बस्ती: 40 साल तक समाजवादी पार्टी में राजनीति करने के बाद जब नगर पालिका का टिकट नहीं मिला तो एक नेता जी बागी होकर सपा के खिलाफ ही चुनावी मैदान में कूद गए हैं. फिलहाल अभी तो समाजवादी पार्टी की तरफ से प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है. मगर पुराने सपा नेता सिद्धेश सिन्हा को लगता है कि उनसे पुराना बस्ती में कोई सपा का नेता नहीं है. इसलिए टिकट उन्हें मिलना चाहिए.
मगर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे और 2017 के नगर पालिका चुनाव में दूसरे पायदान पर रहने वाली अंकुर वर्मा की पत्नी नेहा वर्मा का टिकट सपा से तय माना जा रहा है और सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार भी गरम है. वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता सिद्धेश सिन्हा ने अपना पर्चा भर दिया है और कहा है कि उन्हें सपा टिकट दे या ना दे वह चुनाव जरूर लड़ेंगे.
प्रदेश में चल रहे निकाय चुनाव को लेकर दूसरे चरण के नामाकंन प्रकिया शुरू हो गई है. नामाकंन प्रकिया के दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धेश सिन्हा की पत्नी विनीता सिन्हा ने नगर पालिका बस्ती के अध्यक्ष पद को लेकर अपना पर्चा खरीदा है. सिन्हा के द्वारा नगर पालिका चुनाव को लेकर चल रहे आरक्षण प्रक्रिया को लेकर न्यायालय तक का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें जीत मिली और बस्ती नगर पालिका क्षेत्र की सीट सामान्य महिला हो गई.
समाजवादी चिंतक सिद्धेश सिन्हा का पूरा परिवार लोहिया जय प्रकाश व मुलायक सिंह यादव की विचारधारा को लेकर चलने वाला है. विगत 40 वर्षों से सिद्धेश सिन्हा पार्टी की सेवा कर रहे हैं. सिद्धश सिन्हा के नामांकन से जहां राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोर पकड़ रही है. तो वहीं, अंकुर वर्मा और उनकी पत्नी ने टिकट की आस में कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. देखना यह है कि समाजवादी पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है.
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