बस्ती: जिले की रुधौली क्षेत्र स्थित चीनी मिल पर सबसे ज्यादा 83 करोड़ रुपये बकाया हैं, लेकिन मिल के पास महज 20 करोड़ रुपये की ही चीनी है. शासन की गाइडलाइन के अनुसार मिल को चीनी बिक्री का 85 प्रतिशत रुपये किसानों के खेतों में भेजना है, लेकिन मिल प्रबंधन और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह भुगतान नहीं हो पा रहा है.
पिछले एक साल से मूल्य भुगतान न होने के चलते गन्ना किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं. किसानों के सामने बच्चों की पढ़ाई के साथ ही बीमारी के इलाज जैसी समस्या खड़ी हो गई है. बस्ती जिले में गन्ना किसानों का लगभग 2 सालों से मूल्य भुगतान नहीं हुआ है, जिसके चलते किसानों को खासा परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि दो सालों से मूल्य भुगतान सही से नहीं हुआ है, इससे घर खर्च तक में समस्या आ रही है. कोर्ट का आदेश है कि गन्ना किसानों का मूल्य भुगतान तत्काल किया जाएगा, बावजूद इसके भुगतान में देरी हो रही है. उनका कहना है कि अगर भुगतान में देरी हो रही है तो इसे ब्याज सहित दिया जाए, लेकिन प्रदेश सरकार गन्ना मूल्य भुगतान कराने में असफल है.
बस्ती जिले में तीन चीनी मिलें हैं, जिसमें से दो चीनी मिल बजाज ग्रुप की है. वाल्टरगंज, रुधौली और बभनान शुगर मिल जिले में अभी चल रही हैं. वाल्टरगंज चीनी मिल पर किसानों का गन्ना बकाया 50 करोड़ रुपये है. वहीं रुधौली चीनी मिल पर 83 करोड़ रुपये और बभनान चीनी मिल पर 35 करोड़ रुपये का बकाया है.
अन्नदाता कहे जाने वाले इन किसानों को मूल्य भुगतान समय से नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते इनकी आजीविका पर गहरा असर पड़ता दिख रहा है. इस संबंध में मुख्यमंत्री के बस्ती मंडल के समीक्षा मीटिंग गणना में किसानों के भुगतान कड़े तेवर देखते हुए एडीएम ने मिल का स्टॉक चेक किया. इस दौरान महज 20 करोड़ रुपये की ही चीनी यहां पर पाई गई.
जिले के गन्ना अधिकारी का कहना कि रुधौली चीन मिल की गन्ना रिकवरी रेट कम है, जिसके कारण गन्ना किसानों का पेमेंट शत प्रतिशत नहीं हो पाया है. वहीं मंडल आयुक्त ने बताया कि गन्ना किसानों का भुगतान मिल जल्द से जल्द करे, वरना इनकी नीलामी कर भुगतान कराया जाएगा.