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बस्तीः लेकपैड ने बनाई बिल्डिग, 6 महीने में ही खस्ताहाल

उत्तर प्रदेश के बस्ती में मेडिकल कॉलेज में बन रही इमारत में घोटाले का मामला सामने आया है. लेकपैड संस्था द्वारा बिल्डिंग को बेहद ही घटिया तरीके से बनाई गई है. बिल्डिंग बनने के 6 महीने बाद ही इमारत खस्ताहाल हो गई है.

खस्ताहाल बिल्डिंग
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Published : Nov 14, 2019, 10:44 AM IST

बस्ती: जनपद में मेडिकल कॉलेज में एक और इमारत घोटाले की भेंट चढ़ गई, एमआरआई यूनिट के लिए सरकार ने लेकपैड संस्था को लगभग 1 करोड़ का बजट आवंटित किया, लेकिन संस्था ने बिल्डिंग का निर्माण बेहद घटिया तरीके से कराया. बिल्डिंग बनने के 6 महीने बाद ही इमारत जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गया है.

खस्ताहाल हालत में एमआरआई बिल्डिंग.

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने बताया कि उनके द्वारा शासन में पत्र लिखा जा चुका है ताकि बिल्डिंग को सही कर के संबंधित संस्था उन्हें हैंडओवर कर दें, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी बिल्डिंग
खबर को संज्ञान मे लेकर कमिश्नर अनिल सागर ने निर्माण निगम को एक महीने के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया. बहरहाल मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2 दशक से चल रहा है, लेकिन इमारत हैंडओवर करने से पहले ही टूटने लगा. करोड़ों खर्च करने के बाद भी बस्ती मेडिकल कॉलेज आज ठेकेदारों, अफसरों और कार्यदायी संस्था के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है.

इसे भी पढ़ें - सीएम योगी ने किसानों से की पराली न जलाने की अपील, बोले- भुगतान करेगी सरकार

एमआरआई यूनिट के लिए बनाई गई बिल्डिंग अब किसी काम की नहीं रही और यहां बेहतर इलाज का सपना लेकर आने वाले गरीब मरीजों की मंसा पर पानी फिर गया. अब देखना यह होगा कि एमआरआई यूनिट की इमारत में घोटाला करने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कब एक्शन लेता है और बस्ती की गरीब जनता का एमआरआई का सपना साकार होता है, क्योंकि बस्ती मंडल में एमआरआई की सुविधा नहीं है.

बस्ती: जनपद में मेडिकल कॉलेज में एक और इमारत घोटाले की भेंट चढ़ गई, एमआरआई यूनिट के लिए सरकार ने लेकपैड संस्था को लगभग 1 करोड़ का बजट आवंटित किया, लेकिन संस्था ने बिल्डिंग का निर्माण बेहद घटिया तरीके से कराया. बिल्डिंग बनने के 6 महीने बाद ही इमारत जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गया है.

खस्ताहाल हालत में एमआरआई बिल्डिंग.

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने बताया कि उनके द्वारा शासन में पत्र लिखा जा चुका है ताकि बिल्डिंग को सही कर के संबंधित संस्था उन्हें हैंडओवर कर दें, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी बिल्डिंग
खबर को संज्ञान मे लेकर कमिश्नर अनिल सागर ने निर्माण निगम को एक महीने के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया. बहरहाल मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2 दशक से चल रहा है, लेकिन इमारत हैंडओवर करने से पहले ही टूटने लगा. करोड़ों खर्च करने के बाद भी बस्ती मेडिकल कॉलेज आज ठेकेदारों, अफसरों और कार्यदायी संस्था के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है.

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एमआरआई यूनिट के लिए बनाई गई बिल्डिंग अब किसी काम की नहीं रही और यहां बेहतर इलाज का सपना लेकर आने वाले गरीब मरीजों की मंसा पर पानी फिर गया. अब देखना यह होगा कि एमआरआई यूनिट की इमारत में घोटाला करने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कब एक्शन लेता है और बस्ती की गरीब जनता का एमआरआई का सपना साकार होता है, क्योंकि बस्ती मंडल में एमआरआई की सुविधा नहीं है.

Intro:
रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- भ्रष्टाचार की बिल्डिंग (Etv Bharat special)

एंकर- बस्ती मेडिकल कॉलेज में एक और इमारत घोटाले की भेंट चढ़ गई, एमआरआई यूनिट के लिए सरकार ने लेकपैड संस्था को लगभग 1 करोड़ का बजट आवंटित किया लेकिन संस्था ने बिल्डिंग का बेहद घटिया तरीके से निर्माण किया और बनने के 6 महीने बाद ही इमारत जीर्ण शीर्ण हालत में पहुँच गया है, जिस वजह से एमआरआई यूनिट की इकाई यहां नही लग पा रही, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने इस बावत बताया कि उनके द्वारा शासन में पत्र लिखा जा चुका है ताकि बिल्डिंग को सही कर के संबंधित संस्था उन्हें हैंडओवर कर दे लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है, 

बस्ती का मेडिकल कालेज इससे पहले पूर्वांचल का मिनी पीजीआई कहा जाता था और बीजेपी सरकार ने इसे कन्वर्ट कर के मेडिकल कॉलेज का दर्जा दे दिया, और उसके बाद 300 करोड़ का बजट सेंट्रल से मिला फिर बस्ती मेडिकल कॉलेज अपने अस्तितव में आ गया, पिछले 21 साल से कार्यदायी 52 करोड़ खर्च करने के बाद भी भवन को पूरा नही कर सकी थी,


Body:फिर खबर का संज्ञान मे लेकर कमिश्नर अनिल सागर ने निर्माण निगम को एक महीने के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया, बहरहाल मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2 दशक से चल ही रहा है लेकिन इमारत हैंडओवर से पहले ही टूटने लग रही है, करोड़ो खर्च करने के बाद भी बस्ती मेडिकल कॉलेज आज ठेकेदारों, अफसरो और कार्यदायी संस्था के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, एमआरआई यूनिट के लिए बनाई गई बिल्डिंग अब किसी काम की नही रही और यहां बेहतर इलाज का सपना लेकर आने वाले गरीब मरीजो की मंसा पर पानी फिर गया। अब देखना यह होगा कि एमआरआई यूनिट की इमारत में घोटाला करने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कब एक्शन होता है और बस्ती की गरीब जनता का एमआरआई का सपना साकार होता है क्यों कि आज बस्ती मंडल में एमआरआई की सुविधा नही है।

बाइट- नवनीत कुमार......प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज


बस्ती यूपी


Conclusion:
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