बुलंदशहर: जिले में अभी भी सरकार के मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों का टोटा बना हुआ है. जिले के अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों में तो अव्यवस्था का जैसे बोलबाला है. ईटीवी भारत के जांच में भोगपुर गांव के स्कूल में शिक्षक की कमी के साथ ड्रेस और किताबों की कमी भी सामने आई.
स्कूल में शिक्षकों की कमी
सरकार की मंशा है कि कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. जिले में अधिकारी सरकार के इस मंशा को पलीता लगा रहे हैं. नवंबर से शुरू हुए सत्र को काफी समय बीत चुका है, लेकिन अब तक अंग्रेजी माध्यम के मॉडल स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ तक नहीं हैं. इंग्लिश मीडियम के विद्यालयों में नए शासनादेश के बाद प्रत्येक विद्यालय में पांच टीचर होने अनिवार्य हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर गुलावठी ब्लॉक के भोगपुर गांव में अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय संचालित है. इस विद्यालय में सिर्फ प्रधानाचार्य और एक सहायक अध्यापिका ही तैनात है.
जानिए क्या है शिक्षकों का कहना
हालांकि स्कूल में और भी खामियां देखने को मिली. बच्चों को जिस क्लास रूम में बैठकर पढ़ाया जा रहा था, उसमें बिजली की व्यवस्था तक नहीं थी. इस बारे में प्रधानाध्यापक का कहना है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से परेशानी तो होती है.
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सहायक अध्यापिका चंचल नेहरा का कहना है कि अगर इंग्लिश मीडियम के इस मॉडल विद्यालय के कुछ बच्चों को ही किताबें मिली हैं. बिना किताबों के ही हम बच्चों को पढ़ाते हैं. उन्होंने बताया कि हम बच्चों को टीएलएम की मदद से पढ़ाते हैं. वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्रवाई करने की बात करते नजर आए.