बस्ती: कुदरहा ब्लॉक के इजरगढ़ गांव में सरकार ने गांव के विकास के लिए बजट भेजा था. इस बजट से गांव की सड़कों के निर्माण, स्कूलों में शौचालयों के निर्माण और गांव में बिजली पानी की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन इस बजट का उपयोग गांव के विकास में करने के बजाय ग्राम प्रधान कमल सिंह ने दुरुपयोग कर लाखों का घोटाला किया.
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ग्राम प्रधान के घोटाले की खुली पोल
गांव के विकास के लिए सरकार ने बजट भेजा था, जिससे गांव का विकास किया जाना था. ग्राम प्रधान कमल सिंह ने घोटला कर गांव के विकास में एक भी रुपया भी नही लगाया. सरकार के भेजे इस बजट से गांव की सड़कों का निर्माण, पानी-बिजली की व्यवस्था और स्कूलों में शौचालयों का निर्माण होना था. गांव की ओर जाने वाली हाल ही में बनाई गई सड़क की जांच के लिए आई टीम भी इसकी हालत देखकर दंग रह गई. पहले से बनी सड़क के ऊपर ही इंटरलॉकिंग की ईट बिछा दी गई और भुगतान ले लिया गया. बता दें कि पहले भी इस सड़क के ऊपर चार लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
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जांच टीम के सामने आया घोटाला
जांच टीम जब पंचायत भवन पहुंची तो वहां के हालात देख अधिकारियों के होश उड़ गए. 10 लाख खर्च करके बना ये भवन आज जानवरों का तबेला बन चुका है. इस भवन को बनाने का उद्देश्य गांव के विकास पर चर्चा करना था, लेकिन आज ये जानवरों का आरामगाह बन गया है.
प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति दयनीय
गांव के प्रथमिक विद्यालयों के शौचालयों की हालत इतनी बुरी है कि इन्हें इस्तेमाल कर पाना नमुमकिन है. अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण किया तो शौचलयों के नाम पर आधा दरवाजा, टूटी सीट और पाइप देखने को मिली. जांच में सामने आया कि गांव के उन लोगों के भी कागजों में शौचालय बन गए हैं, जिनके घर पहले से ही शौचालय बने हुए हैं.