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बस्ती डिपो की नई पहल, A B C से दुर्घटनाएं होंगी कम

उत्तर प्रदेश की बस्ती डिपो ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक नई पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत बसों का संचालन अब ए, बी और सी श्रेणी के अनुसार किया जाएगा.

बस्ती डिपो ने नई पहल की शुरूआत की है
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Published : Jul 24, 2019, 11:51 PM IST

बस्ती: यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई बस दुर्घटना के बाद परिवहन निगम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर काफी सचेत हो गया है. इसको लेकर बस्ती डिपो ने नई पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत अब ए, बी और सी श्रेणी के अनुसार बसों का संचालन किया जाएगा. इसके साथ ही रोडवेज चालकों को भी तीन श्रेणी में विभाजित किया जाएगा.

बसों की ए, बी और सी श्रेणी

  • ए श्रेणी में चार लाख किलोमीटर से कम चली बसों को रखा जाएगा.
  • बी श्रेणी में 4 से 6 लाख किलोमीटर तक चली बसें होंगी.
  • सी श्रेणी में 6 लाख किलोमीटर से ऊपर चल चुकी बसें शामिल हैं.

रोडवेज चालकों की श्रेणी

  • ए श्रेणी में बसों को 35 से 50 आयु वर्ग के चालक चलाएंगे.
  • चालक ने 5 वर्ष किसी तरह की दुर्घटना बस से न की हो.
  • वहीं, 7 साल सर्विस और 50 हजार किलोमीटर तक बस चलाने का अनुभव हो.
  • बी श्रेणी में शामिल बसों के चालक 30 से 50 आयु वर्ग के होंगे.
  • 5 साल सर्विस और 40 हजार किलोमीटर यात्रा का अनुभव, 3 साल तक कोई एक्सीडेंट नहीं किया हो.
  • बाकी बचे चालक सी श्रेणी में शामिल किए जाएंगे.
    बस्ती डिपो ने नई पहल की शुरुआत की.

रोडवेज बसों की दुर्घटना का अनुपात कम करने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है. बसों और चालकों की श्रेणी के अनुसार छटनी का काम तेजी से चल रहा है. इतना ही नहीं 30 जुलाई से पहले सभी बसों की मरम्मत, इंजन का काम भी ठीक कर लिया जाएगा. साथ ही बसों में लगने वाले फर्स्ट ऐड, अग्निशमन यंत्र लगा दिए जाएंगे. चालकों के मेडिकल टेस्ट भी कराए जाएंगे.

-आरपी सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक

बस्ती: यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई बस दुर्घटना के बाद परिवहन निगम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर काफी सचेत हो गया है. इसको लेकर बस्ती डिपो ने नई पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत अब ए, बी और सी श्रेणी के अनुसार बसों का संचालन किया जाएगा. इसके साथ ही रोडवेज चालकों को भी तीन श्रेणी में विभाजित किया जाएगा.

बसों की ए, बी और सी श्रेणी

  • ए श्रेणी में चार लाख किलोमीटर से कम चली बसों को रखा जाएगा.
  • बी श्रेणी में 4 से 6 लाख किलोमीटर तक चली बसें होंगी.
  • सी श्रेणी में 6 लाख किलोमीटर से ऊपर चल चुकी बसें शामिल हैं.

रोडवेज चालकों की श्रेणी

  • ए श्रेणी में बसों को 35 से 50 आयु वर्ग के चालक चलाएंगे.
  • चालक ने 5 वर्ष किसी तरह की दुर्घटना बस से न की हो.
  • वहीं, 7 साल सर्विस और 50 हजार किलोमीटर तक बस चलाने का अनुभव हो.
  • बी श्रेणी में शामिल बसों के चालक 30 से 50 आयु वर्ग के होंगे.
  • 5 साल सर्विस और 40 हजार किलोमीटर यात्रा का अनुभव, 3 साल तक कोई एक्सीडेंट नहीं किया हो.
  • बाकी बचे चालक सी श्रेणी में शामिल किए जाएंगे.
    बस्ती डिपो ने नई पहल की शुरुआत की.

रोडवेज बसों की दुर्घटना का अनुपात कम करने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है. बसों और चालकों की श्रेणी के अनुसार छटनी का काम तेजी से चल रहा है. इतना ही नहीं 30 जुलाई से पहले सभी बसों की मरम्मत, इंजन का काम भी ठीक कर लिया जाएगा. साथ ही बसों में लगने वाले फर्स्ट ऐड, अग्निशमन यंत्र लगा दिए जाएंगे. चालकों के मेडिकल टेस्ट भी कराए जाएंगे.

-आरपी सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: रोडवेज की जनरथ बस दुर्घटना के बाद परिवहन निगम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर काफी सचेत हो गया है. इसके लिए बस्ती डिपो ने नई पहल की है. दरअसल परिवहन निगम ने नया तरीका इजाद किया है. इसके लिए निगम ने ए,बी,सी श्रेणी निर्धारित की है. इसी प्रकार से बसों का संचालन होगा.

ए श्रेणी में चार लाख किलोमीटर से कम चले बसों को रखा जाएगा. बी श्रेणी में 4 से 6 लाख किलोमीटर तक चली बसें होंगी. जबकि सी श्रेणी में 6 लाख किलोमीटर से ऊपर चल चुकी बसें शामिल है. इन बसों के संचालन के लिए रोडवेज चालकों को भी तीन श्रेणी में विभाजित किया गया है.

इसमें ए श्रेणी में शामिल 4 लाख किलोमीटर से कम चली बसों को 35 से 50 आयु वर्ग के चालक चलाएंगे. इतना ही नहीं शर्त यह भी होगी कि चालक ने 5 वर्ष किसी तरह की दुर्घटना बस से ना की हो, साथ ही उनके पास 7 साल सर्विस व 50 हजार किलोमीटर तक बस चलाने का अनुभव हो.




Body:वही बी श्रेणी में शामिल बसों के चालक 30 से 50 आयु वर्ग के होंगे, साथ ही 5 साल सर्विस व 40 हजार किलोमीटर यात्रा अनुभव होगा तथा 3 साल तक कोई एक्सीडेंट नहीं किए होंगे. बाकी बची बसें और चालक सी श्रेणी में शामिल किए जाएंगे.

इस बाबत बस्ती डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आरपी सिंह से ने बताया कि रोडवेज बसों के दुर्घटना का अनुपात कम करने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है. बसों और चालकों की श्रेणी के अनुसार छटनी का काम तेजी से चल रहा है. इतना ही नहीं 30 जुलाई के पहले सभी बसों की मरम्मत, इंजन का काम भी ठीक कर लिया जाएगा. साथ ही बसों में लगने वाले फर्स्ट ऐड, अग्निशमन यंत्र लगा दिए जाएंगे. एआरएम ने बताया कि चालकों के मेडिकल टेस्ट भी कराए जाएंगे, उन्होंने कहा कि ए बी सी कैटेगरी में बसें चलेंगी. इससे बसों के संचालन में सुधार भी होगा.

बाइट.....आरपी सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, बस्ती डिपो


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