बिजनौर: लॉकडाउन के चलते कस्बों और शहरों में रहने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार की ओर से काफी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के इन दिनों में वनों में रहकर दूध बेचकर अपना गुजारा करने वाले लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. बिजनौर जनपद के बॉर्डर पर रहने वाले वन गुर्जर दूध बेचकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे थे. लॉकडाउन की वजह से अब ये लोग अपना दूध भी नहीं बेच पा रहे हैं.
बिजनौर और उत्तराखंड के बॉर्डर जिले के वन आरक्षित क्षेत्र में रहने वाले वन गुर्जरों को भूखे रहकर गुजारा करना पड़ रहा है. राशन डीलर द्वारा राशन न दिए की वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.
हालांकि सरकार की ओर से शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों की दिक्कतों को देखते हुए काफी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. वहीं समाजसेवी संस्थाएं भी इस दिशा में काफी प्रयास कर रही हैं, लेकिन दूर जंगलों में रहकर अपना पालन पोषण करने वाले यह लोग राशन डीलर की मनमानी और सरकारी सहायता न मिलने की वजह से दाने-दाने को मोहताज हैं.
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लॉकडाउन के पहले ये वन गुर्जर मिठाई और खाने-पीने की जगहों पर अपने दूध की सप्लाई करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण ढाबों और दुकानों के बंद होने के कारण इनका दूध नहीं बिक पा रहा, जिससे इन वन गुर्जरों के परिवार काफी परेशान हैं.