बस्ती: अगस्त महीने के पहले हफ्ते को विश्व स्तनपान सप्ताह(World Breastfeeding Week) के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य लोगों को स्तनपान के महत्व के प्रति जागरुक करना है. डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चे के लिए मां का दूध किसी संजीवनी से कम नहीं है. मां का दूध न सिर्फ शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है, बल्कि उसे कई गंभीर रोगों से भी बचाता है. कोरोना काल में शिशुओं के लिए यह वैक्सीन से ज्यादा कारगर है. इतना ही नहीं श्वांस रोग, मधुमेह, एलर्जी जैसी बीमारियों से भी बचाता है.
वहीं गुरुवार को बस्ती जिला महिला अस्पताल(Basti Women District hospital) में विश्व स्तनपान सप्ताह(World Breastfeeding Week) मनाया गया. जिसमें बाल विभाग के डिपार्टमेंट हेड डॉक्टर पीके श्रीवास्तव, बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तैय्यब और महिला अस्पताल एसआईसी सुषमा सिन्हा ने एक अनूठी पहल की. जिसमे उन कमजोर बच्चों की मां को प्रेरित किया गया जिन्होंने अपने बच्चो को मौत के मुंह से वापस लाकर आज स्वास्थ्य हालत में खड़ा किया है. उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर पीके श्रीवास्तव और डॉक्टर तैय्यब ने मिलकर उन मां व उनके बच्चे को गिफ्ट देकर उत्साहवर्धन किया.
बच्चों को कितना दूध पिलाना चाहिए
जन्म से लेकर 6 महीने तक बच्चों को हर डेढ़ घंटे से तीन घंटे के अंतराल में दूध पिलाते रहना चाहिए. इसे इस तरह से भी कहा जा सकता है कि जितनी जरूरत उतना दूध. छह महीने तक बच्चे को पानी ग्राइप वाटर या घुट्टी की जरूरत नहीं होती है. बच्चे का पेट अच्छे से भरा होगा तभी वह कम रोएगा और आराम से सो पाएगा. यदि किसी कारण से बच्चा दूध पीने के बाद भी लगातार रोता है, तो इसका मतलब है उसका पेट मां के दूध से नहीं भर पा रहा है. ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.
कोरोना और स्तनपान
डॉक्टर पीके श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना काल में लोगों के बीच भ्रांति है कि कोरोना संक्रमित या सस्पेक्टेड मां अपने बच्चे को दूध नहीं पिला सकती, लेकिन संक्रमित मां भी कुछ सावधानियों के साथ शिशु को स्तनपान करा सकती हैं. स्तनपान कराने से पहले अच्छी तरह हाथ धोना चाहिए और मास्क लगाकर स्तनपान कराना चाहिए.
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कैसा हो जच्चा का खानपान
जच्चा यानि नई मां का खाना पोषक तत्वों से भरा होना चाहिए. पौष्टिक खाने के साथ बहुत जरूरी है कि वह आयरन और कैल्शियम परिष्टि भी ले, जो उसके शरीर में खून की कमी को दूर करेगा. साथ ही उसकी हड्डियों को भी मजबूत बनाएगा. हम भारतीयों में वैसे भी बच्चे के जन्म के उपरान्त मेथी के लड्डू और पंजीरी खिलाने की परंपरा है. लेकिन बहुत जरूरी है इस बात को समझना की जो भी खाये नई मां एक निर्धारित मात्रा में ही खाये. किसी भी चीज की अति आपके शरीर को किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है.
स्तनपान से शिशु को होने वाले फायदे
- अच्छा और संपूर्ण आहार होता है मां का दूध.
- दूध में पाए जाने वाला कोलेस्ट्रम शिशु को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है.
- शिशु को रोगों से बचाता है.
- शिशु की वृद्धि अच्छे से होती है.
- बच्चों में अस्थमा या अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम होता है.
- बच्चों को सांस या कानों में संक्रमण का खतरा भी कम होता है.