बस्ती: योगी सरकार भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर नकेल कस रही है. इतना ही नहीं लगाम लगाने के लिए एंटी भूमाफिया दल का भी गठन किया गया है, ताकि सरकार की जमीनों पर कब्जा करने वाले दबंगों पर कार्रवाई की जा सके, लेकिन बस्ती जिले में शासन की इन नीतियों के खिलाफ उल्टी गंगा बह रही है. तत्कालीन पीसीएस अफसर और सदर तहसील के एसडीएम कीर्ति प्रकाश भारती ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिस पर अब तमाम सवाल उठ रहे हैं.
साल 2017 में की थी जमीन ट्रांसफर
दरअसल 2017 में सदर तहसील में बतौर एसडीएम तैनात कीर्ति प्रकाश भारती ने कोतवाली थाना क्षेत्र के निपनिया गांव में सेंट बेसिल स्कूल के नाम सरकार की बंजर सहित नवीन परती और खाद गड्ढा की जमीन को ट्रांसफर कर दिया. यह आदेश सितंबर 2017 में एसडीएम कीर्ति प्रकाश के द्वारा दिया गया.
जमीन पर भूमाफियाओं ने बना लिया है स्कूल
स्कूल ने सरकार की जमीन पर कब्जा कर अपना निर्माण कार्य करवा लिया. एसडीएम ने एक महीने बाद अपना आदेश कैंसिल कर दिया. इस मामले में अब तहसीलदार कोर्ट की तरफ से सेंट बेसिल स्कूल के ऊपर 18,80,200 और 1,50,000 रुपये के जुर्माने लगा दिये हैं, जबकि सरकार का सख्त शासनादेश है कि सूबे में कहीं भी खाद गड्ढा की जमीन को किसी को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.
एसडीएम कीर्ति प्रकाश पर उठ रहे सवाल
मगर तत्कालीन एसडीएम कीर्ति प्रकाश ने शासन के नियमों के खिलाफ जाकर किसी लालच में अपनी कलम चलाई और फिर भू-माफियाओं को कब्जा करने की पूरी छूट दी. प्राइवेट स्कूल के कब्जे में आज भी सरकार की ये बेसकीमती जमीन है. तहसील प्रशासन अब अपने ही तत्कालीन मैजिस्ट्रेट के कारनामे से पशोपेश में है कि आखिर जब अधिकारी ही नियमों के विरूद्ध काम करेंगे तो छोटे कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा.
वर्तमान में बहराइच में तैनात हैं कीर्ति प्रकाश
बस्ती में सरकार की जमीन को बेचने वाले तत्कालीन पीसीएस अफसर कीर्ति प्रकाश भारती इस समय बहराइच जिले में बतौर एसडीएम तैनात हैं, लेकिन उनकी करतूत की गूंज अब जिले में सुनाई दे रही है. गौरतलब है कि शासन में अगर एसडीएम के इस कारनामे की फाइल पहुंच जाती है तो एसडीएम कीर्ति प्रकाश का सस्पेंड होना तय है.
बंजर जमीन को नहीं कर सकते ट्रांसफर
सरकार का नियम है कि कहीं भी बंजर जमीन पर कब्जा हो तो तत्काल उसे प्रशासन खाली करवाए, मगर कीर्ति प्रकाश भारती ने तो यहां उल्टा कर दिया और बंजर की जमीन पर कब्जा करवा दिया. गांवों में अगर कहीं खाद गड्ढा की जमीन है तो उसे सुरक्षित करने की जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होती है. मगर यहां तो एसडीएम साहब ने खाद गड्ढा की जमीन को ही माफियाओं को बेच दिया.
तत्कालीन मैजिस्ट्रेट ने गलत तरीके से सरकार की कुछ जमीनों को एक प्राइवेट स्कूल के नाम कर दिया था जो गलत है. उस मामले की सुनवाई करने के बाद अब 19 लाख और डेढ़ लाख के जुर्माने स्कूल पर लगाए गए हैं. हालांकि अभी भी सरकारी जमीन स्कूल के ही कब्जे में है.
पवन जायसवाल, मैजिस्ट्रेट, सदर तहसील