बुलंदशहर: 14 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है. 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ेगा. इसको लेकर बुलंदशहर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है, क्योंकि आसपास के राज्यों के श्रद्धालु भी कांवड़ लेकर जिले से गुजरते हैं. ऐसे में कांवड़ मेले के आयोजन और भोले के भक्तों की राह में कोई बाधा न आए, इसके लिए जनपद को 11 जोन और 48 सेक्टर में बांटा गया है.
एसएसपी श्लोक कुमार के मुताबिक मेरठ हाईवे समेत कई अन्य रूटों पर भारी वाहनों का डायवर्जन किया जाएगा. अभी इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. जल्द ही कार्य योजना तैयार करते हुए इसे लागू किया जाएगा, ताकि भोले के भक्तों को कोई परेशानी न हो. साथ ही भक्तों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिले से भक्तों की संख्या के आधार पर बसों का संचालन करने के लिए रोडवेज निगम के अधिकारियों ने योजना बनाई है. विभिन्न रूटों पर संचालित होने वाली बसों की संख्या कम करते हुए करीब 20 बसों का संचालन हरिद्वार, गंगोत्री के लिए किया जाएगा. 12 जुलाई से बस सेवा शुरू की जाएगी.
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जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्री श्लोक कुमार ने बुधवार को रामघाट गंगा घाट का निरीक्षण करते हुए कावंड़ यात्रा के दौरान घाट से जल भरकर ले जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं का जायजा लिया. घाट पर सुरक्षा के दृष्टिगत बैरिकेटिंग कराये जाने, गहरे पानी में संकेतक लगाने, गोताखोर, नाव, सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था कराए जाने के निर्देश दिए. घाट पर साफ सफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए.
इसके उपरांत नरवर घाट नरोरा, राजघाट, कर्णवास घाट का भी निरीक्षण करते हुए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिये गए. कर्णवास में गंगा घाट का कराये जा रहे सौंदर्यीकरण निर्माण कार्य का भी अवलोकन करते हुए आवश्यक जानकारी हासिल की. वहीं, कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि गंगा घाट का निर्माण कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप ही गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाए.
बता दें कि कुछ दिन पूर्व डीएम सीपी सिंह ने अनूपशहर, अहार, स्याना, बुगरासी, नरौरा और डिबाई क्षेत्र का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे. इतना ही नहीं लोक निर्माण विभाग को सड़कों के गड्ढे भरने और बिजली के जर्जर तारों को हटाने के निर्देश दिए थे.
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