बस्ती: जनपद में मेडिकल कॉलेज में एक और इमारत घोटाले की भेंट चढ़ गई, एमआरआई यूनिट के लिए सरकार ने लेकपैड संस्था को लगभग 1 करोड़ का बजट आवंटित किया, लेकिन संस्था ने बिल्डिंग का निर्माण बेहद घटिया तरीके से कराया. बिल्डिंग बनने के 6 महीने बाद ही इमारत जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गया है.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने बताया कि उनके द्वारा शासन में पत्र लिखा जा चुका है ताकि बिल्डिंग को सही कर के संबंधित संस्था उन्हें हैंडओवर कर दें, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी बिल्डिंग
खबर को संज्ञान मे लेकर कमिश्नर अनिल सागर ने निर्माण निगम को एक महीने के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया. बहरहाल मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2 दशक से चल रहा है, लेकिन इमारत हैंडओवर करने से पहले ही टूटने लगा. करोड़ों खर्च करने के बाद भी बस्ती मेडिकल कॉलेज आज ठेकेदारों, अफसरों और कार्यदायी संस्था के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है.
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एमआरआई यूनिट के लिए बनाई गई बिल्डिंग अब किसी काम की नहीं रही और यहां बेहतर इलाज का सपना लेकर आने वाले गरीब मरीजों की मंसा पर पानी फिर गया. अब देखना यह होगा कि एमआरआई यूनिट की इमारत में घोटाला करने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कब एक्शन लेता है और बस्ती की गरीब जनता का एमआरआई का सपना साकार होता है, क्योंकि बस्ती मंडल में एमआरआई की सुविधा नहीं है.