ अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि राजद्रोह की धारा से लगे दाग से सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है.
⦁ उन्होंने सरकार से अपील की कि सरकर पूरे विवेक से इस मामले पर गौर करे.
⦁ प्रदेश अध्यक्ष ने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग भी की.

पहले का मामला
⦁ स्याना हिंसा मामले में सभी 44 आरोपियों पर पिछले महीने सीजेएम अमरजीत सिंह ने राजद्रोह का मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी थी.
⦁ बता दें कि स्याना हिंसा में 27 लोग नामजद, जबकि 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात मुकदमा पंजीकृत हैं.
⦁ एसआईटी की ओर से आरोपियों पर उस समय 124A यानी राजद्रोह जैसी संगीन धाराएं भी लगाई थीं.
⦁ आरोपियों के अधिवक्ताओं ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया और कोर्ट में दलील दी.
⦁ अधिवक्ताओं की दलील थी कि शासन की अनुमति के बिना राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता.
⦁ वहीं शासन की अनुमति के बाद जेल में निरुद्ध सभी आरोपियों पर 29 जून को राजद्रोह लगा दिया था.

Intro:updated... बुलन्दशहर के बहुचर्चित स्याना हिंसा प्रकरण में अब तक 44 हिंसा के आरोपी जिला कारागार में निरुध्द हैं जून माह में सभी पर शासन की अनुमति के बाद राजद्रोह लगा दिया गया था, अखिल भारतीय जाट महासभा ने इस मामले में सीएम और राज्यपाल से मिलकर अब इस धारा 124A को हटाने की मांग उठाने का मन बना लिया है।इस मौके पर जाट समाज के सेंकडों लोगों ने एकजुट होकर इस धारा को हटाने के लिए सीएम को प्रतिदिन पत्र प्रेषित करने का भी संकल्प लिया है


Body:खबर यूपी के बुलंदशहर से बुलंदशहर में स्याना हिंसा मामले में जेल में निरुद्ध सभी 44 हिंसा के आरोपियों पर पिछले महीने सीजेएम अमरजीत सिंह ने 124a धारा को जोड़ते हुए सभी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी थी,हम आपको बता दें कि 3 दिसंबर को जो पूरा हिंसा का घटनाक्रम हुआ था उसके बाद इस में27 लोग नामजद जबकि करीब 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था ,एसआईटी ने हिंसा के आरोपियों पर 124a यानी राजद्रोह जैसी संगीन धारा उस वक्त भी लगाई थी, लेकिन आरोपियों के अधिवक्ताओं की तरफ से संजय शर्मा ने तब इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कोर्ट में दलील दी थी कि शासन की अनुमति के बिना 124a यानी राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता,लेकिन शासन की अनुमति के बाद 2 सभी जेल में निरुद्ध आरोपियों पर 124A धारा भी 29 जून को लगा दी थी,,लेकिन अब अखिल भारतीय जाट महासभा ने स्याना हिंसा के आरोपियों के समर्थन में उतरकर एलान किया कि राजद्रोह के मुकदमे को वापिस लेने के लिए संघठन प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलेगा, इस बारे में अखिल भारतीय जाट महासभा अध्यक्ष व पूर्व विधायक प्रताप चौधरी ने कहा कि राजद्रोह की धारा से कई पीढ़ियों तक इस दाग से सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है,तो वहीं उन्होंने कहा कि वो एक जायज मांग को लेकर सरकार से अपील करते हैं कि सरकर पूरे विवेक से इस मामले पर गौर करे व अनेकों परिवारों पर लगने वाले इस दाग पर एक बार पुनः अध्यन करे ,तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने सीबीआई जांच करके मामले की सच्चाई की तह तक जिसने का की आधार पर पड़ताल में जो भी निकलकर आये उसके मुताबिक वैधानिक कार्रवाही करें। one to one with.. प्रताप चौधरी,प्रदेश अध्यक्ष,अखिल भारतीय जाट महासभा।


Conclusion:श्रीपाल तेवतिया, बुलन्दशहर, 9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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