बस्ती: नगर पालिका में हो रहे निकाय चुनाव की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है. क्योंकि, बीजेपी के प्रत्याशी को बीजेपी के बागियों से भी लड़ना होगा. सोमवार को अचानक उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सांसद हरीश द्विवेदी के प्रतिनिधि रह चुके और बीजेपी के कद्दावर नेता आशीष शुक्ला टिकट न मिलने के बाद अपनी पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया. आशीष शुक्ला की पत्नी नेहा शुक्ला ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में नगर पालिका बस्ती सीट के लिए अपना पर्चा भर दिया है. इसके बाद यह माना जा रहा है कि बीजेपी और सपा का राजनीतिक समीकरण बिगड़ सकता है.
मीडिया से बात करते हुए बीजेपी नेता आशीष शुक्ला ने बताया कि 18 साल तक उन्होंने पार्टी की सेवा की और जब वक्त आया कि पार्टी उन्हें सम्मान दे तो दरकिनार कर दिया गया. दूसरे नेता को टिकट दे दिया गया. इस दौरान बीजेपी के बागी नेता आशीष शुक्ला भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे. आशीष शुक्ला ने कहा कि उनके अंशुओं की अहमियत जनता समझेगी और बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
बीजेपी प्रत्याशी सीमा खरे ने अपने पति के साथ नामांकन किया. भाजपा नेता अनूप खरे ने कहा कि जनता सीएम योगी के कामों पर वोट देगी. मूलभूत सुविधाओं की कमी को दूर करने का वादा किया और कहा कि शहर की सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष बनकर शीवर प्लांट पर सबसे पहले काम करेंगी. सीमा खरे ने कहा कि घर की गृहस्थी को तो वो अच्छे से संभाल रही हैं. अब नगर पालिका को भी अच्छे से चलाएंगी.
बस्ती नगर पालिका की लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है. बीजेपी और सपा में तो टक्कर थी ही और अब बीजेपी के बागी दोनों उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं. गौरतलब है कि एक ही जाति से सपा और बीजेपी के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. वहीं, बीजेपी के बागी नेता ब्राह्मण हैं, जो इस लड़ाई को दिलचस्प बना रहे हैं. बीजेपी ने सपा के कायस्थ प्रत्याशी के सामने एक कायस्थ उम्मीदवार को चुनाव में उतारकर ट्रूप का इक्का वाला कार्ड खेला है.
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