बुलंदशहर: जिले के गन्ने की फसल के प्रति लोगों के रुझान में कमी आई है. इस बार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिले में गन्ने की फसल में कुछ गिरावट देखी गई है. पिछले साल जहां 66 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया था. वहीं इस बार 64 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया.
- शुगर मिलों से करीब साढ़े छह सौ करोड़ रुपया गन्ना किसानों को भुगतान होना है.
- पिछले साल 66 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर जिले भर में गन्ना उगाया गया था.
- इस बार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 64 हजार 675 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया.
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- सबसे ज्यादा गिरावट बुलंदशहर की शुगर मिल एरिया में दर्ज की गई है.
- अनूप शहर में पिछले साल 21 हजार 345 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल उगाई गई थी.
- इस बार अनूप शहर में 19 हजार 902 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया है.
गन्ना किसानों का कहना है कि मिलों के द्वारा जब समय से भुगतान नहीं होता है तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है. इसकी वजह से खासी परेशानी ही होती है. वहीं, गन्ना अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते.
अब जो गिरावट दर्ज की गई है, इसकी एक वजह यह भी है कि किसान पहले बटाई पर खेती लेकर फसल उगाते थे, जिससे शुगर मिलों की पर्चियों को लेकर दिक्कतें सामने आती हैं. इस वजह से इस बार गन्ना उत्पादन में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि अगर बात की जाए तो इस बार शासन के निर्देश के बाद शुगर मिलों के द्वारा गन्ने के भुगतान में भी पिछले सालों के मुकाबले सुधार है.
-डीके सैनी, जिला गन्ना अधिकारी