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वाराणसी: पिता को पद्मश्री मिलने पर बोले फिरोज खान, 'सरकार का कोटिश: धन्यवाद'

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Published : Jan 27, 2020, 5:23 PM IST

भारत सरकार ने 26 जनवरी को 141 पद्म पुरस्करों का एलान किया, जिसमें 118 पद्म श्री, 16 पद्म भूषण और 7 पद्म विभूषण शामिल हैं. पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों में यूपी के वाराणसी स्थित बीएचयू के संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान के पिता मुन्ना मास्टर का भी नाम शामिल हैं. इस मौके पर फिरोज खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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फिरोज खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

वाराणसी: 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने 118 पद्मश्री पुरस्कार का एलान किया. पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वाले लोगों की सूची में एक नाम मुन्ना मास्टर का भी है, जो बीएचयू के चर्चित प्रोफेसर फिरोज खान के पिता हैं.

बीएचयू के संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर से बातचीत करते संवाददाता.

कौन हैं मुन्ना मास्टर
बीएचयू में संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति को लेकर चर्चा में आए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान के पिता रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर भगवान श्रीकृष्ण पर भजन गाने और गाय की सेवा के लिए जाने जाते हैं. वह राजस्थान के जयपुर के बगरू के रहने वाले हैं. उनके चार बेटे हैं और सभी को उन्होंने संस्कृत की शिक्षा दिलाई.

मुन्ना मास्टर ने श्री श्याम सुरभि वंदना नाम से किताब भी लिखी है. उन्हें संस्कृत का भी अच्छा ज्ञान है.

फिरोज खान ने सरकार का किया धन्यवाद
पिता मुन्ना मास्टर को पद्मश्री मिलने पर असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान पहली बार मीडिया के सामने आए और ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पिता को पद्मश्री देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद कहा.

...इसलिए रमजान खान का नाम पड़ा 'मुन्ना मास्टर'
प्रोफेसर फिरोज खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मेरे दादा जी ने मेरे पिताजी का नाम मुन्ना रखा, इसलिए लोग उन्हें मुन्ना मास्टर के नाम से जानते हैं. उनका नाम रमजान खान है. जब मैंने पिताजी को फोन करके पुरस्कार के बारे में बताया तो वह बहुत ही प्रसन्न हुए. वह इतने खुश थे कि पूरी तरह वह कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे.

भारत सरकार का कोटिश: धन्यवाद
असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने कहा कि मैं अल्लाह ताला का बहुत ही शुक्रगुजार हूं कि मुझे देश का युवा पुरस्कार दिया जा रहा है. ऐसा मेरे पिताजी ने मुझसे कहा. उन्होंने बताया कि जयपुर के अंदर जो भी आसपास के गांव हैं, क्षेत्र हैं, सभी जिलों में जाकर पिता जी भजन और गीत गाते थे. उसी के प्रभाव से कला के क्षेत्र में उनको पद्मश्री दिया गया. इसके लिए भारत सरकार का कोटिश: धन्यवाद.

ये भी पढ़ें: BHU में 5 फरवरी को होगा 'युवा महोत्सव आकांक्षा कार्यक्रम' का फाइनल राउंड

वाराणसी: 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने 118 पद्मश्री पुरस्कार का एलान किया. पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वाले लोगों की सूची में एक नाम मुन्ना मास्टर का भी है, जो बीएचयू के चर्चित प्रोफेसर फिरोज खान के पिता हैं.

बीएचयू के संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर से बातचीत करते संवाददाता.

कौन हैं मुन्ना मास्टर
बीएचयू में संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति को लेकर चर्चा में आए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान के पिता रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर भगवान श्रीकृष्ण पर भजन गाने और गाय की सेवा के लिए जाने जाते हैं. वह राजस्थान के जयपुर के बगरू के रहने वाले हैं. उनके चार बेटे हैं और सभी को उन्होंने संस्कृत की शिक्षा दिलाई.

मुन्ना मास्टर ने श्री श्याम सुरभि वंदना नाम से किताब भी लिखी है. उन्हें संस्कृत का भी अच्छा ज्ञान है.

फिरोज खान ने सरकार का किया धन्यवाद
पिता मुन्ना मास्टर को पद्मश्री मिलने पर असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान पहली बार मीडिया के सामने आए और ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पिता को पद्मश्री देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद कहा.

...इसलिए रमजान खान का नाम पड़ा 'मुन्ना मास्टर'
प्रोफेसर फिरोज खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मेरे दादा जी ने मेरे पिताजी का नाम मुन्ना रखा, इसलिए लोग उन्हें मुन्ना मास्टर के नाम से जानते हैं. उनका नाम रमजान खान है. जब मैंने पिताजी को फोन करके पुरस्कार के बारे में बताया तो वह बहुत ही प्रसन्न हुए. वह इतने खुश थे कि पूरी तरह वह कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे.

भारत सरकार का कोटिश: धन्यवाद
असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने कहा कि मैं अल्लाह ताला का बहुत ही शुक्रगुजार हूं कि मुझे देश का युवा पुरस्कार दिया जा रहा है. ऐसा मेरे पिताजी ने मुझसे कहा. उन्होंने बताया कि जयपुर के अंदर जो भी आसपास के गांव हैं, क्षेत्र हैं, सभी जिलों में जाकर पिता जी भजन और गीत गाते थे. उसी के प्रभाव से कला के क्षेत्र में उनको पद्मश्री दिया गया. इसके लिए भारत सरकार का कोटिश: धन्यवाद.

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Intro: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने 141 पद्मश्री पुरस्कार प्रदान करने की मंजूरी जी वही पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वाले लोगों की सूची में एक नाम मुन्ना मास्टर का भी है जो बीएचयू के चर्चित प्रोफेसर फिरोज खान के पिता है।


Body:
संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय नियुक्ति को लेकर चर्चा में आए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान को देश ही नहीं पूरी दुनिया जान गई।ऐसे में फिरोज खान के पिता भी भारतीय धर्म और संस्कृति से जुड़े हैं। वह संस्कृति के प्रचार के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उन्हें इसी बात के लिए पद्म श्री दिया जा रहा है। असिस्टेंट प्रोफेसर पहली बार मीडिया के सामने आए और उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत किया। भारत सरकार को संस्कृत में धन्यवाद कहा।



Conclusion:प्रोफ़ेसर फिरोज खान नहीं टीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मेरे दादा जी ने मेरे पिताजी का नाम मुन्ना रखा इसलिए लोग उन्हें मुन्ना मास्टर के नाम से जानते हैं उनका नाम है। रमजान खान है। जब मैंने पिताजी को फोन करके पुरस्कार के बारे में बताया तो वह बहुत ही प्रसन्न हुए। वह इतने खुश थे की पूरी तरह वह कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे। मैं बहुत ही शुक्रगुजार हूं अल्लाह ताला का कि मुझे देश का युवा पुरस्कार दिया जा रहा है ऐसा मेरे पिताजी ने हमसे कहा।

जयपुर के अंदर जो भी आसपास के छोटे-मोटे गांव हैं जो हमारे आसपास के क्षेत्र हैं। सभी जिलों में जाकर भजन और गीत गाते थे। उसी के प्रभाव से कला के क्षेत्र में उनको पद्मश्री दिया गया। भारत सरकार को संस्कृत में कोटी श: धन्यवाद कहां।


बाइट:-- फिरोज खान, असिस्टेंट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग बीएचयू

आशुतोष उपाध्याय

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