बस्ती: सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा लेकर चल रही है, लेकिन सरकार के कुछ अधिकारी और कर्मचारी उनके साख पर बट्टा लगा रहे हैं. जिले में लोहिया आवास के लिए 2015-16 दो पात्रों का चयन हुआ था, जिनके खातों में आवास के लिए रुपये भी भेज दिए गए, लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी और कर्मचारियों ने आवास बनाकर देने के नाम पर उनसे रुपये ले लिए और आवास भी नहीं बने. बार बार शिकायत करने के बाद भी जब महिला को न्याय नहीं मिली तो उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इच्छा मृत्यु की मांग की है.
ये है पूरा मामला
- मामला विक्रमजोत विकासखंड क्षेत्र के शंकरपुर गांव का है.
- यहां गावं में दो गरीब व्यक्तियों के नाम लोहिया आवास के लिये 2015-16 में चयनित हुए.
- पात्रों के खाते में धन आया, लेकिन कर्मचारियों ने पात्रों से यह कह कर पैसा निकलवा लिया कि हम आपको आवास बनाकर देंगे.
- इन गरीब पात्रों को आवास तो नहीं मिला, बल्कि ग्राम पंचायत अधिकारी कमलेश के द्वारा आवास का पूरा पैसा गबन कर लिया गया.
- रुबीना और रामावतार के नाम पर लोहिया आवास का 4 लाख 90 हजार रुपये फर्जी रूप से भुगतान करा लिया गया और लाभार्थी को इसकी भनक तक नहीं लगी.
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शिकायतकर्ता ने की कार्रवाई की मांग
- इसकी शिकायत हुई तो विभाग द्वारा सत्यापन कराया गया, जिसमें रूबीना और रामावतार को लोहिया आवास मिला, लेकिन धरातल पर आवास का नामोनिशान नहीं था.
- वहीं इस सदमें से एक पात्र व्यक्ति की मौत भी हो गई.
- शिकायतकर्ता राम जनक यादव ने उपजिलाधिकारी से मिलकर शिकायती पत्र दिया.
- उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान की मिलीभगत कर सरकारी धन का बन्दरबाट करने का आरोप लगाया.
- उन्होंने मांग की कि शंकरपुर ग्रामपंचायत के लोहिया आवास लाभार्थियों की जाचं करवा कर आवश्यक कार्रवाई की जाए.