बस्ती: कड़ाके की ठंड में नगर पालिका ने असहायों के लिए दो जगहों पर अस्थाई रैन बसेरा की व्यवस्था की है. यहां सोने के लिए टेंट के गद्दे हैं. रात में रोशनी के लिए बल्ब लगाए गए हैं. ठंड में ये आश्रय लोगों की नींद पूरी करने का बसेरा बने हुए हैं. गांधी नगर के टाउन क्लब के एक बड़े आंगन को नगर पालिका ने अस्थाई रैन बसेरा बनाया है. यहां दूरदराज से मजदूरी करने वाले लोग अपनी रात गुजारते हैं.
सोने के लिए गद्दे
ईटीवी भारत की टीम रैन बसेरों के हालात जानने के लिए जिले में मौजूद रैन बसेरों में पहुंची. यहां के रैन बसेरे में आठ शरणार्थी मिले. देखरेख करने वाले कर्मचारी ने बताया कि यहां ठहरने वाले सभी लोगों का नाम दर्ज है. अलाव के लिए लकड़ी भी रखी हुई थी. दीपक, जनक, भीम बहादुर, दान बहादुर आदि ने बताया कि उन्हें रहने की निशुल्क व्यवस्था मिली है. अलाव जलाने के लिए भी व्यवस्था की गई है.
नगर पालिका कार्यालय के पीछे भी रैन बसेरा
दूसरा अस्थायी रैन बसेरा नगर पालिका कार्यालय भवन के पीछे बनाया गया है. लेकिन यहां बहुत कम लोग आकर रुकते हैं. इस रैनबसेरा की अभी पहचान नहीं हो पा रही है. यहां शरणार्थियों के लिए बिस्तर हैं, लेकिन अलाव और लाइट की व्यवस्था नहीं है.
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ठंड को देखते हुए दो जगहों पर रैन बसेरा की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. जरूरतमंदों को बंद कमरा और बिस्तर दोनों दिया जा रहा है. अलाव की भी व्यवस्था प्रतिदिन कराई जा रही है.
- आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी