बस्ती: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को सुबह 9 बजे से डीएम कार्यालय पर आमरण अनशन किया. विभाग संगठन मंत्री राकेश और राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य राघवेंद्र सिंह को जबरन पुलिस गाड़ी से कोतवाली ले जाने से एबीवीपी के कार्यकर्ता नाराज थे. सुबह 9 बजे से चल रहे अनशन को रात 10 बजे काफी समझाने बुझाने के बाद खत्म कराया गया.
क्यों हुआ था अनशन
गांधीनगर स्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यालय के नीचे एक व्यक्ति फल की दुकान लगाता है. आरोप है कि दुकानदार ने कार्यालय के नीचे से लेकर सड़क तक दुकान लगाकर अतिक्रमण किया है. कई बार मना करने के बाद भी वह नहीं माना. गुरुवार को फल विक्रेता ने अपने समर्थन में दर्जनों लोगों को बुलाकर बवाल काटा. इसी दौरान कोतवाल पहुंच गए और एबीवीपी के संगठन मंत्री राकेश और राष्ट्रीय कार्यक्रम कार्यसमिति सदस्य राघवेंद्र सिंह को जबरन गाड़ी में बैठा लिया. यह सूचना फैली तो इससे आक्रोशित होकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली पहुंचकर गेट पर कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया.
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एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि उन्हें कोतवाल ने कपड़ा तक नहीं पहनने दिया. उन्हे बिना किसी एफआईआर के गाड़ी में खींच कर बैठाया गया. यह उनका नहीं पूरे संगठन का अपमान है. वह तब तक भोजन नहीं करेंगे जब तक कोतवाल पर कार्रवाई नहीं हो जाती. इसी घटना को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय पर आमरण अनशन किया. इस दौरान एएसपी पंकज कुमार, एडीएम रमेश चंद्र, रुधौली विधायक संजय जायसवाल, सदर विधायक दयाराम चौधरी समेत जिलाध्यक्ष पवन कसौधन और सदर एसडीम शिव प्रताप शुक्ला भी मौजूद रहे. विधायकों के काफी समझाने बुझाने और एएसपी पंकज कुमार के आश्वासन के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने अनशन तोड़ा.
एबीवीपी जिम्मेदार संगठन है और हमारा प्रयास है इनकी समस्या का निराकरण हो सके. सभी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है और मुझे लगता है एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को जरूर एक सकारात्मक निर्णय मिलेगा.
-संजय जायसवाल, विधायक, रुधौली