बस्ती: जिले को उत्तर प्रदेश सरकार ने काफी दिन पहले ही ओडीएफ घोषित कर रखा है, लेकिन इस जिले में शौचालय के नाम पर बहुत बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. यहां पर कागजों में शौचालय तो तैयार हो गए हैं लेकिन धरातल पर यहां कोई काम नहीं हुआ है. यहां तक कि मृतकों के नाम पर शौचालय के पैसों को खारिज करके भुगतान करा लिया गया है, लेकिन जिम्मेदारों को इसकी सुध नहीं है.
कागजों में बना शौचालय
जिले के हरैया ब्लॉक के इन्दौली गांव में सरकार के धन से आधा-अधूरा शौचालय बनाया गया है. यहां पर जिम्मेदार अधिकारियों ने मृतकों के नाम शौचालय एलॉट करके पैसा डकार लिया है. इतना ही नहीं ग्रामीण इस बात को जानते ही नहीं कि सरकार ने उनके नाम पर शौचालय का निर्माण करवाया है. शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके गांव में ऐसे बहुत लोग हैं, जिनको शौचालय का धन सरकार से मिला ही नहीं और कागजों में शौचालय के लिए धन प्राप्त हो गया है.
प्रधान ने गबन किया शौचालय का पैसा
गांव के लोगों ने बताया कि उन्हें यह पता ही नहीं है कि उनके नाम पर शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. प्रधान ने ग्रामीणों के नाम पर शौचालय का गबन कर लिया और उन्हें कानों-कान खबर तक नहीं हुई. ईटीवी भारत ने गांव में निर्माण हुए शौचालय की लिस्ट निकाली और जब इसकी जमीनी पड़ताल की तो प्रधान द्वारा किए गए घोटाले की परत दर परत खुलनी शुरू हो गई. इस लिस्ट में एक दो ग्रामीण नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसे ग्रामीण हैं, जिनके नाम पर शौचालय के लिए दिया गया पैसा प्रधान ने खा लिया और पात्र व्यक्तियों को इस योजना से दूर कर दिया.
प्रधान के खिलाफ अभी तक नहीं लिया गया एक्शन
गांव के उदय प्रताप सिंह ने बहरहाल इस पूरे मामले की जिलाधिकारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और बीडीओ को शिकायत पत्र देकर निष्पक्ष जांच के लिए आवेदन दिया लेकिन अभी तक न ही जांच की गई है और ना ही गबनकारी प्रधान के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया है.
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के सामने यह मामला जब पहुंचा तो उन्होंने बताया कि इसकी जांच करवाई जा रही है. जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.