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बस्ती: रैन बसेरों में मिल रही चैन की रैना - बस्ती समाचार

प्रदेश सरकार ने ठंड को देखते हुए शासनादेश जारी किया था कि शहर के बस अड्डों और रेलवे स्टेशन के पास रैन बसेरों का इंतजाम किया जाए. यूपी के बस्ती में नगर पालिका प्रशासन ने इसके लिए बेहतर इंतजाम किए हैं.

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रैन बसेरा
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Published : Dec 22, 2019, 7:18 PM IST

बस्ती: कड़ाके की ठंड में नगर पालिका ने असहायों के लिए दो जगहों पर अस्थाई रैन बसेरा की व्यवस्था की है. यहां सोने के लिए टेंट के गद्दे हैं. रात में रोशनी के लिए बल्ब लगाए गए हैं. ठंड में ये आश्रय लोगों की नींद पूरी करने का बसेरा बने हुए हैं. गांधी नगर के टाउन क्लब के एक बड़े आंगन को नगर पालिका ने अस्थाई रैन बसेरा बनाया है. यहां दूरदराज से मजदूरी करने वाले लोग अपनी रात गुजारते हैं.

रैन बसेरों में बेहतर सुविधा.

सोने के लिए गद्दे
ईटीवी भारत की टीम रैन बसेरों के हालात जानने के लिए जिले में मौजूद रैन बसेरों में पहुंची. यहां के रैन बसेरे में आठ शरणार्थी मिले. देखरेख करने वाले कर्मचारी ने बताया कि यहां ठहरने वाले सभी लोगों का नाम दर्ज है. अलाव के लिए लकड़ी भी रखी हुई थी. दीपक, जनक, भीम बहादुर, दान बहादुर आदि ने बताया कि उन्हें रहने की निशुल्क व्यवस्था मिली है. अलाव जलाने के लिए भी व्यवस्था की गई है.

नगर पालिका कार्यालय के पीछे भी रैन बसेरा
दूसरा अस्थायी रैन बसेरा नगर पालिका कार्यालय भवन के पीछे बनाया गया है. लेकिन यहां बहुत कम लोग आकर रुकते हैं. इस रैनबसेरा की अभी पहचान नहीं हो पा रही है. यहां शरणार्थियों के लिए बिस्तर हैं, लेकिन अलाव और लाइट की व्यवस्था नहीं है.

इसे भी पढ़ें - लखनऊ: शासन ने कराई रैन बसेरों की व्यवस्था, फुटपाथ पर सोने वालों को नहीं जानकारी

ठंड को देखते हुए दो जगहों पर रैन बसेरा की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. जरूरतमंदों को बंद कमरा और बिस्तर दोनों दिया जा रहा है. अलाव की भी व्यवस्था प्रतिदिन कराई जा रही है.
- आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

बस्ती: कड़ाके की ठंड में नगर पालिका ने असहायों के लिए दो जगहों पर अस्थाई रैन बसेरा की व्यवस्था की है. यहां सोने के लिए टेंट के गद्दे हैं. रात में रोशनी के लिए बल्ब लगाए गए हैं. ठंड में ये आश्रय लोगों की नींद पूरी करने का बसेरा बने हुए हैं. गांधी नगर के टाउन क्लब के एक बड़े आंगन को नगर पालिका ने अस्थाई रैन बसेरा बनाया है. यहां दूरदराज से मजदूरी करने वाले लोग अपनी रात गुजारते हैं.

रैन बसेरों में बेहतर सुविधा.

सोने के लिए गद्दे
ईटीवी भारत की टीम रैन बसेरों के हालात जानने के लिए जिले में मौजूद रैन बसेरों में पहुंची. यहां के रैन बसेरे में आठ शरणार्थी मिले. देखरेख करने वाले कर्मचारी ने बताया कि यहां ठहरने वाले सभी लोगों का नाम दर्ज है. अलाव के लिए लकड़ी भी रखी हुई थी. दीपक, जनक, भीम बहादुर, दान बहादुर आदि ने बताया कि उन्हें रहने की निशुल्क व्यवस्था मिली है. अलाव जलाने के लिए भी व्यवस्था की गई है.

नगर पालिका कार्यालय के पीछे भी रैन बसेरा
दूसरा अस्थायी रैन बसेरा नगर पालिका कार्यालय भवन के पीछे बनाया गया है. लेकिन यहां बहुत कम लोग आकर रुकते हैं. इस रैनबसेरा की अभी पहचान नहीं हो पा रही है. यहां शरणार्थियों के लिए बिस्तर हैं, लेकिन अलाव और लाइट की व्यवस्था नहीं है.

इसे भी पढ़ें - लखनऊ: शासन ने कराई रैन बसेरों की व्यवस्था, फुटपाथ पर सोने वालों को नहीं जानकारी

ठंड को देखते हुए दो जगहों पर रैन बसेरा की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. जरूरतमंदों को बंद कमरा और बिस्तर दोनों दिया जा रहा है. अलाव की भी व्यवस्था प्रतिदिन कराई जा रही है.
- आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव बस्ती यूपी मो -9889557333 स्लग - रैन बसेरा में बेसहारा एंकर - कड़ाके की ठंड में नगर पालिका ने असहायों के लिए दो जगहों पर अस्थाई रैन बसेरा की व्यवस्था की है। यहां सोने के लिए फर्श और टेंट के बिस्तर है। बिजली के नाम पर बल्ब और जलकल का पानी सप्लाई भी है। इस इंतजाम में बाहर से आने वाले जरूरतमंद जानकारी होने पर इन रैन बसेरा को अपना आश्रय बना रहे हैं। गांधी नगर के टाउन क्लब के एक बड़े छाजन को नगर पालिका ने अस्थाई रैन बसेरा बनाया है। यहां बस्ती के दूरदराज से शहर आकर व्यवसाय करने वाले लोगों का ठौर बना हुआ है। उन्हें इस ठंड में मुफ्त में रहने की सुविधा मिल रही है। हालांकि मूलभूत सुविधाओं का यहां अभाव है। सोने के लिए तख्त एवं चारपाई का इंतजाम नहीं है। टेंट के कुछ गद्दे बिछाकर फर्श पर ही सोना पड़ रहा है। हमारी टीम देर शाम इस रैन बसेरा में पहुंची तो यहां इस रैन बसेरे में आठ शरणार्थी मौजूद मिले। देखरेख करने वाले नपा कर्मचारी ने बताया कि यहां ठहरने वाले सभी लोगों का नाम दर्ज है। अलाव के लिए लकड़ी भी रखी हुई थी। दीपक, जनक, भीम बहादुर, दान बहादुर आदि ने बताया कि उन्हें रहने की निश्शुल्क व्यवस्था यहां मिल रही है। दूसरी ओर नगर पालिका कार्यालय भवन के पीछे भी अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है। लेकिन यहां यदा कदा ही लोग आकर रूकते हैं। इस रैनबसेरा की अभी पहचान नहीं हो पा रही है। यहां भी शरणार्थियों के लिए बिस्तर के सिवाय और कोई सुविधा नहीं है।


Body:वहीं अलाव की व्यवस्था अभी ठीक तरीके से नहीं हो पाई है, सिर पुलिस चौकियों पर पालिका प्रशासन द्वारा अलाव जलवाया जा रहा है जब की जहां जरूरत है वहां गरीबी ठंड से ठिठुर रहे है, लोग किसी तरह कागज और पन्नी के सहारे आग लगा कर अलाव का इंतेजाम कर रहे है।


Conclusion: डी एम् आशुतोष निरंजन ने कहा कि ठंड को देखते हुए दो जगहों पर रैन बसेरा की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है। जरूरतमंदों को बंद कमरा और बिस्तर दोनों दिया जा रहा है। अलाव की भी व्यवस्था प्रतिदिन कराई जा रही है बाइट - मजदूर बाइट - मजदूर बाइट - रिक्सा चालक बाइट - आशुतोष निरंजन,,,,,डी एम् बस्ती यूपी
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