बस्ती: छात्रनेता कबीर तिवारी के हत्याकांड के बाद हुए उपद्रव में सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई की प्रशासन ने तैयारी कर ली है. नुकसान की भरपाई उन्हीं 36 आरोपियों से की जाएगी, जिन पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया है. सीसीटीवी फुटेज से इनकी पहचान की गई है. 9 अक्टूबर 2019 को छात्रनेता कबीर तिवारी की हत्या हुई थी.
आईजी आशुतोष कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर वाहनों में तोड़फोड़ का आंकलन आरटीओ सहित अन्य अधिकारियों को शामिल कर कराया जाएगा. पुलिस चौकी, रोडवेज बसों आदि में तोड़फोड़ के आंकलन के लिए एडीएम वित्त के नेतृत्व में गठित कमेटी की रिपोर्ट को आधार बनाया जाएगा.
ये है पूरा मामला
- जनपद में 9 अक्टूबर को छात्रनेता कबीर तिवारी की हत्या के बाद शव कोतवाली से पोस्टमार्टम हाउस ले जाते समय जमकर हंगामा हुआ था.
- कुछ उपद्रवियों ने रोडवेज, पुलिस चौकी का फर्नीचर व दस्तावेज सड़क पर फेंक कर आग लगा दी थी.
- रोडवेज परिसर में खड़ी बसों में तोड़फोड़ करने के साथ ही यात्रियों से मारपीट की गई थी.
- इसके बाद एआरएम रोडवेज, तत्कालीन एसओ नगर, एसओ वाल्टरगंज व चौकी प्रभारी रोडवेज की तहरीर पर अलग-अलग चार सौ से अधिक उपद्रवियों पर कोतवाली में चार मुकदमे दर्ज हुए.
- इसमें सार्वजनिक व सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ करने के मुकदमे में 36 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल की गई है.
ये भी पढ़ें-नए साल पर बस्ती को 50 करोड़ की सौगात, तीन हजार विकास कार्यों का हुआ शुभारंभ
पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट के तहत केस दर्ज कर नुकसान की वसूली यूपी पब्लिक मनी रिकवरी एक्ट के तहत की जाएगी. इसे लेकर गृह विभाग ने शासनादेश भी जारी किया था, जिसमें एडीएम वित्त के जरिए यह कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाती है. इसमें तहसील से आरोपियों के खिलाफ वसूली आरसी जारी होती है. कुर्क अमीन संबंधित की संपत्ति को अटैच करने की कार्रवाई करते हैं. इसके बाद नीलामी कराकर वसूली की जाती है.
-आशुतोष कुमार, आईजी