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बुलंदशहर में अंतर धार्मिक और अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना हुई फ्लॉप - bulandshahar fresh news

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में विवाह प्रोत्साहन योजना का अब तक कुल 6 दंपत्ति ने ही इस योजना का लाभ उठाया है. इसकी मूल वजह योजना का प्रचार प्रसार न होना मानी जा रही है.

विवाह प्रोत्साहन योजना का दंपतियों ने नहीं उठाया लाभ.
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Published : Aug 8, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: सरकार द्वारा 2012 से चलाई जा रही अंतर धार्मिक शादी विवाह प्रोत्साहन योजना और अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सरकार प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है. इस योजना के अंतर्गत जिले में अब तक कुल 6 दंपत्ति ने ही इस योजना का लाभ उठाया है. इस योजना के फ्लाप होने की मूल वजह योजना का प्रचार प्रसार न होना माना जा रहा है.

विवाह प्रोत्साहन योजना का दंपतियों ने नहीं उठाया लाभ.

विवाह प्रोत्साहन योजना का दंपतियों ने नहीं उठाया लाभ

इस योजना को हालांकि काफी वक्त हो चुका है, लेकिन अभी तक सिर्फ 6 दंपति ने सरकार की तरफ से मिलने वाली पुरस्कार स्वरूप प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन किया और इसका लाभ उन्हें प्रशासन की जांच पड़ताल के बाद मिला. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि लोगों में जागरूकता की कमी के चलते इस योजना की जानकारी नहीं हो पाती है. इस योजना की पात्रता के दायरे में आने वाले लोग जानकारी का अभाव होने की वजह से सरकार की तरफ से मिलने वाली 50 हजार रुपये की धनराशि को लेने से चूक जाते हैं.

दरअसल, सरकार के द्वारा समाज में एकरूपता लाने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू गया था. इस योजना के अंतर्गत दोनों में से एक अति पिछड़ी या एससी वर्ग से है और तय तमाम नियम व शर्तों को पूरा करते हैं, तो इस योजना के तहत ऐसी दंपत्ति को 50 हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देने का प्रावधान बनाया गया था. लेकिन बुलंदशहर में व्यापक प्रचार-प्रसार ना होने के कारण इस योजना की जानकारी शायद लोगों को नहीं हो पाई, जिसके चलते लोग इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.

बुलंदशहर: सरकार द्वारा 2012 से चलाई जा रही अंतर धार्मिक शादी विवाह प्रोत्साहन योजना और अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सरकार प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है. इस योजना के अंतर्गत जिले में अब तक कुल 6 दंपत्ति ने ही इस योजना का लाभ उठाया है. इस योजना के फ्लाप होने की मूल वजह योजना का प्रचार प्रसार न होना माना जा रहा है.

विवाह प्रोत्साहन योजना का दंपतियों ने नहीं उठाया लाभ.

विवाह प्रोत्साहन योजना का दंपतियों ने नहीं उठाया लाभ

इस योजना को हालांकि काफी वक्त हो चुका है, लेकिन अभी तक सिर्फ 6 दंपति ने सरकार की तरफ से मिलने वाली पुरस्कार स्वरूप प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन किया और इसका लाभ उन्हें प्रशासन की जांच पड़ताल के बाद मिला. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि लोगों में जागरूकता की कमी के चलते इस योजना की जानकारी नहीं हो पाती है. इस योजना की पात्रता के दायरे में आने वाले लोग जानकारी का अभाव होने की वजह से सरकार की तरफ से मिलने वाली 50 हजार रुपये की धनराशि को लेने से चूक जाते हैं.

दरअसल, सरकार के द्वारा समाज में एकरूपता लाने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू गया था. इस योजना के अंतर्गत दोनों में से एक अति पिछड़ी या एससी वर्ग से है और तय तमाम नियम व शर्तों को पूरा करते हैं, तो इस योजना के तहत ऐसी दंपत्ति को 50 हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देने का प्रावधान बनाया गया था. लेकिन बुलंदशहर में व्यापक प्रचार-प्रसार ना होने के कारण इस योजना की जानकारी शायद लोगों को नहीं हो पाई, जिसके चलते लोग इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.

Intro: सरकार के द्वारा 2012 से चलाई जा रही अंतर्धार्मिक शादी विवाह प्रोत्साहन योजना ,व अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कुल 6 दंपत्ति ने ही इस योजना का लाभ बुलन्दशहर जिले में लिया है, जिसकी मूल वजह मानी जा रही है इसका व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार न होना।देखिये इटीवी भारत की एक्सक्लुसिव पडतालपूर्ण रिपोर्ट।

exclusive...


Body:हम बात कर रहे हैं सरकार के द्वारा अंतर्धार्मिक और अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की ,इस योजना को हालांकि काफी वक्त हो चुका है ,लेकिन अभी तक सिर्फ 6 दम्पत्ती ने सरकार की तरफ से मिलने वाली पुरस्कार स्वरूप प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन किया और इसका लाभ उन्हें प्रशासन की जांच पड़ताल के बाद मिला,

हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि लोगों में जागरूकता की कमी के चलते इस योजना की जानकारी नहीं हो पाती और इस योजना की पात्रता के दायरे में आने वाले लोग जानकारी का अभाव होने की वजह से सरकार की तरफ से मिलने वाली 50 हजार रुपये की धनराशि को लेने से चूक जाते हैं।

दरअसल सरकार के द्वारा समाज में एकरूपता लाने के लिए समरसता की भावना पैदा करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू गया था कि दोनों में से एक अतिपिछड़ी या एससी वर्ग से है और तय तमाम नियम व शर्तों को पूरा करते हैं,तो इस योजना के तहत ऐसी दंपत्ति को 50 हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देने का प्रावधान बनाया गया था ,
तो वही अंतर धार्मिक विवाह करने पर भी इस योजना का लाभ दिया जाता है ,

हालांकि ऐसे दम्पत्ती को पांच साल तक मॉनिटर भी किया जाता है और ये भी देखा जाता है कि पति पत्नी साथ में प्रेम और सौहार्द से रकलः भी रहे हैं या नहीं अगर नहीं तो ये राशि ज़ब्त भी की जा सकती है,

लेकिन बुलंदशहर में व्यापक प्रचार-प्रसार ना होने के चलते इस योजना की जानकारी शायद लोगों को नहीं हो पाती जिसके चलते लोग इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं ,

आलम यह है कि बुलंदशहर जिले में जहां 2012 में सिर्फ एक दंपत्ति ने इसके लिए आवेदन किया था तो वहीं 2014- 15 में दो दंपत्ति ने अंतर्जातीय शादी करके इस योजना के तहत मिलने वाली पुरस्कार राशि को हासिल किया था ,जबकि 2013 में कोई भी रजिस्ट्रेशन इस बारे में नहीं हुआ तो वहीं 2016 में दो पात्रों ने शादी विवाह प्रोत्साहन राशि योजना के अंतर्गत इस योजना का लाभ उठाया था ,जबकि 2017 में जिले में एक भी अंतरजातीय विवाह या अंतर धार्मिक विवाह योजना का लाभ लेने कोई भी अफसरों के पास तक नहीं पहुंचा, या यूं कहिए कोई भी रजिस्ट्रेशन के लिए सम्बन्धित विभाग को आवेदन नहीं दिया गया,जबकि 2018 में एक पात्र ने आवेदन इसके लिए किया इस तरह से अब तक कुल जिले में 6 दंपति ने ही इस सरकार के द्वारा 50 हजार रुपये की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन जिले में किया है , हालांकि इसकी मूल वजह यही मानी जा रही है कि प्रचार-प्रसार में कमी है ,तो वही आला अधिकारी भी मानते हैं कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा और आने वाले दिनों में हो सकता है कि इसमें लाभ लेने वाले पात्रों की संख्या भी बढ़ जाए ,

फिलहाल अगर देखा जाए तो ऐसा भी नहीं है कि इन 7 वर्षों में सिर्फ 6 ही इंटरकास्ट या इंटर रिलिजन मैरिज जिले में हुई हों , लेकिन ये संख्या कितनी है, इसकी भी जिले में कोई निश्चित आंकड़ा जिला प्रशासन के पास नहीं है ,

फिलहाल अब इसकी व्यापक प्रचार-प्रसार की बातें मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार के द्वारा कही जा रही हैं,और वो मानते हैं कि जिले में अंतर्धार्मिक और अंतर्जातीय विवाह योजना के पात्र दम्पत्तियों को मिलने वाले पुरस्कार स्वरूप राशि के बारे में प्रचार प्रसार में तेजी लाई जाएगी,ताकि लोग जागरूक हो सकें।

बाइट...एस के रुंगटा,मुख्यविकास अधिकारी,बुलन्दशहर
पीटीसी...श्रीपाल तेवतिया, बुलन्दशहर ।


Conclusion:9213400888

बुलन्दशहर,
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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