वाराणसी: 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने 118 पद्मश्री पुरस्कार का एलान किया. पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वाले लोगों की सूची में एक नाम मुन्ना मास्टर का भी है, जो बीएचयू के चर्चित प्रोफेसर फिरोज खान के पिता हैं.
कौन हैं मुन्ना मास्टर
बीएचयू में संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति को लेकर चर्चा में आए असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान के पिता रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर भगवान श्रीकृष्ण पर भजन गाने और गाय की सेवा के लिए जाने जाते हैं. वह राजस्थान के जयपुर के बगरू के रहने वाले हैं. उनके चार बेटे हैं और सभी को उन्होंने संस्कृत की शिक्षा दिलाई.
मुन्ना मास्टर ने श्री श्याम सुरभि वंदना नाम से किताब भी लिखी है. उन्हें संस्कृत का भी अच्छा ज्ञान है.
फिरोज खान ने सरकार का किया धन्यवाद
पिता मुन्ना मास्टर को पद्मश्री मिलने पर असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान पहली बार मीडिया के सामने आए और ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पिता को पद्मश्री देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद कहा.
...इसलिए रमजान खान का नाम पड़ा 'मुन्ना मास्टर'
प्रोफेसर फिरोज खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मेरे दादा जी ने मेरे पिताजी का नाम मुन्ना रखा, इसलिए लोग उन्हें मुन्ना मास्टर के नाम से जानते हैं. उनका नाम रमजान खान है. जब मैंने पिताजी को फोन करके पुरस्कार के बारे में बताया तो वह बहुत ही प्रसन्न हुए. वह इतने खुश थे कि पूरी तरह वह कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे.
भारत सरकार का कोटिश: धन्यवाद
असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान ने कहा कि मैं अल्लाह ताला का बहुत ही शुक्रगुजार हूं कि मुझे देश का युवा पुरस्कार दिया जा रहा है. ऐसा मेरे पिताजी ने मुझसे कहा. उन्होंने बताया कि जयपुर के अंदर जो भी आसपास के गांव हैं, क्षेत्र हैं, सभी जिलों में जाकर पिता जी भजन और गीत गाते थे. उसी के प्रभाव से कला के क्षेत्र में उनको पद्मश्री दिया गया. इसके लिए भारत सरकार का कोटिश: धन्यवाद.
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