बस्तीः जिले के कोतवाली क्षेत्र के सोनूपार पुलिस चौकी इंचार्ज दीपक सिंह पर एक परिवार ने गंभीर आरोप लगाये हैं. परिजनों का कहना है कि आरोपी दारोगा अपने पद और पॉवर का दुरुपयोग कर खाकी की सारी मर्यादायें पार कर दी हैं. एक तरफा इश्क में मश्गुल दारोगा ने पहले जबरन लड़की का मोबाइल नंबर लिया, और फिर शुरू हो गया दारोगा का उसको परेशान करने का सिलसिला. वो लड़की की मोबाइल पर शायराना मैसेज भेजकर आये दिन परेशान करने लगा. बात बढ़ता देख परिवार वालों ने जब विरोध किया, तो उनको कई मुकदमों में फंसा दिया. हालांकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी परिवार पर लगे मुकदमों को सही ठहरा रहे हैं, और आरोपी दारोगा पर लगे आरोपों के सही होने से भी इनकार कर रहे हैं.
लड़की का इनकार, परिवार पर मुकदमों की बौछार!
दारोगा के प्यार के ऑफर को लड़की को ठुकराना उस वक्त महंगा पड़ गया, जब इश्क में नाकाम दारोगा ने उसके परिवार वालों को एक-एक कर सिर्फ 6 महीने में 8 मुकदमे दर्ज करवा दिये. दरअसल बताया जा रहा है कि ये मामला लॉक डाउन के समय का है. जब लड़की अपने बुआ के लड़के के साथ बाइक से दवा लेने जा रही थी. इसी दौरान कोतवाली क्षेत्र के सोनूपार पुलिस चौकी इंचार्ज दीपक सिंह ने चेकिंग के नाम पर बाइक रोक दी. इसके बाद लड़की को मास्क न पहनने पर फटकार लगायी, और लड़की से उसका मोबाइल नंबर मांगा. लड़की ने अपने भाई का नंबर दारोगा को दे दिया, जिसपर वो बिफर पड़ा और डांटते हुए उसका नंबर मांगा. बुरी तरीके से डरी लड़की ने दारोगा को अपना नंबर दे दिया.
बेशर्म दारोगा ने कॉल कर पुख्ता किया नंबर!
लड़की का मोबाइल उस समय घर पर था. आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने उस नंबर पर फोन कर घर पर लड़की की भाभी से बात कर नंबर सही होने की तस्दीक की. इसके बाद शुरू हो गया दारोगा के कॉल और मैसेज का सिलसिला. लड़की का आरोप है कि दारोगा इस दौरान उससे अश्लील बातें करता और मैसेज भेजता था. जिसके बाद परेशान लड़की ने दारोगा का नंबर ब्लॉक कर दिया. कुछ दिन बाद दोबारा दारोगा ने उसे रास्ते में रोक लिया और धमकी दी कि अगर मेरी बात नहीं मानोगी तो तुम्हारे परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसा कर बर्बाद कर दूंगा. लड़की ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी. जिसके बाद लड़की के भाई ने दारोगा के बड़े भाई से मिलकर इसकी शिकायत की. उन्होंने पूरी बात समझने के बाद दारोगा भाई को डांटने की बात कही. इसके साथ ही दोबारा ऐसी गलती नहीं करने का भरोसा दिलाया. इसके बाद दारोगा ने गांव में लड़की के परिजनों के विपक्षियों से मिलकर उसके परिवार के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज करवा दिये.
इस मामले की लड़की ने महिला आयोग से शिकायत की. महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके जांच की मांग की. जिसके बाद दारोगा को सस्पेंड कर मामले पर जांच बिठा दी गयी. हालांकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि दारोगा ने लड़की को फोन करके गांव में विवाद की जानकारी पर बिना फोर्स जाने की गलती जरूर की, लेकिन लड़की के परिवार के खिलाफ मुकदमे बिल्कुल सही हैं.
वहीं एसपी हेमराज मीणा ने इम मामले पर कहा कि, पूरा परिवार आपराधिक पृष्ठभूमि का है. जांच में पता लगा कि दरोगा की प्रोफाइल फोटो सेव करके फर्जी मैसेज किए गये हैं. इसकी जांच हो चुकी है. दारोगा के नंबर से कोई कॉल नहीं की गई है. दरअसल लड़की के भाइयों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में दारोगा के खिलाफ पेशबंदी की जा रही है. आरोप है कि लड़की ओर उसके परिवार के लोगों ने दारोगा को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की. जान से मारने की कोशिश भी की थी. गांववालों ने इनके खिलाफ धरना दिया था. आरोपों के आधार पर एसआई के खिलाफ कार्रवाई हुई है, लेकिन परिवार पर जो मुकदमे हुये हैं, वे सही हैं.