बस्ती: जिले के अतिसंवेदनशील बीडी बांध पर सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से दबाव बढ़ता जा रहा है. बांधों पर अनुरक्षण कार्य की प्रगति जहां काफी लचर है वहीं तटबंध की सुरक्षा के लिए भी कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं. केंद्रीय जल आयोग की मानें तो नदी का जलस्तर अभी लगातार बढ़ रहा है लेकिन इन गांवों की सुरक्षा के लिए अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है.
बाढ़ से संकट में हैं गांव-
- नदी के किनारे 4 गांव कल्यानपुर ,भरथापुर, केशवपुर और पड़ाव का अस्तित्व खतरे में है.
- प्राथमिक विद्यालय सीतारामपुर, पूर्व माध्यमिक विद्यालय कल्यानपुर व गौरियानय के शव दाह गृह का अस्तित्व भी खतरे में है.
- विक्रमजोत विकास खंड के तटबंध विहीन गांवों के अस्तित्व पर संकट मडराने लगा है.
- प्रशासनिक उदासीनता के चलते सरयू नदी के किनारे बसे इन गांवों को हर वर्ष बाढ़ की पीड़ा झेलनी पड़ती है.
- वर्ष 2018 की बाढ़ में सहजौरा पाठक गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो गया.
- इस बार बाढ़ से बचने के लिये प्रशासन के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया है.
- ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने इस बार कोई व्यवस्था नहीं की तो हमारे घर नदी की धारा में समा जायेंगे.
अतिसंवेदनशील तटबंध कल्याणपुर गांव के पास और दूसरा कटरिया चांदपुर व चांदपुर गौरा तटबंध है. बाढ़ विभाग के अधिकारी लगातार बंधो का निरीक्षण कर रहे है. जहां तटबंध होता है उसकी सुरक्षा के लिए सरकार धन मुहैया कराती है. तटबंध विहीन गांवों की सुरक्षा के लिए धन मिलेगा तो वहां भी कार्य कराया जाएगा. विक्रमजोत-लालपुर तटबंध बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. धन मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
डीएम राजशेखर