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बस्ती: श्रृंगीनारी के ऐतिहासिक बुढ़वा मंगल के मेले पर कोरोना का ग्रहण

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कोरोना की वजह से लगाए गए प्रतिबंध के कारण आषाढ़ मास के अंतिम मंगलवार को श्रृंगीनारी में लगने वाला बुढ़वा मंगल मेला नहीं लगा. एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने मन्दिर परिसर में भीड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.

मन्दिर परिसर में भीड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया.
मन्दिर परिसर में भीड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया.
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Published : Jul 1, 2020, 3:42 AM IST

बस्तीः कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ को लेकर प्रतिबंध लगाए हैं. लगाये गए प्रतिबंध के कारण आषाढ़ मास के अंतिम मंगलवार को श्रृंगीनारी में लगने वाला बुढ़वा मंगल मेला नहीं लगा. मंगलवार को एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने मन्दिर परिसर में भीड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.

दरअसल जनपद के श्रृंगीनारी में शांता माता के ऐतिहासिक मन्दिर पर हर साल आषाढ़ मास के अंतिम मंगलवार को मेला लगता है, जिसे बुढ़वा मंगल भी कहते हैं. इस मेले में लाखों की भीड़ यहां पहुंचती है. वहीं प्रशासन ने इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए भीड़ को रोकने के लिए मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दिया था.

हालांकि कम संख्या में ही सही श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे, जिन्हें प्रशासन ने कोविड-19 के नियम और शर्तों के साथ दूर से ही दर्शन करने की अनुमति दी. इस दौरान हरैया एसडीएम, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मंदिर पर पहुंचकर जायजा लिया.

ऐसा पहली बार हुआ जब बुढ़वा मंगल पर मेला नहीं लगा, लेकिन पिछले चार महीने से कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए शासन-प्रशासन ने सख्त कदम उठाया. इतना ही नहीं कोरोना के चलते शासन ने सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ को प्रतिबंधित कर दिया. साथ ही प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी. इस मेले में हर साल लगभग एक लाख की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. मान्यता है कि भगवान श्री राम की बड़ी बहन शांता का मंदिर यही है. शांता माता का विवाह श्रृंगी ऋषि से हुआ था. श्रृंगी ऋषि ने ही मखौड़ा धाम में राजा दशरथ का पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया था, जिसके बाद भगवान राम और उनके भाई जन्म लिए थे.

ये भी पढ़ेंः बेघरों को न मिल सका आसरा, गरीबों के आवास पर अमीरों का कब्जा

बस्तीः कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ को लेकर प्रतिबंध लगाए हैं. लगाये गए प्रतिबंध के कारण आषाढ़ मास के अंतिम मंगलवार को श्रृंगीनारी में लगने वाला बुढ़वा मंगल मेला नहीं लगा. मंगलवार को एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने मन्दिर परिसर में भीड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.

दरअसल जनपद के श्रृंगीनारी में शांता माता के ऐतिहासिक मन्दिर पर हर साल आषाढ़ मास के अंतिम मंगलवार को मेला लगता है, जिसे बुढ़वा मंगल भी कहते हैं. इस मेले में लाखों की भीड़ यहां पहुंचती है. वहीं प्रशासन ने इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए भीड़ को रोकने के लिए मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दिया था.

हालांकि कम संख्या में ही सही श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे, जिन्हें प्रशासन ने कोविड-19 के नियम और शर्तों के साथ दूर से ही दर्शन करने की अनुमति दी. इस दौरान हरैया एसडीएम, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मंदिर पर पहुंचकर जायजा लिया.

ऐसा पहली बार हुआ जब बुढ़वा मंगल पर मेला नहीं लगा, लेकिन पिछले चार महीने से कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए शासन-प्रशासन ने सख्त कदम उठाया. इतना ही नहीं कोरोना के चलते शासन ने सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ को प्रतिबंधित कर दिया. साथ ही प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी. इस मेले में हर साल लगभग एक लाख की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. मान्यता है कि भगवान श्री राम की बड़ी बहन शांता का मंदिर यही है. शांता माता का विवाह श्रृंगी ऋषि से हुआ था. श्रृंगी ऋषि ने ही मखौड़ा धाम में राजा दशरथ का पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया था, जिसके बाद भगवान राम और उनके भाई जन्म लिए थे.

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