बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. उपचुनाव में बसपा ने बुलन्दशहर सदर विधानसभा सीट से अपने प्रत्याशी को भी मैदान में उतार दिया है. पूर्व में 10 साल तक बीएसपी से विधायक रहे हाजी अलीम के भाई हाजी यूनुस को प्रत्याशी बनाया है. यह घोषणा बीएसपी के पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने की.
बुलंदशहर सदर सीट पर भी उपचुनाव होना है. यहां बीएसपी ने अपने पूर्व में 10 साल तक बीएसपी के विधायक के तौर पर प्रतिनिधित्व कर चुके दिवंगत विधायक हाजी अलीम के भाई पर भरोसा जताया है. शुक्रवार देर शाम पार्टी ने एक कार्यक्रम के दौरान दिवंगत पूर्व विधायक हाजी अलीम के भाई हाजी यूनुस को पार्टी ने यहां से बीएसपी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. यह घोषणा उत्तराखंड और वेस्टर्न यूपी के पार्टी के कोऑर्डिनेटर शमसुद्दीन राइन ने की.
उन्होंने बताया कि पार्टी सुप्रीमो मायावती के आदेश के बाद यह घोषणा की है. एक सवाल के जवाब में बीसपी के वेस्टर्न यूपी के कॉर्डिनेटर ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमराई हुई है. उन्होंने कहा कि बीएसपी सुप्रीमो के शासनकाल में कानून व्यवस्था कहीं खराब नहीं होती थी. पूरी तरह से कानून का राज होता था, लेकिन गैर बीएसपी शासनकाल में लोगों का विश्वास सरकारों से डगमगाता है.
फिलहाल, बुलंदशहर सदर सीट से बीजेपी के विधायक रहे पूर्व मंत्री दिवंगत वीरेंद्र सिरोही के निधन के बाद इस विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. गौर करने वाली बात ये है कि इससे पूर्व दस साल तक लगातार बुलन्दशहर सदर सीट पर बीएसपी का कब्जा था. ऐसे में यहां माना जा रहा है कि उपचुनाव में जहां भाजपा को अपनी सीट बरकरार रखने की चुनौती है. वहीं बीएसपी फिर एक बार इस सीट पर अपना झंडा बुलन्द करना चाहती है. हालांकि और भी कई पार्टियों के प्रत्याशी अब मैदान में हैं. वहीं बीजेपी समेत कांग्रेस ने अपने कैंडिडेट की अब तक घोषणा नहीं की है.