बुलंदशहर :जिले में जनवरी माह में सरकार की तरफ से गौशाला बनाने के लिए तमाम कवायदे की गई थीं, लेकिन अभी तक भी गौशालाएं पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई हैं. जिसकी वजह से शहर भर की सड़कों पर न सिर्फ बेसहारा गोवंश खुलेआम घूमा करते हैं, बल्कि इस से आमजन को तो परेशानी होती ही है, वहीं लावारिश और आवारा कहे जाने वाले गोवंशों को आशियाना भी नहीं मिल पाता है.
शहर से लेकर गांव तक हर तरफ बेसहारा गोवंश किसान की फसलों में विचरण करते देखे जा सकते हैं. जबकि शासन के द्वारा जिला अधिकारियों को आदेश दिया गया था कि जनवरी माह में इन लावारिश घूमने वाले गोवंशों के चिन्हीकरण के बाद तमाम व्यवस्था पूरी करके यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं शहर में बेसहारा गोवंश तो नहीं घूम रहे हैं, लेकिन बुलंदशहर में जनवरी तो क्या फरवरी भी गई और मार्च भी, लेकिन अभी तक यहां बेसहारा गोवंश खुलेआम सड़कों पर आए दिन आम आदमी के लिए मुसीबत खड़ी किया करते हैं और अन्नदाताओं की फसल चौपट करते हैं.
बेसहारा गोवंशों पर लगाम लगाने की कवायद जिला प्रशासन की तरफ से दिखाई दी. तब लगता था कि सूरत बदलेगी, लेकिन ऐसा कुछ खास हुआ नहीं. अस्थायी गौशाला जरूर बनाई गईं, वहीं गौशाला निर्माण के लिए आनन-फानन में बजट पास हुआ, लेकिन धीमी रफ्तार कहें या फिर जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी, अभी तक भी शहर में करीब 28 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही गौशाला का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि अफसरों का दावा जरूर है कि जल्द ही शहर की सड़कों के गोवंश निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गौशाला में पहुंचा दिए जाएंगे.
फिलहाल तो शासन के आदेश के पालन की बात की जाए तो गोवंशों की संख्या शहर में सड़कों पर अभी भी बनी हुई है. सारे दावें यहां सिर्फ हवा-हवाई साबित होते दिख रहे हैं. अप्रैल माह की शुरुआत हो चुकी है. जनवरी में बेसहारा गोवंशों को अस्थायी चैट मुहैय्या कराने के मंसूबे पर यहां पानी फिरता दिखाई दे रहा है, यहीं वजह है कि गोवंश अभी भी राहगीरों के सामने शहर के रास्तों पर आ जाते हैं.