लखनऊ/बिजनौरः लखनऊ: महिला सिपाही रुचि सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव समेत तीन अभियुक्तों को पीजीआई थाने की पुलिस ने अदालत के समक्ष पेश किया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने तीनों अभियुक्तों को 5 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वहीं, मृतका रुचि सिंह का शव आज पैतृक निवास बिजनौर पहुंचा. शव पहुंचने पर गांव में कोहराम मच गया और परिजनों ने आरोपियों को फांसी की सजा की मांग की.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता की अदालत में बचाव पक्ष द्वारा आरोपी तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव, पत्नी प्रगति श्रीवास्तव और सहयोगी नामवर सिंह की ओर से कोर्ट के समक्ष जमानत अर्जी पेश की गई. जमानत अर्जी का अभियोजन पक्ष की ओर से विरोध किया गया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि अभियुक्तों द्वारा हत्या जैसा जघन्य अपराध किया गया है और उनकी जमानत अर्जी में कोई ठोस आधार नहीं है.
अदालत ने पक्षकारों को सुनने के उपरांत तीनों अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि मामला सत्र न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है और गम्भीर प्रकृति का है. अदालत के समक्ष विवेचक द्वारा अभियुक्तों को पेशकर भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201, 120 बी और 34 के तहत न्यायिक अभिरक्षा रिमांड स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया गया था.
अदालत में बताया गया कि प्रेम प्रसंग के चलते रुचि चौधरी को रास्ते से हटाने का तीनों अभियुक्तों ने फैसला किया. योजना के तहत विगत 12 फरवरी को उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद साक्ष्यों को छिपाने के लिए शव को नाले में फेंक दिया गया.
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वहीं, महिला सिपाही रुचि सिंह का शव आज बिजनौर में उनके पैतृक गांव पहुंच गया है. बिजनौर जिले के नजीबाबाद तहसील इलाके के गांव महावतपुर बिललौच निवासी योगेंद्र सिंह चौहान की पुत्री रुचि सिंह यूपी पुलिस लखनऊ मुख्यालय पर आरक्षित पद पर तैनात थी. महिला सिपाही रुचि की प्रेम-प्रसंग के चलते हत्या कर दी गयी थी. गांव में रुचि सिंह का शव पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई. सैकड़ों की तादाद में रिश्तेदार और गांववालों की भीड़ रुचि सिंह के घर पर जमा हो गई. आज महिला आरक्षी रुचि का अंतिम संस्कार करा दिया गया. वही परिजनों ने आरोपी तहसीलदार को फांसी की सजा की मांग की है.
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