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बस्ती: विकास के नाम पर हुआ घोटाला, ग्राम प्रधान की खुली पोल

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में विकास के लिए सरकार के ओर से भेजा गया बजट आवंटित किया गया था. इस बजट से गांव का विकास किया जाना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने सारा पैसा हजम कर लिया. गांव के विकास के नाम पर ये एक बड़ा घोटाला सामना आया है.

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Published : Aug 17, 2019, 10:44 AM IST

जांच में ग्राम प्रधान की खुली पोल.

बस्ती: कुदरहा ब्लॉक के इजरगढ़ गांव में सरकार ने गांव के विकास के लिए बजट भेजा था. इस बजट से गांव की सड़कों के निर्माण, स्कूलों में शौचालयों के निर्माण और गांव में बिजली पानी की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन इस बजट का उपयोग गांव के विकास में करने के बजाय ग्राम प्रधान कमल सिंह ने दुरुपयोग कर लाखों का घोटाला किया.

जांच में ग्राम प्रधान की खुली पोल.

पढ़ें: बीएसए पर लगा समायोजन में घोटाले का आरोप, शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

ग्राम प्रधान के घोटाले की खुली पोल
गांव के विकास के लिए सरकार ने बजट भेजा था, जिससे गांव का विकास किया जाना था. ग्राम प्रधान कमल सिंह ने घोटला कर गांव के विकास में एक भी रुपया भी नही लगाया. सरकार के भेजे इस बजट से गांव की सड़कों का निर्माण, पानी-बिजली की व्यवस्था और स्कूलों में शौचालयों का निर्माण होना था. गांव की ओर जाने वाली हाल ही में बनाई गई सड़क की जांच के लिए आई टीम भी इसकी हालत देखकर दंग रह गई. पहले से बनी सड़क के ऊपर ही इंटरलॉकिंग की ईट बिछा दी गई और भुगतान ले लिया गया. बता दें कि पहले भी इस सड़क के ऊपर चार लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

पढ़ें: क्रिकेट एसोसिएशन में घोटाले का आरोप, फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ

जांच टीम के सामने आया घोटाला
जांच टीम जब पंचायत भवन पहुंची तो वहां के हालात देख अधिकारियों के होश उड़ गए. 10 लाख खर्च करके बना ये भवन आज जानवरों का तबेला बन चुका है. इस भवन को बनाने का उद्देश्य गांव के विकास पर चर्चा करना था, लेकिन आज ये जानवरों का आरामगाह बन गया है.

प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति दयनीय
गांव के प्रथमिक विद्यालयों के शौचालयों की हालत इतनी बुरी है कि इन्हें इस्तेमाल कर पाना नमुमकिन है. अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण किया तो शौचलयों के नाम पर आधा दरवाजा, टूटी सीट और पाइप देखने को मिली. जांच में सामने आया कि गांव के उन लोगों के भी कागजों में शौचालय बन गए हैं, जिनके घर पहले से ही शौचालय बने हुए हैं.

बस्ती: कुदरहा ब्लॉक के इजरगढ़ गांव में सरकार ने गांव के विकास के लिए बजट भेजा था. इस बजट से गांव की सड़कों के निर्माण, स्कूलों में शौचालयों के निर्माण और गांव में बिजली पानी की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन इस बजट का उपयोग गांव के विकास में करने के बजाय ग्राम प्रधान कमल सिंह ने दुरुपयोग कर लाखों का घोटाला किया.

जांच में ग्राम प्रधान की खुली पोल.

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ग्राम प्रधान के घोटाले की खुली पोल
गांव के विकास के लिए सरकार ने बजट भेजा था, जिससे गांव का विकास किया जाना था. ग्राम प्रधान कमल सिंह ने घोटला कर गांव के विकास में एक भी रुपया भी नही लगाया. सरकार के भेजे इस बजट से गांव की सड़कों का निर्माण, पानी-बिजली की व्यवस्था और स्कूलों में शौचालयों का निर्माण होना था. गांव की ओर जाने वाली हाल ही में बनाई गई सड़क की जांच के लिए आई टीम भी इसकी हालत देखकर दंग रह गई. पहले से बनी सड़क के ऊपर ही इंटरलॉकिंग की ईट बिछा दी गई और भुगतान ले लिया गया. बता दें कि पहले भी इस सड़क के ऊपर चार लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

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जांच टीम के सामने आया घोटाला
जांच टीम जब पंचायत भवन पहुंची तो वहां के हालात देख अधिकारियों के होश उड़ गए. 10 लाख खर्च करके बना ये भवन आज जानवरों का तबेला बन चुका है. इस भवन को बनाने का उद्देश्य गांव के विकास पर चर्चा करना था, लेकिन आज ये जानवरों का आरामगाह बन गया है.

प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति दयनीय
गांव के प्रथमिक विद्यालयों के शौचालयों की हालत इतनी बुरी है कि इन्हें इस्तेमाल कर पाना नमुमकिन है. अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण किया तो शौचलयों के नाम पर आधा दरवाजा, टूटी सीट और पाइप देखने को मिली. जांच में सामने आया कि गांव के उन लोगों के भी कागजों में शौचालय बन गए हैं, जिनके घर पहले से ही शौचालय बने हुए हैं.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- घोटालों वाला गांव

एंकर- विकाश के नाम पर बस्ती के एक गांव में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है, प्रधान के घोटाले की शिकायत करने वाले शख्स को जान से मारने की कोशिश तक कि गयी, और अब इस घोटाले पर पर्दा डालने का प्रयास भी शुरू हो गया है, पेश है एक रिपोर्ट-

बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के इजरगढ़ गांव में सरकार ने धन भेजा ताकि गांव का विकास हो और ग्रामीण सडक, पानी, बिजली, और शौचालय का लाभ उठा सके, लेकिन यहां सरकारी धन का उपयोग करने के बजाय ग्राम प्रधान कमल सिंह ने दुरुपयोग किया और लाखो रुपये का घोटाला कर दिया, सबसे पहले हम आपको दिखाते है इजरगढ़ गांव को जाने वाली हाल ही में बनाई गई इस सडक की, जिसको देख कर जांच करने आई टीम भी चकरा गयी, 4 लाख खर्च कर लगभग एक किलोमीटर की पहले से बनी सडक के ऊपर ही इंटरलॉकिंग की ईट बिछा दी गयी और भुगतान ले लिया गया, जांच टीम ने जब सडक की ईट निकाल कर चेक किया तो हक़ीक़त सामने आ गयी, इसके बाद गांव के पंचायत भवन की तरफ हमारी टीम पहुची, इस भवन को देखकर आप समझ सकते है कि 10 लाख खर्च कर बना यह भवन आज जानवरो का तबेला बन गया है, जिस भवन को बनाने का उद्देश्य था कि गांव के लोग बैठकर इस भवन में विकास पर चर्चा करेंगे आज वह जानवरो का आरामगाह बन गया है, इतना ही नही गांव के प्राइमरी स्कूल की हालत भी काफी दयनीय है, इस स्कूल का शौचालय बेहद अद्भुत है, आधा दरवाजा और टूटी सीट और भटी पाइप इसकी पहचान है, आरोप है कि घोटालेबाज ग्राम प्रधान कमल सिंह ने इस स्कूल के जेर्णोधार के नाम पर कई बार धन निकाला लेकिन काम कुछ नही किया गया, सबसे चौकाने वाली बात यह है की गाँव के उन लोगो का भी कागजो में शौचालय बन गया है जिन्हें इनकी जरूरत ही नही थी क्यों कि उनके घरों में सालो से शौचालय बने हुए है,


Body:शिकायत करने वाले विपेंद्र और अयोध्या प्रसाद ने बताया कि उनके नाम पर शौचालय का पैसा निकाल लिया गया है जब कि आज तक उन्हें पता ही नही की सरकार ने उन्हें भी शौचालय बनवा कर दिया है। गांव में विकास के नाम पर मील धन का ग्राम प्रधान द्धारा जमकर बंदरबाट किया गया है, सडक से लेकर शौचालय तक सिर्फ घोटाले ही नजर आ रहे, इतना ही नही ग्राम प्रधान की दबंगई इतनी की शिकायत करने वाले अयोध्या प्रसाद को शिकायत वापस न लेने पर जान से मारने की कोशिश भी की गई, जिसमे अयोध्या किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचा पाया, इस घटना में शिकायतकर्ता को गंभीर चोट लगी और उसकी उंगली टूट गयी,


Conclusion:बहरहाल इजरगढ़ गांव के इस घोटाले की शिकायत सीडीओ अरविंद पांडेय से की गई है और जिस पर कमिटी बनाकर जांच करने का जिला विकास अधिकारी की तरफ से आश्वासन मिला है, और अब देखना यह है कि सरकार के धन और गरीबो के हक़ का पैसा खाने वाले गुंडे ग्राम प्रधान के खिलाफ जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।

बाइट- अयोध्या प्रसाद....शिकायतकर्ता
बाइट- विपेंद्र.....ग्रामीण
बाइट- जांच करने आये जेई


बस्ती यूपी
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