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फर्जी प्रमाणपत्र से 15 साल से कर रहा था शिक्षक की नौकरी, पुलिस ने भेजा जेल - job of teacher on fake certificate

बस्ती के प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा था. आज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक की नौकरी
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Published : Jul 19, 2022, 3:55 PM IST

बस्ती: पुलिस ने एक मंगलवार को एक ऐसे शिक्षक को गिरफ्तार किया है. जो 15 साल से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहा था. आरोप है कि उसने फर्जी तरीके से प्राइमरी स्कूल में शिक्षक की नौकरी की और सरकार को लाखों का चूना लगाया है. युवक ने नाम बदलकर महराजगंज जनपद में तैनात शिक्षक के प्रमाणपत्र पर गौर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में नौकरी की. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया था. एसपी आशीष श्रीवास्तव की ओर से 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक की नौकरी
महराजगंज जिले के परतावल विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय पिपरा खादर में भानु प्रताप यादव सहायक अध्यापक हैं. वह मूल रूप से गोरखपुर के सराय महुलिया पोस्ट जमीन भीटी के निवासी हैं. जांच में पता चला कि संतकबीरनगर के धनघटा थाना क्षेत्र के दौलतपुर निवासी राम गोपाल ने अपना नाम भानु प्रताप यादव रख लिया और महराजगंज में तैनात शिक्षक के प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर जिले के गौर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जलालाबाद में नौकरी हासिल कर ली.


यह भी पढे़ं:शिक्षक भर्ती विवाद: बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर के बाहर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, सुंदरकांड पाठ कर जताया विरोध


एसटीएफ की जांच में पाया गया कि गौर ब्लॉक में तैनात भानु प्रताप यादव का शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी है. इस आधार पर बीएसए ने उसे बर्खास्त कर खंड शिक्षा अधिकारी को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया. पैकोलिया थाने में खंड शिक्षा अधिकारी ओंकार नाथ वर्मा ने बर्खास्त शिक्षक भानु प्रताप यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. डीएसपी शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि मुकदमे की तफ्तीश में पाया गया कि वांछित आरोपी का नाम भानु प्रताप यादव नहीं बल्कि राम गोपाल है. जांच पड़ताल पूरी कर पुलिस ने राम गोपाल को गिरफ्तार कर लिया और विधिक कार्यवाही पूरी कर अब उसे जेल भेज दिया गया है.

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बस्ती: पुलिस ने एक मंगलवार को एक ऐसे शिक्षक को गिरफ्तार किया है. जो 15 साल से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहा था. आरोप है कि उसने फर्जी तरीके से प्राइमरी स्कूल में शिक्षक की नौकरी की और सरकार को लाखों का चूना लगाया है. युवक ने नाम बदलकर महराजगंज जनपद में तैनात शिक्षक के प्रमाणपत्र पर गौर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में नौकरी की. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया था. एसपी आशीष श्रीवास्तव की ओर से 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.

फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक की नौकरी
महराजगंज जिले के परतावल विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय पिपरा खादर में भानु प्रताप यादव सहायक अध्यापक हैं. वह मूल रूप से गोरखपुर के सराय महुलिया पोस्ट जमीन भीटी के निवासी हैं. जांच में पता चला कि संतकबीरनगर के धनघटा थाना क्षेत्र के दौलतपुर निवासी राम गोपाल ने अपना नाम भानु प्रताप यादव रख लिया और महराजगंज में तैनात शिक्षक के प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर जिले के गौर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जलालाबाद में नौकरी हासिल कर ली.


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एसटीएफ की जांच में पाया गया कि गौर ब्लॉक में तैनात भानु प्रताप यादव का शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी है. इस आधार पर बीएसए ने उसे बर्खास्त कर खंड शिक्षा अधिकारी को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया. पैकोलिया थाने में खंड शिक्षा अधिकारी ओंकार नाथ वर्मा ने बर्खास्त शिक्षक भानु प्रताप यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. डीएसपी शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि मुकदमे की तफ्तीश में पाया गया कि वांछित आरोपी का नाम भानु प्रताप यादव नहीं बल्कि राम गोपाल है. जांच पड़ताल पूरी कर पुलिस ने राम गोपाल को गिरफ्तार कर लिया और विधिक कार्यवाही पूरी कर अब उसे जेल भेज दिया गया है.

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