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सड़कों से कम नहीं हुए बेसहारा गोवंश, महीनों बाद भी अधूरी पड़ी गौशाला - unfinished cowshed

सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जिले में गौशाला बनाने का काम अधर में है. जिस वजह से शहर की सड़कों, बाजारों में गोवंश खुलेआम घूमते दिखते हैं. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि गौशाला बनाने की आधा कार्य पूरा कर लिया गया है, जल्द ही आवारा पशुओं को उनके अस्थायी आसरे में पहुंचा दिया जाएगा.

बुलंदशहर में बन रही गौशाला
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Published : Apr 1, 2019, 10:12 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर :जिले में जनवरी माह में सरकार की तरफ से गौशाला बनाने के लिए तमाम कवायदे की गई थीं, लेकिन अभी तक भी गौशालाएं पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई हैं. जिसकी वजह से शहर भर की सड़कों पर न सिर्फ बेसहारा गोवंश खुलेआम घूमा करते हैं, बल्कि इस से आमजन को तो परेशानी होती ही है, वहीं लावारिश और आवारा कहे जाने वाले गोवंशों को आशियाना भी नहीं मिल पाता है.

शहर की सड़कों से कम नहीं हुए बेसहारा गोवंश, महीनों बाद भी अधूरी पड़ी गौशाला

शहर से लेकर गांव तक हर तरफ बेसहारा गोवंश किसान की फसलों में विचरण करते देखे जा सकते हैं. जबकि शासन के द्वारा जिला अधिकारियों को आदेश दिया गया था कि जनवरी माह में इन लावारिश घूमने वाले गोवंशों के चिन्हीकरण के बाद तमाम व्यवस्था पूरी करके यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं शहर में बेसहारा गोवंश तो नहीं घूम रहे हैं, लेकिन बुलंदशहर में जनवरी तो क्या फरवरी भी गई और मार्च भी, लेकिन अभी तक यहां बेसहारा गोवंश खुलेआम सड़कों पर आए दिन आम आदमी के लिए मुसीबत खड़ी किया करते हैं और अन्नदाताओं की फसल चौपट करते हैं.

बेसहारा गोवंशों पर लगाम लगाने की कवायद जिला प्रशासन की तरफ से दिखाई दी. तब लगता था कि सूरत बदलेगी, लेकिन ऐसा कुछ खास हुआ नहीं. अस्थायी गौशाला जरूर बनाई गईं, वहीं गौशाला निर्माण के लिए आनन-फानन में बजट पास हुआ, लेकिन धीमी रफ्तार कहें या फिर जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी, अभी तक भी शहर में करीब 28 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही गौशाला का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि अफसरों का दावा जरूर है कि जल्द ही शहर की सड़कों के गोवंश निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गौशाला में पहुंचा दिए जाएंगे.

फिलहाल तो शासन के आदेश के पालन की बात की जाए तो गोवंशों की संख्या शहर में सड़कों पर अभी भी बनी हुई है. सारे दावें यहां सिर्फ हवा-हवाई साबित होते दिख रहे हैं. अप्रैल माह की शुरुआत हो चुकी है. जनवरी में बेसहारा गोवंशों को अस्थायी चैट मुहैय्या कराने के मंसूबे पर यहां पानी फिरता दिखाई दे रहा है, यहीं वजह है कि गोवंश अभी भी राहगीरों के सामने शहर के रास्तों पर आ जाते हैं.

बुलंदशहर :जिले में जनवरी माह में सरकार की तरफ से गौशाला बनाने के लिए तमाम कवायदे की गई थीं, लेकिन अभी तक भी गौशालाएं पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई हैं. जिसकी वजह से शहर भर की सड़कों पर न सिर्फ बेसहारा गोवंश खुलेआम घूमा करते हैं, बल्कि इस से आमजन को तो परेशानी होती ही है, वहीं लावारिश और आवारा कहे जाने वाले गोवंशों को आशियाना भी नहीं मिल पाता है.

शहर की सड़कों से कम नहीं हुए बेसहारा गोवंश, महीनों बाद भी अधूरी पड़ी गौशाला

शहर से लेकर गांव तक हर तरफ बेसहारा गोवंश किसान की फसलों में विचरण करते देखे जा सकते हैं. जबकि शासन के द्वारा जिला अधिकारियों को आदेश दिया गया था कि जनवरी माह में इन लावारिश घूमने वाले गोवंशों के चिन्हीकरण के बाद तमाम व्यवस्था पूरी करके यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं शहर में बेसहारा गोवंश तो नहीं घूम रहे हैं, लेकिन बुलंदशहर में जनवरी तो क्या फरवरी भी गई और मार्च भी, लेकिन अभी तक यहां बेसहारा गोवंश खुलेआम सड़कों पर आए दिन आम आदमी के लिए मुसीबत खड़ी किया करते हैं और अन्नदाताओं की फसल चौपट करते हैं.

बेसहारा गोवंशों पर लगाम लगाने की कवायद जिला प्रशासन की तरफ से दिखाई दी. तब लगता था कि सूरत बदलेगी, लेकिन ऐसा कुछ खास हुआ नहीं. अस्थायी गौशाला जरूर बनाई गईं, वहीं गौशाला निर्माण के लिए आनन-फानन में बजट पास हुआ, लेकिन धीमी रफ्तार कहें या फिर जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी, अभी तक भी शहर में करीब 28 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही गौशाला का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि अफसरों का दावा जरूर है कि जल्द ही शहर की सड़कों के गोवंश निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गौशाला में पहुंचा दिए जाएंगे.

फिलहाल तो शासन के आदेश के पालन की बात की जाए तो गोवंशों की संख्या शहर में सड़कों पर अभी भी बनी हुई है. सारे दावें यहां सिर्फ हवा-हवाई साबित होते दिख रहे हैं. अप्रैल माह की शुरुआत हो चुकी है. जनवरी में बेसहारा गोवंशों को अस्थायी चैट मुहैय्या कराने के मंसूबे पर यहां पानी फिरता दिखाई दे रहा है, यहीं वजह है कि गोवंश अभी भी राहगीरों के सामने शहर के रास्तों पर आ जाते हैं.

Intro:बुलंदशहर नगर में जनवरी माह में गौशाला बनाने के लिए तमाम कवायदे प्रशासन की तरफ से करने की बातें कही गयी थीं,अभी तक भी ये गौशाला पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई हैं, जिसकी वजह से शहर भर की सड़कों पर ना सिर्फ बेसहारा गोवंश खुलेआम घूमा करते हैं, बल्कि इस से आमजन को तो परेशानी होती ही है, तो वहीं लावारिश और आवारा कहे जाने वाले गोवंशों को आशियाना भी अभी तक मिलता नजर नहीं आ रहा है,देखिये इटीवी की ग्राउंड जीरो से ये विशेष रिपोर्ट।


Body:शहर से लेकर गांव तक हर तरफ बेसहारा गोवंश अभी भी ना सिर्फ किसान की फसलों में विचरण करते देखे जा सकते हैं, जबकि शासन के द्वारा जिला अधिकारियों को आदेश दिया गया था कि जनवरी माह में इन लावारिश घूमने वाले गोवंशों के चिन्हीकरण के बाद तमाम व्यवस्था पूरी करके यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं शहर में बेसहारा गोवंश तो अब नहीं घूम रहे हैं, लेकिन बुलंदशहर में जनवरी तो क्या फरवरी भी गई और मार्च भी लेकिन अभी तक भी यहां बेसहारा गोवंश खुलेआम सड़कों पर आए दिन आम आदमी के लिए मुसीबत खड़ी किया करते हैं, खुलेआम घूमते गोवंशों से अन्नदाताओं की फसल भी चौपट हो रही है
बेसहारा गोवंशों पर लगाम लगाने की पहले कुछ एक दिन कवायदें जिला प्रशासन की तरफ से जरूर दिखाई दी ,तब लगता था सूरत बदलेगी ,लेकिन ऐसा कुछ खास हुआ नहीं,अस्थायी गौशाला जरूर बनाई गईं , वहीं गौशाला निर्माण के लिए बजट तक भी आनन फानन में पास हुए, लेकिन धीमी रफ्तार कहें या फिर जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी, अभी तक भी शहर में करीब 28 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही गौशाला का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। हालांकि अफसरों का दावा जरूर है कि जल्द ही शहर की सड़कों के गोवंश निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गौशाला में पहुंचा दिए जाएंगे।
बाइट...डॉक्टर पंकज सिंह,अधिशासी अधिकारी,नगर पालिका बुलन्दशहर।



Conclusion:फिलहाल तो शासन के आदेश के पालन की बात की जाए तो गोवंशों की संख्या शहर में सड़कों पर अभी भी बनी हुई है , सारे दावे यहां सिर्फ हवा हवाई साबित होते दिख रहे हैं, अप्रैल माह की शरुआत हो चुके हैं जनवरी में बेसहारा गोवंशों को स्थायी अस्थायी चैट मुहैय्या कराने के शासन के मंसूबे पर यहां पानी फिरता दिखाई दे रहा है यही वजह है कि गोवंश अभी भी राहगीरों के सामने शहर के रास्तों पर आ जाते हैं।
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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