बस्ती: सरकार की ओर से भ्रष्टाचार मुक्त शासन के वादे और दावे लगातार किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. जिले के हरैया तहसील में तहसील दिवस के मौके पर एक महिला ने अधिकारियों की घूसखोरी से तंग आकर जहर खाने तक का प्रयास कर डाला. वहीं एक अन्य मामले में न्याय की गुहार लगाता व्यक्ति जिलाधिकारी के पैरों में गिर पड़ा. देखने वाली बात ये है कि मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद भी इसको लेकर कोई कार्रवाई की जाएगी या इस बार भी 'अफसरतंत्र' लोकतंत्र पर हावी हो जाएगा.
मामला एक-
जिले के हरैया तहसील में एक महिला तहसील दिवस में अपनी फरियाद लेकर आई थी. सरकारी सिस्टम से आजिज इस महिला ने तहसील दिवस के दौरान ही जहर खाने का प्रयास किया. हालांकि तहसील दिवस में मौजूद अधिकारियों ने तुरंत महिला के हाथ से जहर वाली सीसी छीन ली. इस मामले पर जब महिला से बात की गई तो पीड़िता विमला देवी ने बताया कि महिला से जमीन का कब्जा हटवाने के नाम पर लेखपाल ने 10 हजार रुपये मांगे. महिला ने अपने गहने बेचकर लेखपाल को 10 हजार रुपये दिए.
इसके बाद भी विमला देवी से जमीन का कब्जा हटवाने के बजाय अब लेखपाल द्वारा दोबारा कानूनगो और एसडीएम के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग की जा रही. महिला ने बताया कि लेखपाल को उसने अपने गहने बेचकर पैसे दिए थे. वहीं डीएम माला श्रीवास्तव के सामने घटी इस घटना पर जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार को फटकार लगाई.
मामला दो-
एक अन्य मामले में पति-पत्नी ने समाधान दिवस में पहुचकर हंगामा खड़ा कर दिया. दरअसल, कई दिनों तक अधिकारियों और दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो फरियादी राम सुरेश डीएम माला श्रीवास्तव के पैरों में गिर पड़ा. पीड़ित ने जिलाधिकारी से बताया कि उसने अपनी भैंस बेचकर लेखपाल को 25 हजार रिश्वत दी थी. राम सुरेश जमीन की पैमाइश कराने के लिए एक साल से दौड़ रहा है. रिश्वत देने के बाद भी लेखपाल ने पीड़ित की जमीन की पैमाइश अभी तक नहीं की.
मामला तीन-
हरैया थाना क्षेत्र के पूरे अवधपुर गांव का है, जहां महिला ने लेखपाल को अपनी भैंस-बकरी बेचकर 50,000 देने का आरोप लगाया है. पैसा देने के बाद भी लेखपाल महेंद्र उपाध्याय पीड़िता के मामले को निस्तारित करने में आनाकानी कर रहे हैं.