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बस्ती: प्राथमिक विद्यालय से महीनों से नदारद हैं प्रधानाचार्य, डॉक्यूमेंट की हो रही जांच

यूपी के बस्ती में एक प्रधानाध्यापक प्राथमिक स्कूल से पिछले 6-7 महीने से अनुपस्थित हैं. प्रधानाध्यापक का स्कूल के रजिस्टर में कुछ और नाम है. गांव के राशन कार्ड और वोटर आईडी में कुछ और नाम है. ऐसे में बीएसए अरुण कुमार ने प्रधानाध्यापक के डॉक्यूमेंट की जांच के आदेश दिए हैं.

प्राथमिक विद्यालय से महीनों से नदारद प्रधानाचार्य
प्राथमिक विद्यालय से महीनों से नदारद प्रधानाचार्य
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Published : Jun 18, 2020, 12:27 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 1:50 AM IST

बस्ती: जिले में कस्तूरबा स्कूलों में एक ही नाम पर कई जगह नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका का मामला चर्चा में है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों के जांच के आदेश दिये हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जिले के माझा क्षेत्र का है. माझा क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक पिछले छह-सात महीने से गायब हैं.

प्रधानाध्यापक का स्कूल के रजिस्टर में कुछ और नाम है. गांव के राशन कार्ड और वोटर आईडी में कुछ और नाम है. ऐसे में बीएसए अरुण कुमार ने प्रधानाध्यापक के डॉक्यूमेंट के जांच के आदेश दिए हैं.

अलग-अलग नाम से हैं डॉक्यूमेंट
बहादुरपुर ब्लॉक के भोड़सर गांव के निवासी रामनिहोर यादव की तैनाती प्रधानाध्यापक पद पर दुबौलिया ब्लॉक के अशोकपुर मांझा के प्राथमिक विद्यालय में है. रामनिहोर कई महीने से स्कूल नहीं आ रहे थे. राम निहोर का नाम स्कूल में भोला सिंह यादव के नाम दर्ज है, जबकि वोटर आईडी जैसे डॉक्यूमेंट में राम निहोर नाम दर्ज है.

रजिस्टर में दर्ज है मेडिकल लीव
इतना ही नहीं राम निहोर लॉकडाउन के पहले से पिछले छह महीने से विद्यालय से नदारद हैं. इस स्कूल में एक प्रधानाध्यापक, एक सहायक अध्यापक और दो शिक्षामित्र तैनात हैं. प्रधानाध्यापक के उपस्थिति पंजिका पर चिकित्सीय अवकाश दिखाया गया है.

दो अलग-अलग नाम की हो रही जांच
बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि प्रधानाध्यापक भोला सिंह यादव पिछले कई महीनों से गायब हैं. मेडिकल लीव के बारे में बताया जा रहा है, लेकिन इस तरह के किसी पत्र की जानकारी नहीं है. वहीं इनके दो अलग-अलग नाम होने की भी जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. अन्यथा इतने महीने ड्यूटी से गायब रहने पर भी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी.

बस्ती: जिले में कस्तूरबा स्कूलों में एक ही नाम पर कई जगह नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षिका का मामला चर्चा में है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों के जांच के आदेश दिये हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जिले के माझा क्षेत्र का है. माझा क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक पिछले छह-सात महीने से गायब हैं.

प्रधानाध्यापक का स्कूल के रजिस्टर में कुछ और नाम है. गांव के राशन कार्ड और वोटर आईडी में कुछ और नाम है. ऐसे में बीएसए अरुण कुमार ने प्रधानाध्यापक के डॉक्यूमेंट के जांच के आदेश दिए हैं.

अलग-अलग नाम से हैं डॉक्यूमेंट
बहादुरपुर ब्लॉक के भोड़सर गांव के निवासी रामनिहोर यादव की तैनाती प्रधानाध्यापक पद पर दुबौलिया ब्लॉक के अशोकपुर मांझा के प्राथमिक विद्यालय में है. रामनिहोर कई महीने से स्कूल नहीं आ रहे थे. राम निहोर का नाम स्कूल में भोला सिंह यादव के नाम दर्ज है, जबकि वोटर आईडी जैसे डॉक्यूमेंट में राम निहोर नाम दर्ज है.

रजिस्टर में दर्ज है मेडिकल लीव
इतना ही नहीं राम निहोर लॉकडाउन के पहले से पिछले छह महीने से विद्यालय से नदारद हैं. इस स्कूल में एक प्रधानाध्यापक, एक सहायक अध्यापक और दो शिक्षामित्र तैनात हैं. प्रधानाध्यापक के उपस्थिति पंजिका पर चिकित्सीय अवकाश दिखाया गया है.

दो अलग-अलग नाम की हो रही जांच
बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि प्रधानाध्यापक भोला सिंह यादव पिछले कई महीनों से गायब हैं. मेडिकल लीव के बारे में बताया जा रहा है, लेकिन इस तरह के किसी पत्र की जानकारी नहीं है. वहीं इनके दो अलग-अलग नाम होने की भी जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. अन्यथा इतने महीने ड्यूटी से गायब रहने पर भी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 18, 2020, 1:50 AM IST
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