बस्ती: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट 2020-21 पेश किया. वित्त मंत्री ने इस बजट को देश के हर नागरिक की चिंता करने वाला बताया. बजट पेश होने के बाद से तमाम राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी 2020-21 के बजट पर प्रतिक्रिया दी है.
बजट 2020-21 में देश के हर नागरिक की चिंता
उन्होंने वित्त मंत्री के बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट देश के हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाएगा. इस बजट में देश के हर नागरिक की चिंता की गई है, ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दिया गया है. कृषि क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के लिए 15 लाख करोड़ केसीसी के माध्यम से किसानों को आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है. इससे कृषि क्षेत्र की बेहतरी होगी. कृषि में टेक्नोलाजी का इस्तेमाल बढ़ेगा. उत्पादन के भण्डारण के लिए बजट में ठोस कदम उठाए गए हैं.
दूर होगी भण्डारण की समस्या
पिछले 70 सालों से भण्डारण की समस्या देश में रही है. इस समस्या के समाधान को मोदी सरकार ने बजट में प्राथमिकता से रखा है. हर तहसील और ब्लाक स्तर तक भण्डारण की व्यवस्था की जाएगी. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे स्वयं सहायता समूहों को छोटे भण्डारण का केन्द्र बनाया जाएगा. साथ ही इन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए बजट में प्रावधान रखा गया है. मनरेगा को पशुपालन के साथ जोड़ने से दूध का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे देश की इकॉनिमी को गति मिलेगी.
मोदी सरकार में घटी किसानों की आत्महत्या
मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में किसानों की हालत बेहतर हुई है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के दस साल के कार्यकाल में छह लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है. वहीं मोदी सरकार में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा घटा है. इसका मतलब है कि मोदी सरकार की नीतियों का फायदा किसानों को पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि कुसुम योजना के अंतर्गत देश के 20 लाख किसानों को सोलर पंप से जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है. ये किसानों की आमदनी बढ़ाए जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.