बुलंदशहर: जिले के अकबरपुर गांव में वर्षों से दो सगी बहनों को रस्सियों से बांध कर रखा जा रहा है. इसके पीछे उनके परिजनों की मजबूरी है. बताया जा रहा है कि दोनों बहनों का मानसिक तौर पर विकास नहीं हो सका है, इससे इनके माता-पिता को काफी परेशानी होती है. गरीबी की मार झेल रहे इन बहनों के माता-पिता ने जिले के अफसरों को अपनी मजबूरी बताई तो नगर मजिस्ट्रेट ने इन बालिकाओं को बेबसी की कैद से आजाद कराकर इलाज कराने की तैयारी शुरू कर दी है. अब दोनों बहनों को आगरा भेजने की तैयारी की जा रही है.
अकबरपुर गांव में रहने वाले नफीस और उनकी पत्नी अपनी दोनों बच्चियों को लेकर काफी समय से परेशान थे. आलम यह था कि अगर इन बहनों को बांधकर न रखा जाए तो ये बच्चियां कई बार रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी थीं. बताया जा रहा है कि दोनों का दिमाग अभी तक विकसित नहीं हुआ है. नफीस का कहना है कि उनके चार बेटे हैं, जिनमें से तीन बेटों की शादी हो चुकी है, लेकिन उनके बेटे शादी के बाद घर छोड़कर चले गए क्योंकि मानसिक तौर पर कमजोर अपनी बहनों की जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहते थे. वहीं नफीस और उनकी पत्नी को ये डर सताता है कि उनके न रहने पर इन बच्चियों का क्या होगा.
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गरीबी के चलते इलाज न करा पाने के बाद कई बार उन्होंने अधिकारियों के चक्कर भी काटें. आखिरकार सिटी मजिस्ट्रेट के पास फरियाद लेकर पहुंची दोनों बच्चियों की मां की बात सुनकर खुद सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे. अब उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया दिया गया है और इसके साथ ही उन्हें बेहतर इलाज के लिए आगरा भेजने की कोशिशें हो रही हैं. वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विवेक मिश्रा का कहना है कि यह काफी गम्भीर विषय है. इसमें प्रशासनिक स्तर से जो भी मदद सम्भव है वह की जाएगी. उन्होंने कहा कि इन बहनों के लिए विकलांगता पेंशन की भी व्यवस्था किए जाने का प्रयास किया जा रहा है.