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बुलंदशहर: समय से भुगतान न होने पर गन्ना किसानो में नाराजगी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में गन्ने की फसल में इस बार गिरावट दर्ज की गई है. इसका एक कारण गन्ना किसानों का समय से भुगतान न होना भी है.

गन्ने की फसल.
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Published : Aug 15, 2019, 5:49 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले के गन्ने की फसल के प्रति लोगों के रुझान में कमी आई है. इस बार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिले में गन्ने की फसल में कुछ गिरावट देखी गई है. पिछले साल जहां 66 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया था. वहीं इस बार 64 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया.

गन्ने की फसल में हो रही कमी.
क्या है गन्ने की फसल में गिरावट का कारण-


  • शुगर मिलों से करीब साढ़े छह सौ करोड़ रुपया गन्ना किसानों को भुगतान होना है.

  • पिछले साल 66 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर जिले भर में गन्ना उगाया गया था.
  • इस बार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 64 हजार 675 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया.

यह भी पढ़ें: जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मरीज ने फर्श पर तड़प-तड़पकर तोड़ा दम

  • सबसे ज्यादा गिरावट बुलंदशहर की शुगर मिल एरिया में दर्ज की गई है.
  • अनूप शहर में पिछले साल 21 हजार 345 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल उगाई गई थी.
  • इस बार अनूप शहर में 19 हजार 902 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया है.

गन्ना किसानों का कहना है कि मिलों के द्वारा जब समय से भुगतान नहीं होता है तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है. इसकी वजह से खासी परेशानी ही होती है. वहीं, गन्ना अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते.

अब जो गिरावट दर्ज की गई है, इसकी एक वजह यह भी है कि किसान पहले बटाई पर खेती लेकर फसल उगाते थे, जिससे शुगर मिलों की पर्चियों को लेकर दिक्कतें सामने आती हैं. इस वजह से इस बार गन्ना उत्पादन में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि अगर बात की जाए तो इस बार शासन के निर्देश के बाद शुगर मिलों के द्वारा गन्ने के भुगतान में भी पिछले सालों के मुकाबले सुधार है.

-डीके सैनी, जिला गन्ना अधिकारी

बुलंदशहर: जिले के गन्ने की फसल के प्रति लोगों के रुझान में कमी आई है. इस बार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिले में गन्ने की फसल में कुछ गिरावट देखी गई है. पिछले साल जहां 66 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया था. वहीं इस बार 64 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया.

गन्ने की फसल में हो रही कमी.
क्या है गन्ने की फसल में गिरावट का कारण-


  • शुगर मिलों से करीब साढ़े छह सौ करोड़ रुपया गन्ना किसानों को भुगतान होना है.

  • पिछले साल 66 हजार 870 हेक्टेयर भूमि पर जिले भर में गन्ना उगाया गया था.
  • इस बार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 64 हजार 675 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया.

यह भी पढ़ें: जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मरीज ने फर्श पर तड़प-तड़पकर तोड़ा दम

  • सबसे ज्यादा गिरावट बुलंदशहर की शुगर मिल एरिया में दर्ज की गई है.
  • अनूप शहर में पिछले साल 21 हजार 345 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल उगाई गई थी.
  • इस बार अनूप शहर में 19 हजार 902 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया है.

गन्ना किसानों का कहना है कि मिलों के द्वारा जब समय से भुगतान नहीं होता है तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है. इसकी वजह से खासी परेशानी ही होती है. वहीं, गन्ना अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते.

अब जो गिरावट दर्ज की गई है, इसकी एक वजह यह भी है कि किसान पहले बटाई पर खेती लेकर फसल उगाते थे, जिससे शुगर मिलों की पर्चियों को लेकर दिक्कतें सामने आती हैं. इस वजह से इस बार गन्ना उत्पादन में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि अगर बात की जाए तो इस बार शासन के निर्देश के बाद शुगर मिलों के द्वारा गन्ने के भुगतान में भी पिछले सालों के मुकाबले सुधार है.

-डीके सैनी, जिला गन्ना अधिकारी

Intro:जिले के गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति को संपन्न बनाने में यूं तो गन्ने का अहम योगदान है लेकिन फिलहाल इस बार अगर देखा जाए तो गन्ने की फसल के प्रति लोगों में रुझान में कमी आई है आखिर इसकी मूल वजह क्या है क्योंकि अगले अगर पिछले 2 सालों की बात की जाए तो यहां तब रखवा बड़ा था लेकिन इस बार सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिले में गन्ने की फसल में कुछ गिरावट देखी जा रही है,आखिर क्या है वो वजह इसी पर आधारित है इटीवी भारत की ये पडतालपूर्ण खबर।


Body:बुलंदशहर जिले में यूं तो अगर बात की जाए तो गन्ने की फसल से किसानों की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हुई है ,
यही वजह है कि करीब साढे छह सौ करोड़ रुपिया गन्ना किसानों पर शुगर मिलो से भुगतान होना है,या यूं कहिए कि भुगतान हो भी रहा है,

लेकिन उसके बावजूद भी जिले में अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जहां पिछले कई सालों में लगातार गन्ना किसानों का रुझान इस फसल की तरफ बड़ा था वही इस बार इसमें गिरावट दर्ज की गई है ,
पिछले साल जहां 66870 हेक्टेयर भूमि पर जिले भर में गन्ना उगाया गया था, तो वहीं इस बार जो सर्वे रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक 64675 हेक्टेयर एरिया में गन्ने की फसल है।

यानी इस बारिश में गिरावट दर्ज की गई है अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा गिरावट बुलंदशहर की शुगर मिल एरिया में दर्ज की गई है, जहां पिछले साल 18524 हेक्टेयर में गन्ने की फसल थी इस बार वहीं 16570 हैक्टेयर भूमि पर यहां उगाया गया है।
जबकि अनूप शहर में 21345 हैक्टेयर भूमि पर गन्ने की फसल थी, वहां भी गिरावट दर्ज की गई है वहां इस बार 19902 हेक्टेयर भूमि पर गन्ना उगाया गया है,

गन्ना किसान बताते हैं कि गन्ना मिलों के द्वारा जब समय से भुगतान नहीं होता है तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है, उन्हें इसकी वजह से खासी परेशानी ही होती है।
गन्ना अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते उनका कहना है कि अब जो गिरावट दर्ज की गई है, इसकी एक वजह यह भी है कि किसान पहले बटाई पर खेती लेकर फसल उगाते थे जिससे शुगर मिलों की पर्चियों को लेकर दिक्कतें सामने आती हैं, जिसकी वजह से इस बार गन्ना उत्पादन में मामूली गिरावट दर्ज की गई है,हालांकि अगर बात की जाए तो इस बार शासन के निर्देश के बाद शुगर मिलों के द्वारा गन्ने के भुगतान में भी पिछले सालों के मुकाबले सुधार है,

बाइट....डी.के सैनी,जिला गन्ना अधिकारी,

बाइट....सतीश कुमार, किसान

पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया,



Conclusion:फिलहाल अगर शुगर मिल गन्ना उत्पादक किसानों पर अपना भरोसा जमाने में कामयाब हो जाएं ,और समय से भुगतान हो तो किसानों इस तरफ उत्साह फिर से दिखा सकते हैं,
श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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