बस्ती: जिले के महिला अस्पताल में कथित दलालों के आगे अस्पताल प्रशासन बौना हो गया है. आलम यह है कि गरीब मरीज अस्पताल में प्रवेश से पहले ही दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं. इन पर लगाम लगाने के लिए सीएमएस डॉ. ए.के. सिंह ने मरीज के अलावा अन्य किसी को अंदर जाने पर रोक लगा दी है.
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जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोल बाला
दरअसल जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोलबाला है. गेट से लेकर अस्पताल के अंदर तक बैठे दलालों की पहुंच प्राइवेट अस्पतालों, मेडिकल स्टोर से लेकर पैथोलॉजी तक है. दलाल मरीजों को सस्ता और बढ़िया इलाज के झांसे में लेकर उन्हें प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंच जाते हैं. उसके बदले में उन्हें कमीशन भी मिल जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन सब में आशा बहूओं के शामिल होने की बात सामने आती रही है.
दलालों पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने की तैयारी
अब दलालों पर लगाम कसने की तैयारी महिला अस्पताल प्रशासन ने कर ली है. प्रशासन ने अब डॉक्टरों के पास सिर्फ मरीज को जाने की इजाजत दी है. अगर कोई मरीज अपनी बात ठीक से नहीं कह पा रही या चलने में उसे दिक्कत आ रही तो ऐसे में उस मरीज के साथ आशा बहू आ सकती है लेकिन वह उस महिला मरीज के क्षेत्र की होनी चाहिए.
सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने दी जानकारी
महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अस्पताल परिसर में दलालों की मौजूदगी की शिकायत लगातार मिल रही थी. इस पर लगाम लगाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए लेकिन स्थिति फिर जस की तस हो जाती है. इसमें सबसे ज्यादा बदनामी आशा बहू की होती थी. साथ ही मरीजों को ज्यादा पैसा भी देना पड़ रहा था.
अब मरीजों के साथ आने वाली आशा बहू को अपना कार्ड लेकर आने को निर्देशित किया गया है. साथ ही अब मरीजों के साथ सिर्फ वही आशा बहू डॉक्टर जाएगी, जो उस क्षेत्र की है. इससे बाहरी दलालों और जो भी उसमें लिप्त हैं, उन पर लगाम लगेगी.