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बिजनौर: बाढ़ से मचा हाहाकार, कई गांव बाढ़ की चपेट में - बिजनौर समाचार

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है. इससे लोगों को आने जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ से हुआ लोगों का बुरा हाल
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Published : Jul 18, 2019, 5:31 PM IST

बिजनौर: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. वहीं बिजनौर के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिले के किरतपुर से असगरपुर अंगाखेड़ी, शादीपुर, बुडगरी और चन्दक मण्डावर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं. प्रशासन की मदद से गांव खाली कराए जा रहे हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके.

बाढ़ से हुआ लोगों का बुरा हाल

बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें:

  • लोग जान जोखिम में डालकर एक गांव से दूसरे गांव जा रहे हैं.
  • ग्रामीणों ने पुल बनाकर स्कूली बच्चों को स्कूल भेजा.
  • बाढ़ की वजह से लकड़ी का पुल टूट गया.
  • बच्चों को स्कूल जाने में 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.
  • प्रभावित गांव की आबादी दो हजार के आस पास है.
  • रोज़ कई छात्र स्कूल पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाते हैं.
  • ऐसे में तेज बाढ़ के पानी को पार करना मौत का सामना करने से कम नही है.
  • प्रशासन की मदद से गांव खाली कराए जा रहे हैं.

बरसात के दिनों में हर वर्ष इसी तरह गांव से गांव को जोड़ने वाला रपटा पानी में बह जाता है, जिसके चलते उन्हें इस तरह ऐसे में तेज बाढ़ के पानी को पार करना उनके लिए मौत का सामना करने से कम नहीं है.

मुकेश कुमार, छात्र

बिजनौर: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. वहीं बिजनौर के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिले के किरतपुर से असगरपुर अंगाखेड़ी, शादीपुर, बुडगरी और चन्दक मण्डावर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं. प्रशासन की मदद से गांव खाली कराए जा रहे हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके.

बाढ़ से हुआ लोगों का बुरा हाल

बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें:

  • लोग जान जोखिम में डालकर एक गांव से दूसरे गांव जा रहे हैं.
  • ग्रामीणों ने पुल बनाकर स्कूली बच्चों को स्कूल भेजा.
  • बाढ़ की वजह से लकड़ी का पुल टूट गया.
  • बच्चों को स्कूल जाने में 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.
  • प्रभावित गांव की आबादी दो हजार के आस पास है.
  • रोज़ कई छात्र स्कूल पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाते हैं.
  • ऐसे में तेज बाढ़ के पानी को पार करना मौत का सामना करने से कम नही है.
  • प्रशासन की मदद से गांव खाली कराए जा रहे हैं.

बरसात के दिनों में हर वर्ष इसी तरह गांव से गांव को जोड़ने वाला रपटा पानी में बह जाता है, जिसके चलते उन्हें इस तरह ऐसे में तेज बाढ़ के पानी को पार करना उनके लिए मौत का सामना करने से कम नहीं है.

मुकेश कुमार, छात्र

Intro:एंकर। पहाड़ी क्षेत्रो में लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। बिजनौर के कई गांव इस समय बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पुलिस द्वारा गाँवो में जाकर ग्रामीणों को चेतावनी देकर गांव खाली कराए जा रहे हैं।

Body:बिजनौर के किरतपुर से असगरपुर अंगाखेड़ी, शादीपुर, बुडग़री और चन्दक मण्डावर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। ग्रामीणों द्वारा मानवरहित चलता पुल बनाकर ग्रामीणों को एक गांव से दूसरे गांव खेती व अन्य कार्य करने के लिए जान जोखिम में डालकर तेज बहाव पानी को पार कराया जा रहा है। आपको बता दें कि इस समय जिस गांव में बाढ़ के हालात है। उस गांव की आबादी दो हजार के आस पास है। जिनमे कई छात्र रोजाना स्कूल पढ़ने के लिए दूसरे गांव में जाते हैं। ऐसे में तेज बाढ़ के पानी को पार करना उनके लिए मौत का सामना करने से कम नही है। स्कूली बच्चे तेज़ बहाव के पानी को पार कर रहे हैं। इसी कड़ी में गांव में बाढ़ का पानी तेज से जाने लगा है ।

बाईट।मुकेश कुमार।छात्रConclusion:स्कूली बच्चो द्वारा 10 किलोमीटर का दूसरा रास्ता पार कर अपने घर पहुँचे ग्रामीणों स्कूली बच्चो का कहना है कि बरसात के दिनों में हर वर्ष इसी तरह गांव से गांव को जोड़ने वाला रपटा पानी मे बह जाता है। जिसके चलते उन्हें इस तरह जान जोखिम में डालकर रास्ता पर करना पड़ता है।
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