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बस्ती के बाढ़ प्रभावित गांवों का राज्य मंत्री ने किया दौरा, बांटी राहत सामग्री

बस्ती में राज्य मंत्री ने 110 परिवारों को राहत सामग्री बांटी. इस दौरान उन्होंने मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री आवास योजना (Chief Minister Housing Scheme) के तहत आवास दिलवाया जाए.

बाढ़ग्रस्त इलाकों का मंत्रियों ने किया निरीक्षण, बाढ़ पीड़ितों को दी राहत सामग्री
बाढ़ग्रस्त इलाकों का मंत्रियों ने किया निरीक्षण, बाढ़ पीड़ितों को दी राहत सामग्री
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Published : Oct 19, 2022, 7:44 PM IST

बस्ती/बलियाः स्टांप एवं न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल (Minister of State for Stamp and Court Fees Minister Ravindra Jaiswal) ने बुधवार को जनपद में गत दिनों हुई अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया. इस दौरान मंत्री ग्राम पंचायत बरसाव के प्राथमिक विद्यालय टेढवा में आयोजित राहत वितरण शिविर पहुंचे. यहां सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा आ जाती है. हमारी सरकार हमेशा जनता के साथ खड़ी रहती है. आप सभी के लिए राहत सामग्री, भोजन के पैकेट, जानवरों के लिए भूसा, चारा व दवाइयों आदि का वितरण किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि जनता का धन जनता के लिए आपदा की घड़ी में काम आ रहा है.

वहीं, मंत्री ने ग्राम पंचायत बरदिया लोहार के ग्राम अखनपुर व अशोकपुर के लोगों को आश्वस्त किया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि आपके लिए सहयोग में लगे हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं का सभी पात्र व्यक्तियों तक तत्परता से लाभ पहुंचे. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों और पीड़ितों के कल्याण हेतु हर संभव प्रयास कर रही है. अतिवृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को शीघ्र दुरुस्त कर जलभराव आदि को दूर कराया जाएगा. उन्होंंने कहा कि आपदा राहत के अंतर्गत विभिन्न कार्यों को तत्परता से संपादित भी किया जाएगा.

बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कही ये बातें..
इस दौरान राज्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित 105 परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया. बाढ राहत किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 2 किलो अरहर की दाल, रिफाइंड तेल, 5 लीटर केरोसिन आयल, हल्दी, धनिया, मिर्चा, मोमबत्ती, बिस्किट, गुड, साबुन, माचिस, लाई के अतिरिक्त 02 किलो भुना चना शामिल है. टेढ़वा में राहत सामग्री वितरण करने के पश्चात मंत्री ने सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ समाप्त होने के बाद क्षेत्र में साफ सफाई, दवाओं का छिड़काव, बीमारियों पर नियंत्रण हेतु कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

मंत्री ने कहा कि बाढ़ उतरने के बाद भी लोगों को कई दुश्वारियां होती हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन लोगों के आवास बाढ़ से प्रभावित हुए हैं उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना (Chief Minister Housing Scheme) के तहत आवास दिलवाया जाए. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुछ सरकारी भवन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका सर्वे कराकर मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार का प्रस्ताव शासन को भिजवाया जाए. उन्होंने सड़कों की मरम्मत व जीणोद्धार के लिए सूची शासन को भेजवाने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया. इसी प्रकार विद्युत संबंधी कठिनाइयों को दूर करने का भी उन्होंने निर्देश दिया जिससे जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल हो सके. मंत्री ने दौरे के दौरान अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड दिनेश कुमार (Executive Engineer Flood Division Dinesh Kumar) को निर्देशित किया कि अत्यधिक जल आ जाने के कारण बांधों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और अपने सभी सहायक अभियंता व अवर अभियंताओं को क्षेत्र में भ्रमणशील रखें.

वहीं, घाघरा नदी में आई बाढ़ (Ghaghra river floods) से 70 गांव के 1 लाख लोग प्रभावित हुए थे. इसके बाद जिला प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों को खाने पीने और दवाइयों का इंतजाम कर रहा है. जगह-जगह जल जमाव से डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियां पैर पसार सकतीं है. इसके लिए डीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों में 5 हजार सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है जो गांव-गांव में सफाई कर रहे हैं. इसके अलावा क्लोरीन की टैबलेट लोगों को वितरित की जा रही है. पशुओं को बीमारियों से बचाने की लिए वैक्सीन लगाई जा रही है.

बलिया में बाढ़ राहत सामग्री वितरण में लापरवाही
जनपद में बाढ़ क्षेत्र के इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे यूपी सरकार के राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र (Minister of State Dayashankar Mishra) दयालु तथा सुरेश राही ने जनपद के मनियर तथा बांसडीह बांढ क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान मंत्रियों ने 12 से अधिक गांवों का दौरा किया. मंत्री बाढ़ प्रभावित गांव रेखहा पहुंचे. यहां सुबह से बाढ़ सामग्री लेने के लिए के लिए पहुंची महिलाओं को देर रात तक भी राहत सामग्री नहीं मिली थी. इसके बाद मंत्री एसडीएम (SDM) तहसीलदार पर भड़क उठे. उन्होंने कहा कि किसी को 2 घंटा या 4 घंटा बैठा कर रखना उचित नहीं है उसके लिए कहीं ना कहीं से अधिकारी जिम्मेदार हैं. यहां से मैं जिला मुख्यालय पर जाकर सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा करूंगा.



यह भी पढ़ें- RSS की मांग, जनसंख्या कानून लागू करे सरकार, धर्म परिवर्तन करने वालों को नहीं मिले आरक्षण

बस्ती/बलियाः स्टांप एवं न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल (Minister of State for Stamp and Court Fees Minister Ravindra Jaiswal) ने बुधवार को जनपद में गत दिनों हुई अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया. इस दौरान मंत्री ग्राम पंचायत बरसाव के प्राथमिक विद्यालय टेढवा में आयोजित राहत वितरण शिविर पहुंचे. यहां सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा आ जाती है. हमारी सरकार हमेशा जनता के साथ खड़ी रहती है. आप सभी के लिए राहत सामग्री, भोजन के पैकेट, जानवरों के लिए भूसा, चारा व दवाइयों आदि का वितरण किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि जनता का धन जनता के लिए आपदा की घड़ी में काम आ रहा है.

वहीं, मंत्री ने ग्राम पंचायत बरदिया लोहार के ग्राम अखनपुर व अशोकपुर के लोगों को आश्वस्त किया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि आपके लिए सहयोग में लगे हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं का सभी पात्र व्यक्तियों तक तत्परता से लाभ पहुंचे. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों और पीड़ितों के कल्याण हेतु हर संभव प्रयास कर रही है. अतिवृष्टि और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को शीघ्र दुरुस्त कर जलभराव आदि को दूर कराया जाएगा. उन्होंंने कहा कि आपदा राहत के अंतर्गत विभिन्न कार्यों को तत्परता से संपादित भी किया जाएगा.

बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कही ये बातें..
इस दौरान राज्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित 105 परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया. बाढ राहत किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 2 किलो अरहर की दाल, रिफाइंड तेल, 5 लीटर केरोसिन आयल, हल्दी, धनिया, मिर्चा, मोमबत्ती, बिस्किट, गुड, साबुन, माचिस, लाई के अतिरिक्त 02 किलो भुना चना शामिल है. टेढ़वा में राहत सामग्री वितरण करने के पश्चात मंत्री ने सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ समाप्त होने के बाद क्षेत्र में साफ सफाई, दवाओं का छिड़काव, बीमारियों पर नियंत्रण हेतु कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

मंत्री ने कहा कि बाढ़ उतरने के बाद भी लोगों को कई दुश्वारियां होती हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन लोगों के आवास बाढ़ से प्रभावित हुए हैं उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना (Chief Minister Housing Scheme) के तहत आवास दिलवाया जाए. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुछ सरकारी भवन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका सर्वे कराकर मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार का प्रस्ताव शासन को भिजवाया जाए. उन्होंने सड़कों की मरम्मत व जीणोद्धार के लिए सूची शासन को भेजवाने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया. इसी प्रकार विद्युत संबंधी कठिनाइयों को दूर करने का भी उन्होंने निर्देश दिया जिससे जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल हो सके. मंत्री ने दौरे के दौरान अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड दिनेश कुमार (Executive Engineer Flood Division Dinesh Kumar) को निर्देशित किया कि अत्यधिक जल आ जाने के कारण बांधों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और अपने सभी सहायक अभियंता व अवर अभियंताओं को क्षेत्र में भ्रमणशील रखें.

वहीं, घाघरा नदी में आई बाढ़ (Ghaghra river floods) से 70 गांव के 1 लाख लोग प्रभावित हुए थे. इसके बाद जिला प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों को खाने पीने और दवाइयों का इंतजाम कर रहा है. जगह-जगह जल जमाव से डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियां पैर पसार सकतीं है. इसके लिए डीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों में 5 हजार सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है जो गांव-गांव में सफाई कर रहे हैं. इसके अलावा क्लोरीन की टैबलेट लोगों को वितरित की जा रही है. पशुओं को बीमारियों से बचाने की लिए वैक्सीन लगाई जा रही है.

बलिया में बाढ़ राहत सामग्री वितरण में लापरवाही
जनपद में बाढ़ क्षेत्र के इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे यूपी सरकार के राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र (Minister of State Dayashankar Mishra) दयालु तथा सुरेश राही ने जनपद के मनियर तथा बांसडीह बांढ क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान मंत्रियों ने 12 से अधिक गांवों का दौरा किया. मंत्री बाढ़ प्रभावित गांव रेखहा पहुंचे. यहां सुबह से बाढ़ सामग्री लेने के लिए के लिए पहुंची महिलाओं को देर रात तक भी राहत सामग्री नहीं मिली थी. इसके बाद मंत्री एसडीएम (SDM) तहसीलदार पर भड़क उठे. उन्होंने कहा कि किसी को 2 घंटा या 4 घंटा बैठा कर रखना उचित नहीं है उसके लिए कहीं ना कहीं से अधिकारी जिम्मेदार हैं. यहां से मैं जिला मुख्यालय पर जाकर सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा करूंगा.



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