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वैक्सीन लगाई नहीं सर्टिफिकेट बांट दिए...यहां हुआ वैक्सीनेशन के नाम पर गोलमाल - बस्ती की लेटेस्ट न्यूज

बस्ती में वैक्सीनेशन के नाम पर बड़ा गोलमाल सामने आ रहा है. यहां बिना वैक्सीन लगाए ही सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं. कई लोगों ने इसकी शिकायत की है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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कोरोना वैक्सीनेशन.
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Published : Jan 21, 2022, 6:34 PM IST

बस्तीः जिले में कोविड वैक्सीनेशन के नाम पर गोलमाल सामने आ रहा है. यहां बिना वैक्सीन लगे ही सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं. जब लोगों ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई तो स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि तकनीकी त्रुटि है, सुधार ली जाएगी. अब सवाल उठा रहा है वास्तव में यह तकनीकी त्रुटि है या फिर कोई और खेल.

दरअसल, प्रदेश में वैक्सीनेशन के टॉप जिले में आने की होड़ के चलते कई लोगों को बिना वैक्सीन लगाए ही सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं. इस सफलता का प्रचार सोशल मीडिया पर भी किया जा रहा है. अब जब बिना वैक्सीन लगाए बांट दिए गए सर्टिफिकेट सामने आए तो सोशल मीडिया पर जिला प्रशासन को जमकर ट्रोल किया गया.

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बिना वैक्सीनेशन के जारी किया गया सर्टिफिकेट.

दरअसल, बस्ती शहर के गांधीनगर निवासी दिग्विजय ने बताया कि उनके मित्र ममून अहमद और उनकी बहन शाहिफ़ा खातून को कोरोना वैक्सीन की पहली ही डोज लगी है. इस वक्त वे दोनों शहर से बाहर हैं. अब दोनों को सरकारी आंकड़ों में पूरी तरह से वैक्सीनेटेड दिखाकर सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है जबकि अभी दोनों को दूसरी डोज लगी ही नहीं है. ये सर्टिफिकेट देखकर दोनों हैरान हैं आखिर यह हुआ कैसे. मोबाइल पर आए मैसेज के मुताबिक ममून ने कुदरहा CHC पर और बहन शाहिफा ने मरवटिया CHC में दूसरी डोज लगवाई है जबकि दोनों इस वक्त बाहर हैं.

ये भी पढ़ेंः Congress Youth Manifesto: यूपी के लिए कांग्रेस ने जारी किया यूथ मेनिफेस्टो, किए ये वादे

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बिना वैक्सीनेशन के जारी किया गया सर्टिफिकेट.

यहीं नहीं धनंजय नाम के एक शख्स का आरोप है कि मेरे भाई का मोबाइल नंबर का प्रयोग कर किसी ने टीके के दोनों डोज लगवा लिए. मैं उसको जानता भी नहीं हूं. भाई भी उसे नहीं जानता है. मोबाइल पर आए मैसेज से इसकी जानकारी हुई. अब सवाल उठ रहे हैं कि कागजों में आखिर यह बाजीगरी करके जनता की जान से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है. कौन है इस खेल के पीछे. वहीं, डिप्टी सीएमओ का कहना है कि यह तकनीकी त्रुटि है, इसे सुधार लिया जाएगा.



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बस्तीः जिले में कोविड वैक्सीनेशन के नाम पर गोलमाल सामने आ रहा है. यहां बिना वैक्सीन लगे ही सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं. जब लोगों ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई तो स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि तकनीकी त्रुटि है, सुधार ली जाएगी. अब सवाल उठा रहा है वास्तव में यह तकनीकी त्रुटि है या फिर कोई और खेल.

दरअसल, प्रदेश में वैक्सीनेशन के टॉप जिले में आने की होड़ के चलते कई लोगों को बिना वैक्सीन लगाए ही सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं. इस सफलता का प्रचार सोशल मीडिया पर भी किया जा रहा है. अब जब बिना वैक्सीन लगाए बांट दिए गए सर्टिफिकेट सामने आए तो सोशल मीडिया पर जिला प्रशासन को जमकर ट्रोल किया गया.

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बिना वैक्सीनेशन के जारी किया गया सर्टिफिकेट.

दरअसल, बस्ती शहर के गांधीनगर निवासी दिग्विजय ने बताया कि उनके मित्र ममून अहमद और उनकी बहन शाहिफ़ा खातून को कोरोना वैक्सीन की पहली ही डोज लगी है. इस वक्त वे दोनों शहर से बाहर हैं. अब दोनों को सरकारी आंकड़ों में पूरी तरह से वैक्सीनेटेड दिखाकर सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है जबकि अभी दोनों को दूसरी डोज लगी ही नहीं है. ये सर्टिफिकेट देखकर दोनों हैरान हैं आखिर यह हुआ कैसे. मोबाइल पर आए मैसेज के मुताबिक ममून ने कुदरहा CHC पर और बहन शाहिफा ने मरवटिया CHC में दूसरी डोज लगवाई है जबकि दोनों इस वक्त बाहर हैं.

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यहीं नहीं धनंजय नाम के एक शख्स का आरोप है कि मेरे भाई का मोबाइल नंबर का प्रयोग कर किसी ने टीके के दोनों डोज लगवा लिए. मैं उसको जानता भी नहीं हूं. भाई भी उसे नहीं जानता है. मोबाइल पर आए मैसेज से इसकी जानकारी हुई. अब सवाल उठ रहे हैं कि कागजों में आखिर यह बाजीगरी करके जनता की जान से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है. कौन है इस खेल के पीछे. वहीं, डिप्टी सीएमओ का कहना है कि यह तकनीकी त्रुटि है, इसे सुधार लिया जाएगा.



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