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बस्ती: खतरे के निशान के पार बह रही घाघरा, गांवों में घुसा पानी-इंतजाम नाकाफी

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों में पानी भर गया है. बाढ़ आने से लोगों को परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है. वहीं प्रशासन के किए गए कार्य नाकाफी नजर आ रहे हैं.

घरों से पलायन करते लोग.
घरों से पलायन करते लोग.
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Published : Aug 3, 2020, 11:25 AM IST

बस्ती: जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर से ऊपर बह रही है. नदी के बाढ़ के चलते तटवर्ती गांव के कई गांव और खेत जलमग्न हो गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से बाढ़ राहत के लिए उचित इंतजाम नहीं किए गए हैं. लोगों ने प्रशासन से शीघ्र आपदा राहत वितरित कराने की मांग की है.

घरों से पलायन करते लोग.

शनिवार को तेज बारिश के चलते घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. जलस्तर बढ़ने से नदी ने किनारे के इलाकों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है. 12 से अधिक गांवों में पानी घुस आया है, जिससे लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. गांव बाघानाला, गौरियानयन, भरथापुर, कल्याणपुर,संदलपुर सहित कई गांवों में घुसा पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.

बाढ़ से परेशान ग्रामीण.
बाढ़ से परेशान ग्रामीण.

बाढ़ से कोई राहत न मिलने पर ग्रामीणों ने प्रशासन पर शिथिलता का आरोप लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ खण्ड के समुचित कटानरोधी कार्य न कराये जाने से प्रतिवर्ष सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य जमीन नदी में समाहित होती है. वहीं दशकों के संघर्ष के बाद भी क्षेत्र का 4 किलोमीटर का एरिया आज भी तटबंध विहीन है.

घरों में पानी आ जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. समाज सेवी चंद्रमणि ने तत्काल आपदा राहत वितरण के साथ-साथ फसल व जमीन नुकसान की प्रतिपूर्ति की मांग करते हुए चेतावनी दी कि प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो 7 अगस्त से जल सत्याग्रह करने को मजबूर होंगे.

बस्ती: जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर से ऊपर बह रही है. नदी के बाढ़ के चलते तटवर्ती गांव के कई गांव और खेत जलमग्न हो गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से बाढ़ राहत के लिए उचित इंतजाम नहीं किए गए हैं. लोगों ने प्रशासन से शीघ्र आपदा राहत वितरित कराने की मांग की है.

घरों से पलायन करते लोग.

शनिवार को तेज बारिश के चलते घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. जलस्तर बढ़ने से नदी ने किनारे के इलाकों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है. 12 से अधिक गांवों में पानी घुस आया है, जिससे लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. गांव बाघानाला, गौरियानयन, भरथापुर, कल्याणपुर,संदलपुर सहित कई गांवों में घुसा पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.

बाढ़ से परेशान ग्रामीण.
बाढ़ से परेशान ग्रामीण.

बाढ़ से कोई राहत न मिलने पर ग्रामीणों ने प्रशासन पर शिथिलता का आरोप लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ खण्ड के समुचित कटानरोधी कार्य न कराये जाने से प्रतिवर्ष सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य जमीन नदी में समाहित होती है. वहीं दशकों के संघर्ष के बाद भी क्षेत्र का 4 किलोमीटर का एरिया आज भी तटबंध विहीन है.

घरों में पानी आ जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. समाज सेवी चंद्रमणि ने तत्काल आपदा राहत वितरण के साथ-साथ फसल व जमीन नुकसान की प्रतिपूर्ति की मांग करते हुए चेतावनी दी कि प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो 7 अगस्त से जल सत्याग्रह करने को मजबूर होंगे.

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