बस्ती: प्रधानमंत्री की हर गरीब को घर देने की योजना पर कोरोना का असर पड़ा तो गरीब परिवारों की आस भी टूट गई. पिछले वर्ष 2020 से इस योजना पर ग्रहण लग गया और किसी भी लाभार्थी को कोई लाभ नहीं मिला. जिसका मकान जिस हालत में था, वहीं रुक गया. अब वह सरकार की ओर आस भारी निगाहों से देखता रहा कि कब उसके अरमानों में पंख लगेंगे और उनका भी अपना एक सपनो का घर होगा.
डूडा ने दस हजार परिवारों का किया चयन
पिछले एक साल से लेकर अभी तक डूडा विभाग के तहत लगभग 10 हजार गरीबों का चयन किया गया है, जिन्हें आवास के लिए कुल ढाई लाख रुपये किस्त वाइस दिए जाएंगे. यह रकम उन्हें मिलेगी, जो गरीब श्रेणी में आते हैं, जिनके पास अपनी जमीन है, जिसके पास पक्का मकान नहीं है. परियोजना निदेशक डूडा चन्द्रभान वर्मा ने बताया कि मार्च के अंत तक 9999 गरीब पात्रों को इस योजना का लाभ देना है. जिसके सापेक्ष अभी तक लगभग 8000 पात्रों के खाते में पहली किस्त के तौर पर धन भी भेजा जा चुका है.
कोरोना की वजह से गत वर्ष नहीं मिला था बजट
चन्द्रभान वर्मा ने बताया कि पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से योजना पूरी तरह से रोक दी गई थी और सरकार की तरफ से एक रुपये का बजट भी नहीं मिला था. अब स्थिति सामान्य होने पर गरीबों का कल्याण होना शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना घर होगा. ऐसे में इस योजना को लेकर सरकार भी बेहद गंभीर है.
शहर में चलाई जा रही डूडा योजना
चन्द्रभान वर्मा ने बताया कि जिस तरह से ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना चलाई जा रही उसी तर्ज पर शहर के गरीब परिवारों के लिए भी प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत की है. डूडा के पीओ ने कहा कि मार्च के बाद फिर दस हजार गरीब परिवारों को मकान देने का लक्ष्य है, जिस लेकर अभी से विभाग ने तैयारी शुरू कर दी हैं.
यह भी पढे़ंः हर साल झेलते हैं बाढ़ की मार, नहीं बन रहा आवास