बस्ती: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया है. सैकड़ों कर्मचारी विकास भवन कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने बैठ गए हैं. उनका कहना है कि वो लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का काम करते हैं, लेकिन आज उनके ही आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है.
बता दें कि सरकार लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन चला रही है. इसके जरिए देश के बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है. लेकिन अब इस मिशन के कर्मचारियों को ही अपने भत्तों को लेकर सड़क पर उतरना पड़ रहा है. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.
मॉडल एचआर पालिसी लागू करने, शिक्षा भत्ता, लैपटॉप भत्ता, जीवन बीमा, मेडिकल बीमा, शोषण बंद करने, आउटसोर्सिंग समाप्त कर विभागीय संविदा पर नियुक्त करने समेत मानदेय बढ़ाना उनकी प्रमुख मांगें हैं.
कर्मचारियों ने बताया कि वो लोग महिलाओं को समूह बनाकर आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं. लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान करते हैं. लेकिन अब उनकी ही आजीविका के साथ संकट खड़ा हो रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा ही रह गया है, जबकि भारत सरकार की एचआर पालिसी में यह मेंशन है कि सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन नहीं मिल रही हैं.
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कर्मचारियों ने बताया कि वो लोग 4 वर्षों से पुरानी सैलरी पर काम कर रहे हैं. एचआर पॉलिसी सिर्फ कागजों में रह गई है. इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह पॉलिसी है. बिहार सरकार की तरफ से सभी सुविधाएं दी जा रही हैं जबकि यूपी सरकार के वादे के बाद भी उन्हें सुविधाओ से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक एचआर पॉलिसी लागू नहीं होगी और पूरे भत्ते नहीं मिलेंगे तब तक धरना जारी रहेगा.
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