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बुलंदशहर: मां-बाप की मजबूरी बनीं दो बहनें, जिला प्रशासन से मदद की गुहार - मानसिक तौर पर कमजोर बहनों का इलाज कराएगा जिला प्रशासन

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो बहनें मानसिक तौर पर कमजोर हैं, जिसकी वजह से उनको बांधकर रखना पड़ता था. इनके परिजनों ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर भी काटे, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. वहीं अब सिटी मजिस्ट्रेट के प्रयासों के बाद दोनों बहनों को इलाज के लिए आगरा भेजे जाने की तैयारी की जा रही है.

बुलंदशहर
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Published : Sep 21, 2019, 8:28 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले के अकबरपुर गांव में वर्षों से दो सगी बहनों को रस्सियों से बांध कर रखा जा रहा है. इसके पीछे उनके परिजनों की मजबूरी है. बताया जा रहा है कि दोनों बहनों का मानसिक तौर पर विकास नहीं हो सका है, इससे इनके माता-पिता को काफी परेशानी होती है. गरीबी की मार झेल रहे इन बहनों के माता-पिता ने जिले के अफसरों को अपनी मजबूरी बताई तो नगर मजिस्ट्रेट ने इन बालिकाओं को बेबसी की कैद से आजाद कराकर इलाज कराने की तैयारी शुरू कर दी है. अब दोनों बहनों को आगरा भेजने की तैयारी की जा रही है.

जिला प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन.

अकबरपुर गांव में रहने वाले नफीस और उनकी पत्नी अपनी दोनों बच्चियों को लेकर काफी समय से परेशान थे. आलम यह था कि अगर इन बहनों को बांधकर न रखा जाए तो ये बच्चियां कई बार रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी थीं. बताया जा रहा है कि दोनों का दिमाग अभी तक विकसित नहीं हुआ है. नफीस का कहना है कि उनके चार बेटे हैं, जिनमें से तीन बेटों की शादी हो चुकी है, लेकिन उनके बेटे शादी के बाद घर छोड़कर चले गए क्योंकि मानसिक तौर पर कमजोर अपनी बहनों की जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहते थे. वहीं नफीस और उनकी पत्नी को ये डर सताता है कि उनके न रहने पर इन बच्चियों का क्या होगा.

इसे भी पढ़ें- रामपुर: आजम खां की स्वर्गीय मां पर भी दर्ज हुआ मुकदमा, ये है वजह...

गरीबी के चलते इलाज न करा पाने के बाद कई बार उन्होंने अधिकारियों के चक्कर भी काटें. आखिरकार सिटी मजिस्ट्रेट के पास फरियाद लेकर पहुंची दोनों बच्चियों की मां की बात सुनकर खुद सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे. अब उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया दिया गया है और इसके साथ ही उन्हें बेहतर इलाज के लिए आगरा भेजने की कोशिशें हो रही हैं. वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विवेक मिश्रा का कहना है कि यह काफी गम्भीर विषय है. इसमें प्रशासनिक स्तर से जो भी मदद सम्भव है वह की जाएगी. उन्होंने कहा कि इन बहनों के लिए विकलांगता पेंशन की भी व्यवस्था किए जाने का प्रयास किया जा रहा है.

बुलंदशहर: जिले के अकबरपुर गांव में वर्षों से दो सगी बहनों को रस्सियों से बांध कर रखा जा रहा है. इसके पीछे उनके परिजनों की मजबूरी है. बताया जा रहा है कि दोनों बहनों का मानसिक तौर पर विकास नहीं हो सका है, इससे इनके माता-पिता को काफी परेशानी होती है. गरीबी की मार झेल रहे इन बहनों के माता-पिता ने जिले के अफसरों को अपनी मजबूरी बताई तो नगर मजिस्ट्रेट ने इन बालिकाओं को बेबसी की कैद से आजाद कराकर इलाज कराने की तैयारी शुरू कर दी है. अब दोनों बहनों को आगरा भेजने की तैयारी की जा रही है.

जिला प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन.

अकबरपुर गांव में रहने वाले नफीस और उनकी पत्नी अपनी दोनों बच्चियों को लेकर काफी समय से परेशान थे. आलम यह था कि अगर इन बहनों को बांधकर न रखा जाए तो ये बच्चियां कई बार रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी थीं. बताया जा रहा है कि दोनों का दिमाग अभी तक विकसित नहीं हुआ है. नफीस का कहना है कि उनके चार बेटे हैं, जिनमें से तीन बेटों की शादी हो चुकी है, लेकिन उनके बेटे शादी के बाद घर छोड़कर चले गए क्योंकि मानसिक तौर पर कमजोर अपनी बहनों की जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहते थे. वहीं नफीस और उनकी पत्नी को ये डर सताता है कि उनके न रहने पर इन बच्चियों का क्या होगा.

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गरीबी के चलते इलाज न करा पाने के बाद कई बार उन्होंने अधिकारियों के चक्कर भी काटें. आखिरकार सिटी मजिस्ट्रेट के पास फरियाद लेकर पहुंची दोनों बच्चियों की मां की बात सुनकर खुद सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे. अब उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया दिया गया है और इसके साथ ही उन्हें बेहतर इलाज के लिए आगरा भेजने की कोशिशें हो रही हैं. वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विवेक मिश्रा का कहना है कि यह काफी गम्भीर विषय है. इसमें प्रशासनिक स्तर से जो भी मदद सम्भव है वह की जाएगी. उन्होंने कहा कि इन बहनों के लिए विकलांगता पेंशन की भी व्यवस्था किए जाने का प्रयास किया जा रहा है.

Intro:बुलंदशहर जिले के अकबरपुर गांव में वर्षों से दो सगी बहनें रस्सियों से मजबूरी बस परिजनों के द्वारा बांध कर रखी जा रही थीं, जिसकी वजह है उन दोनों का मानसिक तौर पर विकास ना होना ,इस बारे गरीबी की मार झेल रहे बालिकाओं के माता पिता ने जिले के अफसरों को अपनी मजबूरी बताई तो नगर मजिस्ट्रेट के प्रयासों के बाद अब इन बालिकाओं को बेबसी की कैद से आजाद कराकर इलाज कराने की तैयारी शुरू कर दी है,अब दोनों बालिकाओं को आगरा भेजने की तैयारी है।रिपोर्ट देखिये।


Body:लंबे समय से ही गरीबी की मार झेल रहे नफीस और उनकी पत्नी अपनी दोनों बच्चियों को लेकर काफी परेशान थे ,जिसकी वजह से वह काफी तनाव में थे, अमलम यह था कि अगर इन बालिकाओं को बांधकर ना रखा जाए तो यह बच्चियां कई बार रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी थी,दोनों बेटियों में से एक वयस्क हो चुकी है,जबकि दूसरी अभी 15 से 16 साल की है,लेकिन दोनों का दिमाग विकसित नहीं हुआ ,नफीस कहते हैं कि उनके चार बेटे हैं ,और तीन बेटों की शादी भी हो चुकी लेकिन जब भी बेटों की शादी की वो घर छोड़कर सिर्फ इसलिए चले गए क्योंकि मानसिक तौर पर कमजोर अपनी दो बहनों की जिम्मेदारी उठाना नहीं चाहते थे ,तो वहीं नफीस और उनकी पत्नी को अब ये डर सताता है कि उनके दुनिया से अलविदा होने के बाद आखिर इन बच्चियों का क्या होगा,जबकि गरीबी के चलते नफीस इलाज नहीं करा पाए तो वहीं काफी बार अफसरों की चौखट पर भी ये दम्पत्ती अपनी समस्या बताता घूमता रहा,लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट के पास फरियाद लेकर पहुंची दोनों बच्चियों की मां की बात सुनकर शुक्रवार को खुद सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और साथ में एसीएमओ और पुलिस भी लेकर गए ,अब इनके इलाज के लिए इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब आगरा में इन बच्चियों को इलाज के लिए भेजने की कोशिशें हो रही हैं।नफीश कि माने तो दोनों बच्चियां अगर न बढ़ीं जाएं तो छोटे से घर से बाहर निकलाजय करती हैं,मानसिक विकास न होने की वजह से उन्हें कई बार चोटें भी आई है,औयर एक बच्ची तो एक बार कई दिन ढूंढने के बाद उन्हें मिली थी,वही गंदगी भी हाथ में लेकर यह खाने लग जाती थी ,अब इन बच्चियों की सुध नगर मजिस्ट्रेट विवेक मिश्रा ने ली है और अब उन्होंने इनके इलाज के लिए सम्बन्धित अफसरों से भी बात की है।
वहीं सिटी मजिस्ट्रेट विवेक मिश्रा का कहना है कि ये काफी गम्भीर विषय है औयर इसमें प्रशासनिक स्तर से जो भी मदद सम्भव है व्व कि जाएगी,साथ ही प्रयास ये भी है कि इन बालिकाओं के लिए विकलांगता पेंशन की भी व्यवस्था हो सके।
बाइट.....नफ़ीश ख़ान, बालिकाओं के पिता
बाइट.....विवेक कुमार मिश्रा,सिटी मजिस्ट्रेट,बुलन्दशहर ।


Conclusion:बालिकाओं की वजह से न हीं तो इनकी मां कभी घर के बाहर गईं,औयर न नफीश ठीक से मन लगाकर रोजगार ही कर पाए।फिलहाल उन्हें जिले के अफसरों पर ही अब आस बंधी है कि किसी तरह कोई मदद हो ।


श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर.
9213400888
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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