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बस्ती: कमर भर पानी में डूबकर स्कूल जाने को मजबूर छात्र-छात्राएं

उत्तर प्रदेश के बस्ती में सरयू का पानी बढ़ने के चलते सुविखा बाबू गांव पानी घिरा हुआ है. गांव में कमर तक पानी लगे होने से स्कूली बच्चे रोज अपनी जान को जोखिम में डालकर घर से स्कूल आते-जाते हैं.

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Published : Sep 24, 2019, 5:00 PM IST

कमर तक पानी में आते जाते छात्र.

बस्तीः दुबौलिया क्षेत्र के सुविखा बाबू गांव को सरयू के पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है. बाढ़ के पानी कमर तक होने से रोजाना छोटे-छोटे बच्चों अपने घर पानी में घुसकर जाने को मजबूर है. प्रशासन के द्वारा नाव की व्यवस्था न होने की वजह से ये बच्चे रोज अपनी जान को जोखिम में डालकर घर से स्कूल आते-जाते हैं.

कमर तक पानी में आते जाते छात्र.

कटरिया-चांदपुर बंधा और सरयू नदी के बीच सुविधा बाबू गांव स्थित है. सरयू का पानी बढ़ने के चलते सुविखा बाबू गांव पानी घिरा हुआ है. यहां से आने-जाने के लिए प्रशासन ने दो नाव की व्यवस्था कर रखी है. इन नावों के सहारे कई छात्र-छात्राएं प्राथमिक विद्यालय कटरिया, आदर्श बाल शिक्षा निकेतन दुबौलिया, राज पब्लिक स्कूल दुबौलिया, सैनिक इंटर कॉलेज दुबौलिया, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बंजरिया सूबी व अन्य स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं.

रोज की तरह सुविखा बाबू की छात्र-छात्राएं अपने विद्यालय पर पढ़ने के लिए गए. छुट्टी होने पर बंधे के पास पहुंचे, जहां से नाव मिलती है. स्कूल से आने के बाद इंतजार लंबा हुआ तो वह भूख-प्यास से बिलबिलाने लगे. फिर इन छात्रों ने उस पगडंडी से जाने का निर्णय लिया जिस पर पानी भरा था. सभी बच्चे पानी में उतरकर घर के लिए चले गए.

ये भी पढ़ें:- झांसी: नहीं थम रहा बारिश का कहर, गांव बने टापू

स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन की टीम सुविखा बाबू गांव गई थी. वहां पर लोगों का परीक्षण व दवा का छिड़काव कराया गया है. जहां तक छात्र-छात्राओं के पानी में जाने का सवाल है, तो क्षेत्रीय लेखपाल को निर्देशित किया गया है कि वह बच्चों के आने -जाने के समय से नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
-जगदम्बा सिंह, एसडीएम

बस्तीः दुबौलिया क्षेत्र के सुविखा बाबू गांव को सरयू के पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है. बाढ़ के पानी कमर तक होने से रोजाना छोटे-छोटे बच्चों अपने घर पानी में घुसकर जाने को मजबूर है. प्रशासन के द्वारा नाव की व्यवस्था न होने की वजह से ये बच्चे रोज अपनी जान को जोखिम में डालकर घर से स्कूल आते-जाते हैं.

कमर तक पानी में आते जाते छात्र.

कटरिया-चांदपुर बंधा और सरयू नदी के बीच सुविधा बाबू गांव स्थित है. सरयू का पानी बढ़ने के चलते सुविखा बाबू गांव पानी घिरा हुआ है. यहां से आने-जाने के लिए प्रशासन ने दो नाव की व्यवस्था कर रखी है. इन नावों के सहारे कई छात्र-छात्राएं प्राथमिक विद्यालय कटरिया, आदर्श बाल शिक्षा निकेतन दुबौलिया, राज पब्लिक स्कूल दुबौलिया, सैनिक इंटर कॉलेज दुबौलिया, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बंजरिया सूबी व अन्य स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं.

रोज की तरह सुविखा बाबू की छात्र-छात्राएं अपने विद्यालय पर पढ़ने के लिए गए. छुट्टी होने पर बंधे के पास पहुंचे, जहां से नाव मिलती है. स्कूल से आने के बाद इंतजार लंबा हुआ तो वह भूख-प्यास से बिलबिलाने लगे. फिर इन छात्रों ने उस पगडंडी से जाने का निर्णय लिया जिस पर पानी भरा था. सभी बच्चे पानी में उतरकर घर के लिए चले गए.

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स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन की टीम सुविखा बाबू गांव गई थी. वहां पर लोगों का परीक्षण व दवा का छिड़काव कराया गया है. जहां तक छात्र-छात्राओं के पानी में जाने का सवाल है, तो क्षेत्रीय लेखपाल को निर्देशित किया गया है कि वह बच्चों के आने -जाने के समय से नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
-जगदम्बा सिंह, एसडीएम

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- जब भूख लगी तो बाढ़ में घुस गए मासूम

एंकर- बाढ़ के पानी मे कमर तक घुसकर रोजाना छोटे छोटे बच्चो को अपने घर जाना पड़ता है, नाव की व्यवस्था न होने की वजह से ये बच्चे रोज अपनी जान को जोखिम में डालते है, स्कूल से लौटे के बाद छात्र-छात्राओं ने दो घंटे तक नाव न आने पर भूख-प्यास से बिलबिलाने लगे तो उन्होंने सीधे पानी में उतर कर घर के लिए चल दिए। दुबौलिया क्षेत्र के सुविखा बाबू गांव को सरयू के पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है। वहां के करीब तीन दर्जन छात्र-छात्राएं दुबौलिया के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ते हैं, जो हर रोज जान जोखिम में डालते हुए पानी में उतर कर अपने घर पहुँचते है।

कटरिया-चांदपुर बंधा और सरयू नदी के बीच सुविधा बाबू गांव स्थित है। सरयू का पानी बढ़ने के चलते सुविखा बाबू गांव पानी घिरा हुआ है। यहां से आने-जाने के लिए प्रशासन ने दो नाव की व्यवस्था कर रखा है। इन नावों के सहारे कबीर तीन दर्जन छात्र-छात्राएं प्राथमिक विद्यालय कटरिया, आदर्श बाल शिक्षा निकेतन दुबौलिया, राज पब्लिक स्कूल दुबौलिया, सैनिक इंटर कालेज दुबौलिया, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बंजरिया सूबी व अन्य स्कूलों में पढ़ने के लिए आते हैं।




Body:रोज की तरह सुविखा बाबू की छात्र-छात्राएं अपने विद्यालय पर पढ़ने के लिए गईं। छुट्टी होने पर वह बंधे के पास पहुंचे, जहां से नाव मिलती है। नाव मौके पर मौजूद नहीं थी इसलिए वह इंतजार करने लगे। छात्रों के अनुसार करीब दो घंटे तक वह इंतजार करते रहे। स्कूल से आने के बाद इंतजार लंबा हुआ तो वह भूख-प्यास से बिलबिलाने लगे। फिर इन छात्रों ने उस पगडंडी से जाने का निर्णय लिया जिस पर पानी भरा था। यह सभी पानी में उतरकर घर के लिए चल दिए। बंधे से गांव तक करीब दो किमी दूरी है। छात्रों ने बताया कि कहीं-कहीं पानी कमर तक था तो कहीं घुटने के बराबर था। बीच-बीच में कुछ जगह सूखी भी थी। करीब आधा घंटे की जद्दोजहद के बाद यह सभी अपने घर को सकुशल पहुंच गए।




Conclusion:एसडीएम जगदम्बा सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन की टीम सुविखा बाबू गांव गई थी। वहां पर लोगों का परीक्षण व छिड़काव किया। जहां तक छात्र-छात्राओं के पानी में जाने का सवाल है तो क्षेत्रीय लेखपाल को निर्देशित किया गया है कि वह उनके लिए समय से नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें। स्कूल आने-जाने के समय नाव रहनी चाहिए।

बाइट- छात्र
बाइट- छात्र
बाइट- जगदम्बा सिंह.....एसडीएम


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