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बस्ती: सीएमएस का आदेश, अब डॉक्टरों के पास सिर्फ मरीज को ही जाने की इजाजत

उत्तर प्रदेश के बस्ती के महिला जिला अस्पताल में संदिग्ध महिलाओं पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कमर कस लिया है. मामले में जिला महिला अस्पताल के सीएमएस ने आदेश दिया है कि अब डॉक्टरों के पास सिर्फ मरीज को जाने की ही इजाजत है.

महिला जिला अस्पताल बस्ती.
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Published : Oct 1, 2019, 10:11 AM IST

बस्ती: जिले के महिला अस्पताल में कथित दलालों के आगे अस्पताल प्रशासन बौना हो गया है. आलम यह है कि गरीब मरीज अस्पताल में प्रवेश से पहले ही दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं. इन पर लगाम लगाने के लिए सीएमएस डॉ. ए.के. सिंह ने मरीज के अलावा अन्य किसी को अंदर जाने पर रोक लगा दी है.

महिला जिला अस्पताल में दलालों पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कसी कमर

इसे भी पढ़ें- कन्नौज के जिला अस्पताल में इलाज नहीं बल्कि हो रही है अय्याशी!

जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोल बाला
दरअसल जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोलबाला है. गेट से लेकर अस्पताल के अंदर तक बैठे दलालों की पहुंच प्राइवेट अस्पतालों, मेडिकल स्टोर से लेकर पैथोलॉजी तक है. दलाल मरीजों को सस्ता और बढ़िया इलाज के झांसे में लेकर उन्हें प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंच जाते हैं. उसके बदले में उन्हें कमीशन भी मिल जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन सब में आशा बहूओं के शामिल होने की बात सामने आती रही है.

दलालों पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने की तैयारी
अब दलालों पर लगाम कसने की तैयारी महिला अस्पताल प्रशासन ने कर ली है. प्रशासन ने अब डॉक्टरों के पास सिर्फ मरीज को जाने की इजाजत दी है. अगर कोई मरीज अपनी बात ठीक से नहीं कह पा रही या चलने में उसे दिक्कत आ रही तो ऐसे में उस मरीज के साथ आशा बहू आ सकती है लेकिन वह उस महिला मरीज के क्षेत्र की होनी चाहिए.

सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने दी जानकारी
महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अस्पताल परिसर में दलालों की मौजूदगी की शिकायत लगातार मिल रही थी. इस पर लगाम लगाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए लेकिन स्थिति फिर जस की तस हो जाती है. इसमें सबसे ज्यादा बदनामी आशा बहू की होती थी. साथ ही मरीजों को ज्यादा पैसा भी देना पड़ रहा था.

अब मरीजों के साथ आने वाली आशा बहू को अपना कार्ड लेकर आने को निर्देशित किया गया है. साथ ही अब मरीजों के साथ सिर्फ वही आशा बहू डॉक्टर जाएगी, जो उस क्षेत्र की है. इससे बाहरी दलालों और जो भी उसमें लिप्त हैं, उन पर लगाम लगेगी.

बस्ती: जिले के महिला अस्पताल में कथित दलालों के आगे अस्पताल प्रशासन बौना हो गया है. आलम यह है कि गरीब मरीज अस्पताल में प्रवेश से पहले ही दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं. इन पर लगाम लगाने के लिए सीएमएस डॉ. ए.के. सिंह ने मरीज के अलावा अन्य किसी को अंदर जाने पर रोक लगा दी है.

महिला जिला अस्पताल में दलालों पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कसी कमर

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जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोल बाला
दरअसल जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोलबाला है. गेट से लेकर अस्पताल के अंदर तक बैठे दलालों की पहुंच प्राइवेट अस्पतालों, मेडिकल स्टोर से लेकर पैथोलॉजी तक है. दलाल मरीजों को सस्ता और बढ़िया इलाज के झांसे में लेकर उन्हें प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंच जाते हैं. उसके बदले में उन्हें कमीशन भी मिल जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन सब में आशा बहूओं के शामिल होने की बात सामने आती रही है.

दलालों पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने की तैयारी
अब दलालों पर लगाम कसने की तैयारी महिला अस्पताल प्रशासन ने कर ली है. प्रशासन ने अब डॉक्टरों के पास सिर्फ मरीज को जाने की इजाजत दी है. अगर कोई मरीज अपनी बात ठीक से नहीं कह पा रही या चलने में उसे दिक्कत आ रही तो ऐसे में उस मरीज के साथ आशा बहू आ सकती है लेकिन वह उस महिला मरीज के क्षेत्र की होनी चाहिए.

सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने दी जानकारी
महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अस्पताल परिसर में दलालों की मौजूदगी की शिकायत लगातार मिल रही थी. इस पर लगाम लगाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए लेकिन स्थिति फिर जस की तस हो जाती है. इसमें सबसे ज्यादा बदनामी आशा बहू की होती थी. साथ ही मरीजों को ज्यादा पैसा भी देना पड़ रहा था.

अब मरीजों के साथ आने वाली आशा बहू को अपना कार्ड लेकर आने को निर्देशित किया गया है. साथ ही अब मरीजों के साथ सिर्फ वही आशा बहू डॉक्टर जाएगी, जो उस क्षेत्र की है. इससे बाहरी दलालों और जो भी उसमें लिप्त हैं, उन पर लगाम लगेगी.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: जिला महिला पताल में कथित दलालों के आगे अस्पताल प्रशासन बौना हो गया है. आलम यह है कि गरीब मरीज अस्पताल में प्रवेश से पहले ही दलालों के चंगुल में फस जाते हैं. वहीं अब अस्पताल प्रशासन ने इन पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. सीएमएस एके सिंह ने मरीज के अलावा अन्य किसी को अंदर आने पर रोक लगा दी है.

दरअसल जिला महिला अस्पताल में दलालों का बोल बाला है. गेट से लेकर अस्पताल के अंदर तक बैठे दलालों की पहुंच प्राइवेट अस्पतालों, मेडिकल स्टोर से लेकर पैथालॉजी तक है. दलाल मरीजों को अपनी झांसे में लेकर सस्ता और बढ़िया इलाज कराने का दावा करके उन्हें प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंच जाती हैं. मरीजों को जांच के लिए प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटर भेजती है. उसके बदले में उन्हें कमीशन मिल जाता है. सबसे बड़ी बात इन सब में आशा बहू के शामिल होने की बात सामने आती रही है.




Body:वही अब दलालों को लगाम कसने की तैयारी महिला अस्पताल प्रशासन ने कर ली है. प्रशासन ने अब डॉक्टरों के पास सिर्फ मरीज को जाने की इजाजत दी है. इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई मरीज अगर अपनी बात ठीक से न कह पाती हो, चलने में दिक्कत आ रही हो. ऐसे में उस मरीज के साथ आशा बहू आ सकती हैं लेकिन शर्त यह है कि वह उस महिला मरीज के क्षेत्र की होनी चाहिए.

महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अस्पताल परिसर में दलालों की मौजूदगी की शिकायत लगातार मिल रही थी. इस पर लगाम लगाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए लेकिन स्थिति फिर जस की तस हो जाती है. उन्होंने कहा कि इसमें सबसे ज्यादा बदनामी हमारी आशा बहू की होती थी. साथ ही मरीजों को ज्यादा पैसा भी देना पड़ रहा था और सही इलाज भी नहीं मिल पा रहा था.




Conclusion:उन्होंने कहा कि अब हमने मरीजों के साथ आने वाली आशा बहू को अपनी कार्ड लेकर आने को निर्देशित किया है. साथ ही अब मरीजों के साथ सिर्फ वही आशा बहू डॉक्टर जाएगी, जो क्षेत्र की है, वह भी बहुत जरुरी होने पर. सीएमएस एके सिंह ने बताया कि इससे बाहरी दलालों और जो भी उसमें लिप्त हैं, उन पर लगाम लगेगी. उन्होंने कहा कि हम सरकार की तरफ से सभी सुविधाएं लोगों तक सीधा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.

बाइट..... डॉ अवधेश कुमार सिंह, सीएमएस, महिला अस्पताल
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