ETV Bharat / state

बस्ती में पंचायत चुनाव को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट, विकास को लेकर ग्रामीण करेंगे वोट - पंचायत चुनाव-2021

पंचायत चुनाव-2021 की सरगर्मियां बस्ती में भी देखने को मिल रही हैं. जिले के महुघाट गांव के लोग नये ग्राम प्रधान को लेकर काफी सतर्क हैं. वजह है गांव के विकास की अनदेखी.

बस्ती में पंचायत चुनाव को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट
बस्ती में पंचायत चुनाव को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट
author img

By

Published : Feb 4, 2021, 10:46 AM IST

बस्तीः पंचायत चुनाव-2021 की अब जिले के गांवों में चर्चा होनी लगी है. पूर्व प्रधान ने कितने काम किए, नया होने वाला प्रधान कौन और कैसा विकास करेगा, ऐसी ही बातों को लेकर गांव के नुक्कड़ों पर लोग चर्चा करते हुए देखे जा सकते हैं. देखा जाए तो लोग जात-पात से ऊपर उठकर विकास की ही बात कर रहे हैं.

बस्ती में पंचायत चुनाव को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट

गांव के विकास पर राय
पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में चर्चा तेज हो गयी है. नए और पुराने प्रधान को लेकर लोग विकास का लेखा-जोखा बनाने में जुट गए हैं. इनका विजन साफ है, बहुत दे लिए जात-पात पर वोट अबकी बार गांव के विकास को ही मुद्दा बनाना है. हालांकि अभी पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन अभी से लोग नये प्रधान को लेकर गांव के नफे-नुकसान के बारे में चर्चा करते हुए दिख जा रहे हैं. ऐसे ही एक गांव महुघाट में चुनाव की स्थिति का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची. जहां लोगों से बात कर पता चला कि पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने इस गांव की मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई काम नहीं किया है. जिसकी वजह से ये गांव विकास के पथ से कोसों पीछे है.

बदहाल गांव की कब बदलेगी तस्वीर
गांव की नालियां सही तरीके से नहीं बनाई गयी है. जिसकी वजह से इनमें कूड़ा-करकट भरा पड़ा है. स्थिति ये है कि नालियों से पानी निकल नहीं पाता है, जाम जैसे हालात बने हैं. लेकिन उसकी साफ-सफाई और मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों ने कोई काम नहीं करवाया है. सड़के टूटी पड़ी हैं, यहां शिक्षा के नाम पर केवल एक प्राइमरी स्कूल है, जिसपर पिछले पांच सालों से कोई काम नहीं हुआ है. गांव के लोगों का कहना है कि जिस मकसद से गांव के प्रधान को अपना वोट देकर चुना था. वो उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है. ग्रामीण पुराने प्रधान की कार्यशैली से काफी नाराज हैं. लोगों का कहना है कि प्रधान पर ही गांव के विकास की जिम्मेदारी होती है, अगर वही इसमें लापरवाही बरतेगा, तो ऐसे में कैसे विकास होगा. आखिर कैसे बदलेगी गांव की तस्वीर.

बस्तीः पंचायत चुनाव-2021 की अब जिले के गांवों में चर्चा होनी लगी है. पूर्व प्रधान ने कितने काम किए, नया होने वाला प्रधान कौन और कैसा विकास करेगा, ऐसी ही बातों को लेकर गांव के नुक्कड़ों पर लोग चर्चा करते हुए देखे जा सकते हैं. देखा जाए तो लोग जात-पात से ऊपर उठकर विकास की ही बात कर रहे हैं.

बस्ती में पंचायत चुनाव को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट

गांव के विकास पर राय
पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में चर्चा तेज हो गयी है. नए और पुराने प्रधान को लेकर लोग विकास का लेखा-जोखा बनाने में जुट गए हैं. इनका विजन साफ है, बहुत दे लिए जात-पात पर वोट अबकी बार गांव के विकास को ही मुद्दा बनाना है. हालांकि अभी पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन अभी से लोग नये प्रधान को लेकर गांव के नफे-नुकसान के बारे में चर्चा करते हुए दिख जा रहे हैं. ऐसे ही एक गांव महुघाट में चुनाव की स्थिति का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची. जहां लोगों से बात कर पता चला कि पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने इस गांव की मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई काम नहीं किया है. जिसकी वजह से ये गांव विकास के पथ से कोसों पीछे है.

बदहाल गांव की कब बदलेगी तस्वीर
गांव की नालियां सही तरीके से नहीं बनाई गयी है. जिसकी वजह से इनमें कूड़ा-करकट भरा पड़ा है. स्थिति ये है कि नालियों से पानी निकल नहीं पाता है, जाम जैसे हालात बने हैं. लेकिन उसकी साफ-सफाई और मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधियों ने कोई काम नहीं करवाया है. सड़के टूटी पड़ी हैं, यहां शिक्षा के नाम पर केवल एक प्राइमरी स्कूल है, जिसपर पिछले पांच सालों से कोई काम नहीं हुआ है. गांव के लोगों का कहना है कि जिस मकसद से गांव के प्रधान को अपना वोट देकर चुना था. वो उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है. ग्रामीण पुराने प्रधान की कार्यशैली से काफी नाराज हैं. लोगों का कहना है कि प्रधान पर ही गांव के विकास की जिम्मेदारी होती है, अगर वही इसमें लापरवाही बरतेगा, तो ऐसे में कैसे विकास होगा. आखिर कैसे बदलेगी गांव की तस्वीर.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.